परिचय
भारत प्रोजेक्ट स्वयात के माध्यम से अपने स्वयं के समुद्री स्वायत्त सतही पोत (MASS) बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह पहल इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) के सहयोग से की जा रही है। यह कदम स्वायत्त शिपिंग प्रौद्योगिकी में विदेशी निर्भरता को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
MASS क्या है
एक समुद्री स्वायत्त सतही पोत (MASS) ऐसा जहाज़ है जो न्यूनतम या बिना मानव भागीदारी के संचालित हो सकता है। इसका उद्देश्य दक्षता, सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ाना है।
अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (IMO) ने MASS को चार स्वायत्त श्रेणियों में विभाजित किया है।
स्थैतिक तथ्य: IMO की स्थापना 1948 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में हुई थी।
IMO वर्गीकरण
- स्वचालित प्रक्रियाओं और निर्णय सहायता वाले पोत।
- चालक दल के साथ दूर से नियंत्रित पोत।
- चालक दल के बिना दूर से नियंत्रित पोत।
- पूर्ण स्वायत्त पोत, जो स्वयं निर्णय ले सकता है।
प्रोजेक्ट स्वयात
- भारत का पहला स्वदेशी स्वायत्त पोत बनाने का लक्ष्य।
- कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL) मुख्य डेवलपर है।
- IRS तकनीकी सहायता और वर्गीकरण प्रदान कर रहा है।
स्थैतिक तथ्य: कोचीन शिपयार्ड की स्थापना 1972 में हुई और इसने भारत का पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत बनाया।
भारत के लिए महत्व
- मानव त्रुटि से होने वाले हादसों में कमी।
- संचालन लागत घटेगी, दक्षता बढ़ेगी।
- 7,500 किमी लंबी समुद्र तट रेखा वाले भारत की ब्लू इकोनॉमी को आधुनिक बनाने में मदद।
- आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण से तकनीकी स्वावलंबन।
वैश्विक परिप्रेक्ष्य
- नॉर्वे, जापान और दक्षिण कोरिया पहले से ही MASS का परीक्षण कर रहे हैं।
- प्रोजेक्ट स्वयात भारत को स्मार्ट शिपिंग में वैश्विक नेताओं की श्रेणी में लाएगा।
चुनौतियाँ
- उच्च लागत।
- साइबर सुरक्षा खतरे।
- नए कानूनी और नियामक ढांचे की आवश्यकता।
निष्कर्ष
प्रोजेक्ट स्वयात भारत के समुद्री भविष्य की दिशा में मील का पत्थर है। स्वदेशी MASS विकसित कर भारत न केवल तकनीकी रूप से मजबूत होगा, बल्कि अपनी ब्लू इकोनॉमी और वैश्विक समुद्री ताकत के रूप में भी उभरेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नेतृत्व करने वाले संगठन | इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड |
परियोजना का नाम | प्रोजेक्ट स्वयात |
उद्देश्य | स्वदेशी स्वायत्त पोत (MASS) का विकास |
MASS का पूर्ण रूप | समुद्री स्वायत्त सतही पोत |
IMO की भूमिका | MASS को चार डिग्री में वर्गीकृत करना |
MASS डिग्री 1 | स्वचालित प्रक्रियाएँ और निर्णय समर्थन |
MASS डिग्री 2 | चालक दल के साथ दूर से नियंत्रित पोत |
MASS डिग्री 3 | चालक दल के बिना दूर से नियंत्रित पोत |
MASS डिग्री 4 | पूर्ण स्वायत्त पोत |
भारत की समुद्र तट रेखा | 7,500 किमी |
कोचीन शिपयार्ड की स्थापना | 1972 |
CSL का स्थान | केरल |
पहला स्वदेशी विमानवाहक पोत | आईएनएस विक्रांत |
MASS में वैश्विक अग्रणी देश | नॉर्वे, जापान, दक्षिण कोरिया |
प्रमुख लाभ | लागत में कमी, सुरक्षा, दक्षता |
मुख्य चुनौती | साइबर सुरक्षा और कानूनी ढाँचा |
जुड़ाव | आत्मनिर्भर भारत दृष्टि |
IMO स्थापना वर्ष | 1948 |
ब्लू इकोनॉमी प्रासंगिकता | समुद्री व्यापार और आधुनिकीकरण को बढ़ावा |