अवलोकन
भारत की फैक्ट्री गेट मुद्रास्फीति, जिसे थोक मूल्य सूचकांक (WPI) से मापा जाता है, जुलाई 2025 में -0.58% तक गिर गई, जो दो साल में सबसे कम है। लगातार दूसरे महीने WPI नकारात्मक रहा, मुख्यतः खाद्य और ईंधन की कीमतों में गिरावट के कारण। हालाँकि, कुछ विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें बढ़ती रहीं।
थोक मूल्य सूचकांक की संरचना
WPI थोक स्तर पर वस्तुओं की कीमतों में बदलाव को ट्रैक करता है। यह तीन मुख्य वर्गों में बंटा है – प्राथमिक लेख (22.6%), ईंधन और ऊर्जा (13.2%), और विनिर्मित उत्पाद (64.2%)।
स्थैतिक जीके तथ्य: WPI की गणना के लिए आधार वर्ष 2011–12 है।
खाद्य वस्तुओं का WPI में कुल भार 24.4% है। इसके प्रमुख उपसमूहों में बेसिक मेटल्स, खाद्य उत्पाद, रसायन और वस्त्र शामिल हैं।
खाद्य कीमतों की प्रवृत्ति
जुलाई 2025 में प्राथमिक खाद्य लेखों में 6.29% की गिरावट रही, जो लगातार तीसरे महीने की मंदी है। प्रमुख गिरावटें थीं:
- प्याज: -44.4%
- आलू: -41.3%
- सब्ज़ियाँ: -28.9%
दलहन में -15.12%, फल में -2.65%, और अंडे, मांस व मछली जैसी प्रोटीन युक्त खाद्य वस्तुओं में -1.09% की गिरावट हुई। इसके विपरीत, गेहूँ में +4.4% और तिलहन में +9.77% की वृद्धि हुई।
स्थैतिक जीके टिप: भारत दुनिया के शीर्ष पाँच उत्पादकों में है प्याज, आलू और दलहन का।
ईंधन और ऊर्जा की चाल
जुलाई में ईंधन और ऊर्जा की कीमतें -2.43% घटीं। पेट्रोल में -5.7% और हाई-स्पीड डीज़ल में -4.3% की गिरावट रही। यह क्रमशः लगातार 14वें और 27वें महीने की गिरावट थी। हालाँकि, खाना पकाने की गैस +1.23% बढ़ी, जो श्रेणी में असमान प्रवृत्ति दर्शाती है।
विनिर्मित उत्पादों में मुद्रास्फीति
जुलाई में विनिर्मित वस्तुओं की कीमतें +2.05% बढ़ीं। प्रमुख वृद्धि इस प्रकार थीं:
- परिधान: +2.5%
- चमड़ा: +2.57%
- गैर-धातु खनिज उत्पाद: +2.7%
- सीमेंट और प्लास्टर: +3.4%
पशु तेल और वसा की कीमतें अब भी ऊँची +22.04% पर रहीं। खाद्य उत्पाद, कागज़, रसायन और दवाइयों में मामूली वृद्धि हुई।
आर्थिक दृष्टिकोण
विशेषज्ञों का मानना है कि जुलाई में WPI अपनी न्यूनतम सीमा पर था और अगस्त 2025 से यह फिर सकारात्मक क्षेत्र में लौट सकता है। खाद्य और कच्चे तेल की बढ़ती कीमतें, मुद्रा अवमूल्यन और मौसमी बारिश इसके प्रमुख कारक होंगे। भारी वर्षा नाशवान खाद्य वस्तुओं की कीमतें और बढ़ा सकती है।
खुदरा मुद्रास्फीति से संबंध
WPI की प्रवृत्ति खुदरा मुद्रास्फीति (CPI) से मेल खाती है, जो जुलाई 2025 में 1.55% पर आ गई, जो आठ वर्षों में सबसे कम है। खाद्य कीमतों में गिरावट के बावजूद खाद्य तेल की वैश्विक आपूर्ति समस्या ने लागत बढ़ाई। यह नरमी मौद्रिक नीति और आर्थिक योजना के लिए सहायक मानी जा रही है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| जुलाई 2025 WPI मुद्रास्फीति दर | -0.58% |
| लगातार नकारात्मक मुद्रास्फीति के महीने | 2 |
| WPI में विनिर्मित उत्पादों का भार | 64.2% |
| प्याज की कीमत में बदलाव | -44.4% |
| आलू की कीमत में बदलाव | -41.3% |
| ईंधन और ऊर्जा मुद्रास्फीति | -2.43% |
| पेट्रोल कीमत बदलाव | -5.7% |
| डीज़ल कीमत बदलाव | -4.3% |
| विनिर्मित वस्तुओं में मुद्रास्फीति | +2.05% |
| जुलाई 2025 खुदरा मुद्रास्फीति | 1.55% |





