नवम्बर 17, 2025 1:58 पूर्वाह्न

वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक 2025 में भारत की बढ़ती लचीलापन झलकता है

चालू घटनाएँ: ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2025, जर्मनवॉच, COP30, भारत 15वें स्थान पर, राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना, आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन (CDRI), जलवायु अनुकूलन, चरम मौसमी घटनाएँ, आर्थिक क्षति, सतत बुनियादी ढांचा

India’s Rising Resilience Reflected in Global Climate Risk Index 2025

भारत की सुधरी हुई रैंकिंग

ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CRI) 2025 में भारत की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार दर्ज किया गया है, जो जलवायु संवेदनशीलता से मुकाबला करने में उसकी प्रगति को दर्शाता है।
जर्मनवॉच द्वारा ब्राज़ील के बेलेम में आयोजित COP30 पर जारी इस रिपोर्ट के अनुसार, वार्षिक सूचकांक (2024 डेटा) में भारत की रैंक 10वें स्थान से सुधरकर 15वीं हो गई है।
दीर्घकालिक सूचकांक (1995–2024) में भी भारत 8वें से 9वें स्थान पर पहुंचा है।
CRI में कम रैंक का अर्थ है कम जलवायु जोखिम और अधिक लचीलापन, यानी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने की बेहतर तैयारी।

स्थिर जीके तथ्य: ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CRI) हर वर्ष जर्मनवॉच द्वारा प्रकाशित किया जाता है, जो 1991 में स्थापित बर्लिन-स्थित पर्यावरणीय थिंक टैंक है।

प्रमुख निष्कर्ष और आँकड़े

भारत अभी भी दुनिया के सबसे अधिक जलवायु-प्रभावित देशों में शामिल है।
1995 से अब तक 430 से अधिक चरम मौसमी घटनाएँ भारत में दर्ज की गई हैं, जिनके कारण:

  • 80,000 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई
  • लगभग 170 अरब अमेरिकी डॉलर की आर्थिक क्षति हुई

मुख्य घटनाएँ:

  • चक्रवात हुदहुद (2014) और अम्फान (2020)
  • उत्तराखंड बाढ़ (2013)
  • 1998, 2002, 2003 और 2015 की गंभीर हीटवेव (लू)

हालाँकि, 2025 की रिपोर्ट में बेहतर रैंकिंग भारत की बढ़ती जलवायु सहनशीलता (resilience) को दर्शाती है, जो मुख्य रूप से इन कारणों से है:
• उन्नत पूर्व चेतावनी प्रणाली (Early Warning Systems)
• मजबूत आपदा प्रबंधन ढाँचा
राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) का क्रियान्वयन
आपदा-रोधी बुनियादी ढांचा गठबंधन (CDRI) में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका

स्थिर जीके टिप: CDRI (Coalition for Disaster Resilient Infrastructure) को भारत ने 2019 में शुरू किया था, ताकि ऐसी अवसंरचना को प्रोत्साहन दिया जा सके जो जलवायु-जनित झटकों को सहन कर सके।

वैश्विक जलवायु आपदाओं का परिप्रेक्ष्य

वैश्विक स्तर पर CRI 2025 के अनुसार, 1995–2024 के बीच:

  • 9,700 से अधिक चरम मौसमी घटनाएँ दर्ज की गईं
  • लगभग 8,32,000 मौतें हुईं
  • क़रीब 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का आर्थिक नुकसान हुआ

दीर्घकालिक रूप से सबसे अधिक प्रभावित देशों में डोमिनिका, म्यांमार और होंडुरास शामिल हैं।
2024 के वार्षिक सूचकांक में शीर्ष पर रहे देश:

  • सेंट विंसेंट एंड ग्रेनाडाइंस
  • ग्रेनेडा
  • चाड

दुनिया की लगभग 3 अरब आबादी (करीब 40%) ऐसे देशों में रहती है जो चरम मौसम से सबसे अधिक प्रभावित हैं — इनमें से अधिकांश विकासशील देश हैं, जैसे भारत, बांग्लादेश और फिलीपींस

भारत की जलवायु नीति को मज़बूत करने वाले उपाय

भारत की जलवायु नीति राष्ट्रीय और राज्य-स्तर की जलवायु योजनाओं पर आधारित है:

  • राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC)
    आठ प्रमुख मिशनों को समाहित करती है, जो सौर ऊर्जा, सतत कृषि, जल, हिमालयी पारिस्थितिकी, ऊर्जा दक्षता, सतत आवास, हरित भारत, और रणनीतिक ज्ञान पर केंद्रित हैं।
  • राज्य जलवायु परिवर्तन कार्य योजनाएँ (SAPCCs)
    हर राज्य के लिए राज्य-विशिष्ट जलवायु चुनौतियों के अनुसार तैयार की गई रणनीतियाँ।

इसके साथ ही भारत में:

  • क्लाइमेट-स्मार्ट कृषि
  • शहरी हीटवेव प्रबंधन
  • बाढ़ पूर्वानुमान और चेतावनी प्रणाली
    को तेज़ी से विस्तार दिया जा रहा है।

स्थिर जीके तथ्य: NAPCC को 2008 में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के तहत शुरू किया गया था।

आगे की राह

CRI 2025 में भारत की प्रगति इसकी बढ़ती जलवायु सहनशीलता का संकेत है, लेकिन चुनौतियाँ अभी भी गंभीर हैं।
विशेषज्ञों का मत है कि भारत को:

  • हरित बुनियादी ढाँचे (Green Infrastructure) में निवेश बढ़ाना
  • पारिस्थितिकी तंत्र पुनर्स्थापन (Ecosystem Restoration) को गति देना
  • जलवायु वित्त (Climate Finance) जुटाने की क्षमता बढ़ानी होगी।

साथ ही, बाढ़-प्रवण, तटीय और शुष्क क्षेत्रों में समुदाय-आधारित अनुकूलन (Community-based Adaptation) को मज़बूत करना राष्ट्रीय प्राथमिकता बनी हुई है।

CRI में भारत की सुधरी रैंक सिर्फ़ एक आँकड़ा नहीं, बल्कि जलवायु-सुरक्षित भविष्य के प्रति भारत के संकल्प का संदेश है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
रिपोर्ट का नाम ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2025
जारी करने वाली संस्था जर्मनवॉच, जर्मनी
कहाँ जारी हुई संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन COP30, बेलेम, ब्राज़ील
भारत की 2024 रैंक 15वाँ स्थान
भारत की दीर्घकालिक रैंक (1995–2024) 9वाँ स्थान
प्रमुख नीतियाँ NAPCC, SAPCC, CDRI
चरम घटनाओं से मृत्यु 80,000 से अधिक
आर्थिक क्षति लगभग 170 अरब अमेरिकी डॉलर
वैश्विक चरम मौसम घटनाएँ (1995–2024) 9,700 से अधिक
2024 के सबसे अधिक प्रभावित देश सेंट विंसेंट एंड द ग्रेनाडाइंस, ग्रेनेडा, चाड
India’s Rising Resilience Reflected in Global Climate Risk Index 2025
  1. जर्मनवॉच द्वारा जारी वैश्विक जलवायु जोखिम सूचकांक (सीआरआई) 2025 में भारत 15वें स्थान पर है।
  2. भारत की रैंकिंग 10वें (2024) से सुधरकर 15वें (2025) पर आ गई है, जो उच्च जलवायु लचीलापन दर्शाती है।
  3. दीर्घकालिक सूचकांक (1995–2024) में भारत 8वें से 9वें स्थान पर आ गया है।
  4. यह रिपोर्ट ब्राज़ील के बेलेम में आयोजित सीओपी 30 में जारी की गई।
  5. भारत ने 1995 से 430 से अधिक चरम मौसम घटनाओं का सामना किया है।
  6. इन आपदाओं के कारण 80,000 से अधिक मौतें और 170 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हुआ।
  7. प्रमुख घटनाओं में चक्रवात हुदहुद (2014) और अम्फान (2020) शामिल हैं।
  8. उत्तराखंड बाढ़ (2013) और बारबार आने वाली गर्म हवाओं ने क्षति को और बढ़ाया।
  9. बेहतर रैंकिंग भारत के मज़बूत आपदा प्रबंधन ढाँचे को दर्शाती है।
  10. एनएपीसीसी और सीडीआरआई के कार्यान्वयन ने भारत की तैयारियों को बढ़ावा दिया।
  11. एनएपीसीसी (2008) में सौर ऊर्जा और सतत कृषि पर मिशन शामिल हैं।
  12. सीडीआरआई (2019) जलवायुलचीले बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देता है।
  13. वैश्विक सीआरआई डेटा (1995–2024) दुनिया भर में 9,700 से अधिक मौसम घटनाओं को दर्शाता है।
  14. वैश्विक स्तर पर 832,000 मौतें और 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर का नुकसान दर्ज किया गया।
  15. सबसे अधिक प्रभावित देश (2024): सेंट विंसेंट, ग्रेनाडा, चाड
  16. लगभग 3 अरब लोग उच्च जोखिम वाले जलवायु क्षेत्रों में रहते हैं।
  17. भारत की प्रगति बेहतर प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियों को उजागर करती है।
  18. हरित बुनियादी ढाँचे और पारिस्थितिकी तंत्र बहाली पर ध्यान केंद्रित है।
  19. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय भारत की राष्ट्रीय जलवायु रणनीति का नेतृत्व करता है।
  20. भारत का लचीलापन जलवायुसुरक्षित भविष्य की ओर एक महत्त्वपूर्ण कदम है।

Q1. ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स (CRI) कौन प्रकाशित करता है?


Q2. ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2025 में भारत की रैंक क्या है?


Q3. ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स 2025 कहाँ जारी किया गया?


Q4. भारत ने 2019 में जलवायु-लचीली (resilient) अवसंरचना को बढ़ावा देने के लिए कौन-सी पहल शुरू की?


Q5. राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन कार्य योजना (NAPCC) किस मंत्रालय के अधीन शुरू की गई थी?


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