अक्टूबर 24, 2025 12:19 अपराह्न

भारत का तेल आयात रूस की ओर दृढ़ता से झुका हुआ है

चालू घटनाएँ: भारत–रूस तेल आयात, 20 लाख बैरल प्रतिदिन, 38% कच्चा तेल आयात, इराक, सऊदी अरब, डिस्काउंटेड क्रूड, ऊर्जा सुरक्षा, महँगाई नियंत्रण, ओपेक, वैश्विक आपूर्ति व्यवधान

India’s Oil Imports Tilt Strongly Towards Russia

रूसी तेल की खरीद में उछाल

अगस्त 2025 में भारत का कच्चे तेल का आयात रूसी तेल पर अत्यधिक निर्भर रहा। आयात स्तर 20 लाख बैरल प्रतिदिन (bpd) तक पहुँच गया, जो देश के कुल कच्चे तेल आयात का 38% है। Kpler के आँकड़ों के अनुसार, जुलाई के 16 लाख bpd की तुलना में यह बड़ी बढ़ोतरी है, जो भारत की ऊर्जा रणनीति में लगातार बदलाव का संकेत देती है।

स्टैटिक जीके तथ्य: भारत, अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है।

पश्चिम एशियाई आपूर्तिकर्ताओं से शिफ्ट

रूस के बढ़ते प्रभाव के बीच इराक और सऊदी अरब से आयात में गिरावट दर्ज की गई। इराक से आपूर्ति 9.07 लाख bpd से घटकर 7.3 लाख bpd, और सऊदी अरब से 7 लाख bpd से घटकर 5.26 लाख bpd रह गई। भारतीय रिफाइनर डिस्काउंटेड रूसी बैरल का लाभ उठाकर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित कर रहे हैं।

स्टैटिक जीके तथ्य: 2022 तक इराक भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता था, जिसे बाद में रूस ने पीछे छोड़ दिया।

रूसी क्रूड का आर्थिक तर्क

भारत द्वारा रूसी क्रूड की खरीद का सबसे बड़ा कारण इसका छूट वाला मूल्य है। सस्ता तेल घरेलू ईंधन लागत नियंत्रित करता है, जिससे महँगाई स्थिर रहती है और आर्थिक वृद्धि सुरक्षित रहती है। ऊर्जा की किफ़ायत से औद्योगिक गतिविधियाँ और घरेलू खपत दोनों टिकाऊ रहती हैं।

स्टैटिक जीके टिप: भारत अपनी 85% कच्चे तेल की आवश्यकता आयात करता है, जिससे कीमतें वैश्विक रुझानों पर अत्यधिक निर्भर रहती हैं।

रणनीतिक ऊर्जा विविधीकरण

भारत की ऊर्जा रणनीति का एक और उद्देश्य आपूर्तिकर्ताओं का विविधीकरण है। रूस से बड़े पैमाने पर आयात करके भारत पश्चिम एशियाई देशों पर निर्भरता घटा रहा है। यह कदम अस्थिर वैश्विक बाज़ार में ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करता है।

भू-राजनीतिक संतुलन

भारत पर अमेरिका और यूरोपीय संघ लगातार रूसी तेल आयात घटाने का दबाव बना रहे हैं। फिर भी नई दिल्ली का रुख साफ है कि निर्णय राष्ट्रीय हित और ऊर्जा सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिए जाते हैं। अधिकारी इसे अक्सर “बिज़नेस ऐज़ यूज़ुअल” बताते हैं, भले ही वैश्विक आलोचना जारी हो।

स्टैटिक जीके तथ्य: भारत के पास विशाखापट्टनम, मंगलुरु और पडूर में लगभग 5.33 मिलियन टन क्षमता के सामरिक पेट्रोलियम भंडार हैं।

वैश्विक ऊर्जा बाज़ार पर असर

भारत की रूसी तेल की तेज़ माँग, मॉस्को के लिए अहम सहारा है क्योंकि यह पश्चिमी प्रतिबंधों से हुए नुकसान की भरपाई करता है। दूसरी ओर, इराक और सऊदी अरब जैसे ओपेक देश एशियाई बाज़ार में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना कर रहे हैं। भारत को सस्ता तेल विकास को सहारा देता है, लेकिन रूस पर बढ़ती निर्भरता भविष्य में कूटनीतिक चुनौतियाँ पैदा कर सकती है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
अगस्त 2025 में रूसी तेल आयात 20 लाख bpd
भारत की तेल टोकरी में रूसी तेल का हिस्सा 38%
कुल कच्चा तेल आयात (अगस्त का पहला पखवाड़ा) 52 लाख bpd
इराक से तेल आयात 7.3 लाख bpd
सऊदी अरब से तेल आयात 5.26 लाख bpd
रूस से पहले भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता इराक
सामरिक पेट्रोलियम भंडार स्थल विशाखापट्टनम, मंगलुरु, पडूर
तेल खपत में भारत की वैश्विक रैंक तीसरा
कुल आवश्यकता में कच्चे तेल आयात का हिस्सा लगभग 85%
आयात डेटा स्रोत Kpler (एनालिटिक्स फर्म)
India’s Oil Imports Tilt Strongly Towards Russia
  1. भारत अगस्त 2025 में 2 मिलियन बैरल/दिन रूसी तेल का आयात करता है।
  2. रूसी तेल भारत के कच्चे तेल के बास्केट का 38% हिस्सा है।
  3. कुल कच्चे तेल का आयात2 मिलियन बैरल प्रतिदिन रहा।
  4. इराक से आयात घटकर 730,000 बैरल प्रतिदिन रह गया।
  5. सऊदी अरब से आयात घटकर 526,000 बैरल प्रतिदिन रह गया।
  6. अमेरिका और चीन के बाद भारत तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है।
  7. रूस 2022 में इराक को पीछे छोड़कर भारत का शीर्ष आपूर्तिकर्ता बन गया।
  8. भारत अपनी कच्चे तेल की ज़रूरतों का 85% आयात करता है।
  9. रूसी कच्चे तेल पर छूट से ईंधन की कीमतें कम रहती हैं।
  10. कम कीमतें मुद्रास्फीति और विकास को नियंत्रित करने में मदद करती हैं।
  11. ऊर्जा सुरक्षा विविधीकरण को बढ़ावा देती है।
  12. अमेरिका और यूरोपीय संघ भारत पर रूसी कच्चे तेल के आयात को कम करने का दबाव बना रहे हैं।
  13. भारत राष्ट्रीय हित में इसे “सामान्य व्यवसाय” कहता है।
  14. भारत के पास विशाखापत्तनम, मंगलुरु और पादुर में रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार हैं।
  15. इन भंडारों की क्षमता33 मिलियन टन है।
  16. भारतीय रिफाइनरियाँ पश्चिम एशिया से दूर संतुलन बना रही हैं।
  17. रूसी तेल पश्चिमी प्रतिबंधों से हुए नुकसान की भरपाई कर रहा है।
  18. ओपेक देशों को भारत में रूस से प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
  19. रूस पर अत्यधिक निर्भरता कूटनीतिक जोखिम पैदा कर सकती है।
  20. सस्ता आयात उद्योग और घरेलू ऊर्जा सामर्थ्य में सहायक होता है।

Q1. अगस्त 2025 में भारत ने रूस से कितना कच्चा तेल आयात किया?


Q2. अगस्त 2025 में भारत के कच्चे तेल के आयात का कितने प्रतिशत हिस्सा रूस से आया?


Q3. रूस से पहले भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता कौन-सा देश था?


Q4. भारत के सामरिक पेट्रोलियम भंडार कहाँ स्थित हैं?


Q5. भारत की कच्चे तेल की आवश्यकता का कितने प्रतिशत आयात किया जाता है?


Your Score: 0

Current Affairs PDF August 20

Descriptive CA PDF

One-Liner CA PDF

MCQ CA PDF​

CA PDF Tamil

Descriptive CA PDF Tamil

One-Liner CA PDF Tamil

MCQ CA PDF Tamil

CA PDF Hindi

Descriptive CA PDF Hindi

One-Liner CA PDF Hindi

MCQ CA PDF Hindi

News of the Day

Premium

National Tribal Health Conclave 2025: Advancing Inclusive Healthcare for Tribal India
New Client Special Offer

20% Off

Aenean leo ligulaconsequat vitae, eleifend acer neque sed ipsum. Nam quam nunc, blandit vel, tempus.