एविएशन में भारत का नया माइलस्टोन
भारत ने हैदराबाद में अपनी पहली ग्लोबल एयरक्राफ्ट इंजन मेंटेनेंस, रिपेयर और ओवरहॉल (MRO) फैसिलिटी के उद्घाटन के साथ अपनी एयरोस्पेस यात्रा में एक बड़ी तरक्की की। फ्रेंच एयरोस्पेस लीडर सफरान द्वारा डेवलप किए गए इस प्रोजेक्ट का ऑफिशियल नाम सफरान एयरक्राफ्ट इंजन सर्विसेज इंडिया (SAESI) है। यह फैसिलिटी भारत को एक कॉम्पिटिटिव ग्लोबल MRO हब बनने की स्थिति में लाती है।
स्टैटिक GK फैक्ट: हैदराबाद में राजीव गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2008 में भारत के पहले पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप एयरपोर्ट में से एक के रूप में खुला था।
फैसिलिटी का स्ट्रेटेजिक महत्व
MRO यूनिट GMR एयरोस्पेस एंड इंडस्ट्रियल पार्क – SEZ के अंदर ₹1,300 करोड़ के शुरुआती इन्वेस्टमेंट के साथ ऑपरेट होती है। यह LEAP इंजन की सर्विस करेगा, जो एयरबस A320neo और बोइंग 737 MAX जैसे पॉपुलर एयरक्राफ्ट को पावर देते हैं। यह पहली बार है जब किसी ग्लोबल इंजन मैन्युफैक्चरर ने भारत में डीप इंजन सर्विसिंग ऑपरेशन शुरू किए हैं।
स्टेटिक GK टिप: LEAP इंजन फैमिली को CFM इंटरनेशनल प्रोड्यूस करता है, जो जनरल इलेक्ट्रिक (USA) और सैफरन एयरक्राफ्ट इंजन्स (फ्रांस) का जॉइंट वेंचर है।
भारत के आत्मनिर्भरता लक्ष्यों को सपोर्ट करना
यह प्रोजेक्ट विदेशी MRO सर्विसेज़ पर भारत की निर्भरता को कम करने की दिशा में एक अहम कदम है, जिससे पहले भारी फॉरेन एक्सचेंज आउटफ्लो होता था। 2035 तक, इस फैसिलिटी का लक्ष्य हर साल 300 इंजन ओवरहॉल को हैंडल करना और 1,000 से ज़्यादा स्किल्ड प्रोफेशनल्स को नौकरी देना है। इससे घरेलू एविएशन कैपेबिलिटीज़ काफी मजबूत होंगी।
स्टेटिक GK फैक्ट: भारत का MRO मार्केट पिछले दशक में हर साल लगभग 10% की दर से बढ़ रहा है।
हवाई यात्रा में तेज़ी से बढ़ोतरी
भारत US और चीन के बाद तीसरा सबसे बड़ा घरेलू एविएशन मार्केट बन गया है। हाल के सालों में, बढ़ती पैसेंजर डिमांड को पूरा करने के लिए इंडियन कैरियर्स ने 1,500 से ज़्यादा एयरक्राफ्ट ऑर्डर किए हैं। फ्लीट्स के तेज़ी से बढ़ने से देश के अंदर भरोसेमंद इंजन मेंटेनेंस की तुरंत ज़रूरत है।
स्टैटिक GK टिप: DGCA पूरे भारत में सिविल एविएशन सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को रेगुलेट करता है।
मेक इन इंडिया और फ्यूचर इनोवेशन को बढ़ावा
SAESI प्रोजेक्ट सरकार के मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत मिशन के साथ काफी हद तक जुड़ा हुआ है। प्रधानमंत्री ने भारत के एयरोस्पेस सेक्टर में ज़्यादा इनोवेशन, को-क्रिएशन और एडवांस्ड डिज़ाइन कैपेबिलिटीज़ की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने सफरान को भारत के मज़बूत टैलेंट बेस का इस्तेमाल करके एयरक्राफ्ट इंजन डिज़ाइन और कंपोनेंट मैन्युफैक्चरिंग को एक्सप्लोर करने के लिए प्रोत्साहित किया।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत के एयरोस्पेस इकोसिस्टम में बेंगलुरु, हैदराबाद और नासिक में बड़े हब शामिल हैं।
ग्लोबल इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देने वाले रिफॉर्म्स
यह फैसिलिटी ग्लोबल इन्वेस्टर्स के भारत के प्रो-बिज़नेस रिफॉर्म्स में भरोसे को दिखाती है। मुख्य रिफॉर्म्स में कई सेक्टर्स में 100% FDI, आसान GST प्रोसेस, MRO गाइडलाइंस 2021 और अप्रूवल के लिए नेशनल सिंगल विंडो सिस्टम शामिल हैं। इन कदमों ने भारत को एक पसंदीदा मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बना दिया है।
स्टैटिक GK टिप: भारत ने फाइनेंशियल डिसिप्लिन को मजबूत करने के लिए 2016 में इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड लागू किया।
जॉब क्रिएशन और स्किल डेवलपमेंट
इस फैसिलिटी से 1,000 से ज़्यादा स्पेशलाइज्ड जॉब्स पैदा होने की उम्मीद है, जो साउथ इंडिया के युवाओं को सपोर्ट करेगी। सफरान ग्लोबल ट्रेनिंग प्रोग्राम देने के लिए इंडियन इंस्टीट्यूट्स के साथ मिलकर काम करने का भी प्लान बना रहा है, ताकि यह पक्का हो सके कि वर्कफोर्स इंटरनेशनल एयरोस्पेस स्टैंडर्ड्स को पूरा करे।
स्टैटिक GK फैक्ट: नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (NSDC) इंडस्ट्री से जुड़ी स्किल ट्रेनिंग में एक बड़ी भूमिका निभाता है।
भारत का MRO पुश क्यों मायने रखता है
भारत का लगभग 85% MRO काम पहले विदेश में होता था, जिससे लागत ज़्यादा होती थी और टर्नअराउंड टाइम भी ज़्यादा होता था। SAESI के साथ, भारत फॉरेन एक्सचेंज लॉस कम कर सकता है, डाउनटाइम कम कर सकता है, और भविष्य में फॉरेन कैरियर्स को भी सर्विस दे सकता है। यह डेवलपमेंट सप्लाई चेन को मजबूत करता है और ग्लोबल एविएशन में भारत की कॉम्पिटिटिवनेस को बढ़ाता है।
स्टैटिक GK टिप: भारत में पहली MRO फैसिलिटी HAL ने मिलिट्री एयरक्राफ्ट के लिए बनाई थी।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| उद्घाटन तिथि | 26 नवम्बर 2025 |
| स्थान | जीएमआर एयरोस्पेस एवं इंडस्ट्रियल पार्क, हैदराबाद |
| निवेश | ₹1,300 करोड़ |
| इंजन प्रकार | LEAP इंजन |
| 2035 तक वार्षिक क्षमता | 300 इंजन |
| अपेक्षित रोजगार | 1,000+ |
| डेवलपर | सैफ़्रान |
| भारत की विमानन रैंक | घरेलू बाज़ार में विश्व में तीसरा सबसे बड़ा |
| प्रमुख नीतिगत समर्थन | MRO गाइडलाइन्स 2021 |
| सामरिक लक्ष्य | विदेशी MRO निर्भरता कम करना |





