उत्पादन स्तर में वृद्धि
वर्ष 2023–24 में भारत का समुद्री मछली उत्पादन 44.95 लाख टन तक पहुँच गया, जो 2020–21 में 34.76 लाख टन था। यह 8.9% की वार्षिक वृद्धि दर को दर्शाता है, जो सरकार के उत्पादन और स्थिरता पर मजबूत ध्यान को उजागर करता है। यह घोषणा संसद में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने की।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत विश्व स्तर पर मछली उत्पादन में दूसरे स्थान पर है और वैश्विक उत्पादन का 7% से अधिक योगदान करता है।
मछली भंडार की स्थिरता स्थिति
ICAR-सेंट्रल मरीन फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट (CMFRI) द्वारा 2022 में किए गए अध्ययन से पता चला कि 135 समुद्री मछली भंडारों में से 91.1% जैविक रूप से स्थायी हैं। यह मत्स्य क्षेत्र में वैज्ञानिक प्रबंधन और नियामक ढाँचे में सुधार को दर्शाता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: ICAR-CMFRI की स्थापना 1947 में हुई थी और इसका मुख्यालय कोच्चि, केरल में है।
NICRA से जलवायु सहनशीलता
राष्ट्रीय नवाचार जलवायु सहनशील कृषि (NICRA) मत्स्य क्षेत्र में जलवायु आधारित अनुसंधान में अहम भूमिका निभा रहा है। इसमें जलवायु प्रवृत्ति विश्लेषण, प्रजाति वितरण अध्ययन और कैच प्रोजेक्शन पर ध्यान केंद्रित किया गया है। असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा और केरल जैसे तटीय और अंतर्देशीय राज्य इस योजना के अंतर्गत आते हैं।
अनुसंधान को अब महासागर अम्लीकरण, ब्लू कार्बन आकलन और अनुकूली पारिस्थितिक तंत्र प्रबंधन तक विस्तारित किया गया है। साथ ही, मत्स्य समुदायों को जलवायु जोखिमों से निपटने के लिए प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना की भूमिका
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) समुद्री मत्स्य सुधारों की रीढ़ है। इसके तहत कृत्रिम रीफ विकास, सी रैंचिंग और 100 जलवायु–सहनशील तटीय गाँवों का निर्माण शामिल है, जिनमें से प्रत्येक को केंद्र सरकार की ओर से ₹2 करोड़ का सहयोग दिया गया है।
58 फिशिंग हार्बर और लैंडिंग सेंटर्स को ₹3,281.31 करोड़ की लागत से मजबूत किया जा रहा है। योजना में कोल्ड स्टोरेज सुविधाएँ, वैल्यू एडिशन यूनिट्स और 27,000 से अधिक रेफ्रिजरेटेड परिवहन इकाइयाँ शामिल हैं, ताकि कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
स्थैतिक जीके टिप: PMMSY को 2020 में ₹20,050 करोड़ के निवेश के साथ शुरू किया गया था, जो भारत का सबसे बड़ा मत्स्य विकास कार्यक्रम है।
भविष्य की संभावनाएँ
भारत का समुद्री क्षेत्र अब आधुनिक अनुसंधान और मजबूत नीतिगत ढाँचे के साथ स्थायी प्रथाओं की ओर बढ़ रहा है। उन्नत बुनियादी ढाँचे, पारिस्थितिक पुनर्स्थापना परियोजनाओं और जलवायु अनुकूलन रणनीतियों के साथ, भारत स्वयं को वैश्विक स्तर पर एक अग्रणी समुद्री मत्स्य राष्ट्र के रूप में स्थापित कर रहा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| समुद्री मछली उत्पादन 2023–24 | 44.95 लाख टन |
| वार्षिक वृद्धि दर | 8.9% |
| 2020–21 का उत्पादन | 34.76 लाख टन |
| घोषणा करने वाले मंत्री | जॉर्ज कुरियन |
| स्थायी भंडार मूल्यांकन | 135 में से 91.1% |
| ICAR-CMFRI मुख्यालय | कोच्चि, केरल |
| NICRA अंतर्गत राज्य | असम, पश्चिम बंगाल, बिहार, ओडिशा, केरल |
| जलवायु-सहनशील मछली गाँव | 100 गाँव, प्रत्येक को ₹2 करोड़ |
| फिशिंग हार्बर और लैंडिंग सेंटर | 58 परियोजनाएँ, ₹3,281.31 करोड़ |
| मत्स्य परिवहन इकाइयाँ | 27,000+ रेफ्रिजरेटेड इकाइयाँ |





