MAHA-MedTech मिशन का शुभारंभ
Mission for Advancement in High-Impact Areas (MAHA) – MedTech Mission को ANRF (Anusandhan National Research Foundation), ICMR (Indian Council of Medical Research) और Gates Foundation के संयुक्त सहयोग से शुरू किया गया।
इस मिशन का उद्देश्य भारत में मेडिकल टेक्नोलॉजी नवाचार को बढ़ावा देना और महंगे आयात पर निर्भरता कम करना है।
स्थैतिक जीके तथ्य: ANRF अधिनियम 2023 के तहत राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) की स्थापना की गई थी — यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) की अनुशंसाओं के अनुरूप भारत का सर्वोच्च वैज्ञानिक समन्वय संस्थान है।
उद्देश्य और दृष्टि
MAHA-MedTech मिशन का लक्ष्य भारत के मेडिकल टेक्नोलॉजी सेक्टर में नवाचार को तेज़ करना, सस्ती और समान स्वास्थ्य सेवाएँ सुनिश्चित करना, और देश के स्वास्थ्य विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र (Healthcare Manufacturing Ecosystem) को मजबूत बनाना है।
यह मिशन डीप-टेक और फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज पर केंद्रित है ताकि स्वास्थ्य क्षेत्र में नवाचार और पहुँच — दोनों को सशक्त किया जा सके।
फंडिंग और सहायता व्यवस्था
मिशन के तहत ₹5 करोड़ से ₹25 करोड़ तक की माइलस्टोन-आधारित फंडिंग दी जाएगी, जबकि विशेष मामलों में ₹50 करोड़ तक का समर्थन संभव है।
इसका लाभ शैक्षणिक संस्थान, अस्पताल, स्टार्टअप, MSMEs और मेडटेक उद्योग को मिलेगा।
इसके अतिरिक्त मिशन में तीन प्रमुख पहलें शामिल हैं:
- Patent Mitra — बौद्धिक संपदा सुरक्षा (IP Protection) और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर में सहायता।
- MedTech Mitra — नियामक (Regulatory) और अनुमोदन (Clearance) मार्गदर्शन प्रदान करना।
- Clinical Trial Network — उपकरणों के परीक्षण और साक्ष्य आधारित मूल्यांकन के लिए नेटवर्क तैयार करना।
स्थैतिक जीके टिप: ICMR (भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद) की स्थापना 1911 में हुई थी — यह विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा अनुसंधान संस्थाओं में से एक है।
तकनीकी फोकस क्षेत्र
मिशन का ध्यान नवोन्मेषी चिकित्सा उपकरणों (Medical Devices) और In Vitro Diagnostic (IVD) उपकरणों के विकास पर है।
मुख्य तकनीकी क्षेत्र इस प्रकार हैं:
- रोबोटिक्स (Robotics)
- एआई/एमएल आधारित डायग्नोस्टिक प्लेटफॉर्म
- इमेजिंग और रेडियोथैरेपी सिस्टम
- न्यूनतम आक्रामक चिकित्सा उपकरण (Minimally Invasive Devices)
ये प्रौद्योगिकियाँ भारत में स्वास्थ्य सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने और इलाज की लागत घटाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएँगी।
भारत का बढ़ता मेडटेक परिदृश्य
भारत का मेडटेक सेक्टर वर्तमान में लगभग $14 बिलियन का है और 2030 तक $30 बिलियन तक पहुँचने का अनुमान है।
भारत अब एशिया का चौथा सबसे बड़ा मेडिकल उपकरण बाज़ार है — जापान, चीन और दक्षिण कोरिया के बाद।
सरकारी योजनाएँ जैसे:
- PLI (Production Linked Incentive) Scheme,
- PRIP (Promotion of Research and Innovation in Pharma MedTech) Scheme,
- National Medical Device Policy,
- और Medical Device Parks की स्थापना —
इस क्षेत्र की तेज़ प्रगति में अहम भूमिका निभा रही हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में मेडटेक और फार्मा क्षेत्र की नीतियों की देखरेख रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय (Ministry of Chemicals and Fertilizers) के औषध विभाग (Department of Pharmaceuticals) द्वारा की जाती है।
मिशन का महत्व
MAHA-MedTech Mission भारत को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा तकनीकों का वैश्विक केंद्र बनाने का लक्ष्य रखता है।
यह नवाचार (Innovation) को औद्योगिक अनुप्रयोग (Industrial Application) से जोड़ते हुए आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) की दृष्टि को मजबूत करता है।
यह मिशन भारत को वैश्विक मेडिकल डिवाइस सप्लाई चेन में एक प्रमुख स्थान दिलाने की दिशा में निर्णायक कदम है।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| लॉन्च वर्ष | 2025 |
| क्रियान्वयन एजेंसी | अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) |
| मुख्य साझेदार | ICMR और गेट्स फाउंडेशन |
| फंडिंग सीमा | ₹5–25 करोड़ (विशेष मामलों में ₹50 करोड़) |
| मुख्य उद्देश्य | भारत में चिकित्सा तकनीकी नवाचार को तेज़ करना |
| सहायक पहलें | Patent Mitra, MedTech Mitra, Clinical Trial Network |
| क्षेत्र का वर्तमान मूल्य | $14 बिलियन (2030 तक $30 बिलियन अनुमानित) |
| भारत की एशिया में रैंक | चौथा सबसे बड़ा मेडिकल डिवाइस बाजार |
| संबंधित नीतियाँ | PLI, PRIP, राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण नीति |
| दृष्टि | सस्ती, उच्च गुणवत्ता वाली स्वदेशी MedTech समाधान को बढ़ावा देना |





