भारत की ऐतिहासिक भागीदारी
भारतीय वायु सेना (IAF) ने इतिहास रचते हुए पहली बार गैर-नाटो देश के रूप में स्पेन में आयोजित “एक्सरसाइज ओशन स्काई 2025” में भाग लिया।
यह बहुराष्ट्रीय वायु युद्ध अभ्यास 20 से 31 अक्टूबर 2025 तक गांडो एयर बेस, कैनरी द्वीप (स्पेन) में आयोजित हुआ।
स्पेनिश एयर फोर्स द्वारा संचालित इस अभ्यास का उद्देश्य उन्नत वायु युद्ध प्रशिक्षण और अंतरराष्ट्रीय सहयोग (interoperability) को सुदृढ़ करना है।
भारत की भागीदारी इस बात का संकेत है कि वह वैश्विक रक्षा सहयोग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है और एक उभरती हुई एयरोस्पेस शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को मजबूत कर रहा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: गांडो एयर बेस कैनरी द्वीप में स्थित है, जो यूरोपीय वायु रक्षा अभियानों का रणनीतिक केंद्र माना जाता है।
वैश्विक रक्षा संबंधों को सशक्त करना
“ओशन स्काई 2025” मुख्य रूप से नाटो सदस्य देशों की वायु सेनाओं के बीच आयोजित होता है, ऐसे में भारत को आमंत्रित किया जाना यूरोपीय देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी की गहराई को दर्शाता है।
भारतीय वायु सेना की उपस्थिति यह सिद्ध करती है कि भारत तकनीकी रूप से उन्नत वायु सेनाओं के साथ सहयोग करने के लिए तत्पर है और उसकी प्राथमिकता वैश्विक रक्षा कूटनीति को सुदृढ़ करना है।
इस प्रकार के अभ्यास संयुक्त मिशन योजना, आपसी विश्वास और वास्तविक समय युद्ध समन्वय क्षमताओं को विकसित करने में सहायक होते हैं।
स्थैतिक जीके टिप: नाटो (North Atlantic Treaty Organization) की स्थापना 1949 में हुई थी। प्रारंभ में 12 सदस्य देश थे, जो अब बढ़कर 32 राष्ट्रों तक पहुँच चुके हैं।
भारतीय वायु सेना के लिए रणनीतिक लाभ
ऐसे बहुराष्ट्रीय युद्धाभ्यास भारतीय पायलटों को विभिन्न युद्ध परिस्थितियों का अनुभव प्रदान करते हैं।
यह उनकी ऑपरेशनल तैयारी, मिशन लचीलापन और सामरिक जागरूकता (tactical awareness) को बढ़ाता है।
IAF को एयर डिफेंस इंटीग्रेशन, एयर-टू-एयर रिफ्यूलिंग, और बियॉन्ड-विजुअल-रेंज एंगेजमेंट्स में अमूल्य अनुभव प्राप्त होता है — जो भविष्य के संयुक्त अभियानों के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत की अंतरराष्ट्रीय सैन्य अभ्यासों में लगातार भागीदारी उसकी रणनीतिक स्वायत्तता के साथ वैश्विक एकीकरण की दृष्टि को प्रतिबिंबित करती है।
एयरबस C-295 — भारत की वायु शक्ति में नया अध्याय
“ओशन स्काई 2025” के साथ ही भारतीय वायु सेना में एयरबस C-295 विमान का औपचारिक समावेश भी हुआ, जो भारत के सैन्य आधुनिकीकरण कार्यक्रम का एक प्रमुख चरण है।
16 आयातित विमानों की अंतिम खेप 3 अगस्त 2025 को सेविल, स्पेन में निर्धारित समय से दो महीने पहले सौंपी गई।
स्थैतिक जीके तथ्य: C-295 परियोजना का कुल मूल्य 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर है, जिसमें से 56 विमान बनाए जाएंगे — 16 स्पेन से और 40 भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) द्वारा निर्मित होंगे।
इन विमानों की तैनाती से IAF की एयरलिफ्ट क्षमता, सैनिक और उपकरण परिवहन में उल्लेखनीय वृद्धि होगी, जो शांतिपूर्ण और युद्धकालीन दोनों परिस्थितियों में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
भारत–स्पेन रक्षा साझेदारी और गहरी
भारत और स्पेन के बीच रक्षा सहयोग को हाल ही में आयोजित 5वीं संयुक्त कार्यकारी समूह (Joint Working Group) बैठक, नई दिल्ली 2025 के दौरान और सुदृढ़ किया गया।
यह साझेदारी केवल रक्षा खरीद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें तकनीकी हस्तांतरण, संयुक्त उत्पादन और सामरिक प्रशिक्षण सहयोग भी शामिल है।
इस सहयोग के माध्यम से भारत ने मेक इन इंडिया और वैश्विक रक्षा सहयोग के बीच सामंजस्य स्थापित किया है, जो इसे उभरती हुई वैश्विक एयरोस्पेस शक्ति के रूप में पहचान दिला रहा है।
स्थैतिक जीके टिप: भारत को पहला C-295 विमान 13 सितंबर 2023 को सेविल, स्पेन में सौंपा गया था, जिसमें वायु सेना प्रमुख वी.आर. चौधरी उपस्थित थे।
स्थैतिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| अभ्यास का नाम | ओशन स्काई 2025 |
| मेज़बान देश | स्पेन |
| स्थल | गांडो एयर बेस, कैनरी द्वीप |
| अवधि | 20 से 31 अक्टूबर 2025 |
| भाग लेने वाली भारतीय सेना | भारतीय वायु सेना (IAF) |
| विशेषता | भारत पहला गैर-नाटो प्रतिभागी देश बना |
| शामिल विमान | एयरबस C-295 (16 आयातित यूनिट्स) |
| C-295 परियोजना मूल्य | 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर |
| मेक इन इंडिया साझेदार | टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (TASL) |
| मुख्य द्विपक्षीय कार्यक्रम | रक्षा सहयोग पर 5वीं संयुक्त कार्य समूह बैठक (2025) |





