नवम्बर 5, 2025 1:53 पूर्वाह्न

भारत का ऐतिहासिक 5,002 मीटर गहरे समुद्र में मानव गोता

चालू घटनाएँ: डीप ओशन मिशन, समुद्रयान परियोजना, मत्स्य 6000, उत्तरी अटलांटिक महासागर, राष्ट्रीय समुद्र प्रौद्योगिकी संस्थान (NIOT), भारत-फ्रांस सहयोग, नौटिल सबमर्सिबल, रेयर-अर्थ एलिमेंट्स, विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ), समुद्री जैव विविधता

India’s Historic 5,002m Deep Ocean Human Dive

रिकॉर्ड मानव गोता

भारत ने गहरे समुद्र अनुसंधान में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की जब एक भारतीय एक्वानॉट 5,002 मीटर की गहराई तक उत्तरी अटलांटिक महासागर में उतरे। यह भारत का अब तक का सबसे गहरा मानव गोता है। यह सफलता अगस्त 2025 में भारत-फ्रांस के संयुक्त मिशन के दौरान हासिल हुई और इसे डीप ओशन मिशन की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।

भारतीय एक्वानॉट्स की उपलब्धियाँ

  • 5 अगस्त 2025: राजू रमेश, NIOT वैज्ञानिक, ने 4,025 मीटर की गहराई तक गोता लगाया।
  • 6 अगस्त 2025: जतिंदर पाल सिंह, सेवानिवृत्त नौसेना कमांडर, ने 5,002 मीटर तक उतरकर भारत का नया रिकॉर्ड बनाया।

स्टैटिक जीके तथ्य: पहला मानवयुक्त गहरा गोता 1960 में बाथिस्कैफ ट्रिएस्ट (Trieste) ने लगाया था, जिसने मैरियाना ट्रेंच में लगभग 11,000 मीटर की गहराई छुई।

भारत-फ्रांस साझेदारी

यह गोता फ्रांस के नौटिल सबमर्सिबल का उपयोग करके किया गया। यह सहयोग भारत को मिला:

  • चरम पानी के नीचे परिस्थितियों में व्यावहारिक प्रशिक्षण
  • गहरे समुद्र संचालन की विशेषज्ञता तक पहुँच
  • समुद्री प्रौद्योगिकी में द्विपक्षीय संबंधों को सशक्त करने का अवसर

स्टैटिक जीके टिप: फ्रांस का नौटिल (Nautile) सबमर्सिबल, जिसे IFREMER संचालित करता है, 1984 से सेवा में है और इसका उपयोग टाइटैनिक के मलबे की खोज में भी हुआ है।

डीप ओशन मिशन और समुद्रयान

भारत का डीप ओशन मिशन (2021) गहरे समुद्र प्रौद्योगिकी और संसाधन खोज को आगे बढ़ाने के लिए शुरू किया गया।
इसका प्रमुख घटक है समुद्रयान परियोजना, जिसके अंतर्गत मत्स्य 6000 मानव-सबमर्सिबल विकसित किया जा रहा है।

  • क्षमता: 6,000 मीटर गहराई तक
  • संभावित समुद्री परीक्षण: दिसंबर 2027
  • उद्देश्य: खनिज खोज, जैव विविधता अध्ययन और जलवायु प्रभाव मूल्यांकन

स्टैटिक जीके तथ्य: भारत का विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) 23 लाख वर्ग किमी से अधिक है, जिसमें पॉलीमेटालिक नोड्यूल्स और रेयरअर्थ मिनरल्स प्रचुर मात्रा में हैं।

रणनीतिक और वैज्ञानिक महत्व

यह उपलब्धि केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि रणनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है:

  • उन्नत सबमर्सिबल तकनीक और गहरे समुद्र प्रणालियों में बढ़त
  • खनिज, हाइड्रोकार्बन और रेयरअर्थ्स की खोज से संसाधन सुरक्षा
  • अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों के साथ वैश्विक श्रेणी में शामिल होना
  • राष्ट्रीय गौरव, जो भारत की अंतरिक्ष और समुद्र दोनों क्षेत्रों में प्रगति को दर्शाता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
भारत का सबसे गहरा मानव गोता 5,002 मीटर, उत्तरी अटलांटिक, अगस्त 2025
एक्वानॉट्स राजू रमेश (4,025 मीटर), जतिंदर पाल सिंह (5,002 मीटर)
सहयोग भारत-फ्रांस (नौटिल सबमर्सिबल)
मिशन डीप ओशन मिशन (2021)
प्रमुख परियोजना समुद्रयान – मत्स्य 6000 सबमर्सिबल
मत्स्य 6000 क्षमता 6,000 मीटर गहराई
अपेक्षित परीक्षण दिसंबर 2027
रणनीतिक महत्व खनिज, हाइड्रोकार्बन, रेयर-अर्थ खोज; EEZ संसाधन
वैश्विक समकक्ष देश अमेरिका, रूस, चीन, फ्रांस
स्टैटिक तथ्य ट्रिएस्ट सबमर्सिबल ने 1960 में 11,000 मीटर गहराई छुई थी

India’s Historic 5,002m Deep Ocean Human Dive
  1. भारत ने उत्तरी अटलांटिक महासागर में 5,002 मीटर की मानव गोता (अगस्त 2025) हासिल की।
  2. भारत-फ्रांस सहयोग से गहरे समुद्र मिशन के तहत आयोजित।
  3. जतिंदर पाल सिंह (सेवानिवृत्त नौसेना कमांडर) ने सबसे गहरी गोता लगाने का रिकॉर्ड बनाया।
  4. एनआईओटी के राजू रमेश एक दिन पहले 4,025 मीटर की गहराई तक पहुँचे।
  5. फ्रांसीसी नॉटाइल पनडुब्बी का उपयोग करके गोता लगाया गया।
  6. नॉटाइल 1984 से सेवा में है और टाइटैनिक अन्वेषणों में इसका उपयोग किया गया था।
  7. समुद्रयान परियोजना का उद्देश्य स्वदेशी मत्स्य 6000 पनडुब्बी का निर्माण करना है।
  8. मत्स्य 6000 की गहराई क्षमता 6,000 मीटर है।
  9. समुद्री परीक्षण दिसंबर 2027 तक होने की उम्मीद है।
  10. भारत का ईईजेड3 मिलियन वर्ग किमी में फैला है, जो दुर्लभ-पृथ्वी खनिजों से समृद्ध है।
  11. विश्व इतिहास में पहला मानवयुक्त गहरा गोता ट्राइस्टे, 1960 (11,000 मीटर) में हुआ था।
  12. मिशन पॉलीमेटेलिक नोड्यूल्स के संसाधन अन्वेषण को सक्षम बनाता है।
  13. भारत मानवयुक्त गहरे समुद्र में अन्वेषण में अमेरिका, रूस, चीन और फ्रांस के साथ शामिल हो गया है।
  14. गोता लगाने से चरम समुद्री परिस्थितियों में व्यावहारिक प्रशिक्षण सुनिश्चित होता है।
  15. भारत की रणनीतिक और समुद्री अनुसंधान स्थिति मजबूत होती है।
  16. हाइड्रोकार्बन, खनिज, दुर्लभ-पृथ्वी प्रमुख लक्ष्य हैं।
  17. पनडुब्बी डिजाइन में तकनीकी बढ़त प्रदान करता है।
  18. राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी) ने इसमें प्रमुख भूमिका निभाई।
  19. गोता लगाने से भारत की अंतरिक्ष उपलब्धियों के साथ-साथ राष्ट्रीय गौरव का भी प्रतीक है।
  20. भारत का डीप ओशन मिशन 2021 में लॉन्च किया गया।

Q1. अगस्त 2025 में 5,002 मीटर की गहराई में भारत की सबसे गहरी मानवयुक्त गोताखोरी का रिकॉर्ड किसने बनाया?


Q2. इस भारत-फ्रांस संयुक्त गोताखोरी में कौन-सी फ्रांसीसी पनडुब्बी का उपयोग किया गया?


Q3. भारत की स्वदेशी मत्स्य 6000 पनडुब्बी की गहराई क्षमता कितनी है?


Q4. भारत का ‘डीप ओशन मिशन’ कब शुरू किया गया था?


Q5. 1960 में मरिआना ट्रेंच में 11,000 मीटर की गहराई तक पहुँचने वाली पहली पनडुब्बी कौन-सी थी?


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