सितम्बर 12, 2025 2:39 अपराह्न

भारत की पहली राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क – BioE3 नीति के अंतर्गत

चालू घटनाएँ: राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क, BioE3 नीति, $300 बिलियन बायोइकोनॉमी, डॉ. जितेंद्र सिंह, सिंथेटिक बायोलॉजी, जीन एडिटिंग, ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी, बायोमैन्युफैक्चरिंग, स्टार्ट-अप इकोसिस्टम, क्लाइमेट-स्मार्ट एग्रीकल्चर

India’s First National Biofoundry Network under BioE3 Policy

नेटवर्क का शुभारंभ

भारत ने 2025 में BioE3 नीति (Economy, Environment, Employment) के तहत अपनी पहली राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क (NBN) की शुरुआत की। इस पहल का अनावरण केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने किया। इसका उद्देश्य भारत को सतत बायोटेक्नोलॉजी का वैश्विक केंद्र बनाना और 2030 तक $300 बिलियन बायोइकोनॉमी का लक्ष्य हासिल करना है।
स्थिर जीके तथ्य: जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) की स्थापना 1986 में विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत हुई थी।

नेटवर्क की विशेषताएँ

राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क छह प्रमुख बायोटेक्नोलॉजी संस्थानों का सहयोगी राष्ट्रीय मंच है। यह बायोटेक नवाचारों के डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग, परीक्षण और स्केलअप के लिए एकीकृत इकोसिस्टम प्रदान करता है। इसके मुख्य क्षेत्र हैं:

  • सिंथेटिक बायोलॉजी
  • जीन एडिटिंग (CRISPR-Cas9)
  • क्लाइमेटस्मार्ट कृषि
  • ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी
    स्थिर जीके तथ्य: CRISPR-Cas9 तकनीक 2012 में विकसित हुई और आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी में क्रांति लाई।

पहल के उद्देश्य

इस नेटवर्क के प्रमुख उद्देश्य हैं:

  • स्वदेशी बायोमैन्युफैक्चरिंग क्षमता को मजबूत करना।
  • BioE3 नीति के अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार लक्ष्यों के अनुरूप काम करना।
  • अनुसंधान को तेजी से बाज़ारतैयार उत्पादों में बदलना।
  • स्टार्टअप्स, युवाओं और उद्यमिता को प्रोत्साहित करना।
  • भारत को सतत बायोटेक्नोलॉजी का वैश्विक नेता बनाना।

बायोफाउंड्री नेटवर्क की मुख्य विशेषताएँ

  • छह संस्थानों को जोड़ने वाली सहयोगी संरचना।
  • डिज़ाइन से लेकर परीक्षण और स्केलिंग तक एंडटूएंड सुविधाएँ
  • सिंथेटिक बायोलॉजी और CRISPR में अत्याधुनिक शोध।
  • युवाओं के लिए BioE3 Challenge के माध्यम से नवाचार कोष।
  • अंतरराष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क्स के साथ साझेदारी।
  • स्टार्टअप इनक्यूबेशन और रोजगार सृजन के अवसर।
  • सस्टेनेबिलिटी दृष्टिकोण – अपशिष्ट कमी, संसाधन दक्षता और जलवायु लचीलापन।
    स्थिर जीके टिप: भारत का बायोटेक सेक्टर वैश्विक उद्योग का लगभग 3% है और यह दुनिया के शीर्ष 12 बायोटेक डेस्टिनेशंस में शामिल है।

भारत के लिए महत्व

NBN की स्थापना भारत की बायोटेक्नोलॉजी रोडमैप में एक ऐतिहासिक मोड़ है। यह नवाचार और वाणिज्यीकरण को एकीकृत ढाँचे में लाता है और बायोमैन्युफैक्चरिंग में आत्मनिर्भरता को मज़बूत करता है। यह पहल भारत के जलवायु लक्ष्यों और आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिससे नवाचार सीधे सतत विकास, रोजगार और वैश्विक नेतृत्व में योगदान देगा।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
लॉन्च वर्ष 2025
नीतिगत ढाँचा BioE3 नीति (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, रोजगार)
लक्ष्य 2030 तक $300 बिलियन बायोइकोनॉमी
लॉन्चकर्ता केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
संस्थान NBN के तहत 6 बायोटेक्नोलॉजी संस्थान
प्रमुख क्षेत्र सिंथेटिक बायोलॉजी, जीन एडिटिंग, ग्रीन बायोटेक्नोलॉजी
मुख्य विशेषता डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग, परीक्षण, स्केलिंग की एंड-टू-एंड सुविधा
नवाचार समर्थन युवाओं के लिए BioE3 Challenge
वैश्विक साझेदारी अंतरराष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क से सहयोग
रोजगार प्रभाव स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन और बायोटेक रोजगार सृजन
India’s First National Biofoundry Network under BioE3 Policy
  1. भारत ने 2025 में राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क (एनबीएन) लॉन्च किया।
  2. बायोई3 नीति के अंतर्गत पहल: अर्थव्यवस्था, पर्यावरण, रोज़गार।
  3. 2030 तक 300 अरब डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था का लक्ष्य निर्धारित।
  4. केंद्रीय विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा शुभारंभ।
  5. नेटवर्क देश भर के छह प्रमुख जैव-प्रौद्योगिकी संस्थानों को जोड़ता है।
  6. सिंथेटिक जीव विज्ञान, जीन संपादन, हरित जैव-प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करता है।
  7. संपूर्ण डिज़ाइन, परीक्षण और स्केलिंग सहायता प्रदान करता है।
  8. जलवायु-अनुकूल कृषि और सतत जैव-प्रौद्योगिकी विकास को बढ़ावा देता है।
  9. 2012 में विकसित CRISPR-Cas9 ने जैव-प्रौद्योगिकी में क्रांति ला दी।
  10. नीति युवा नवाचार और जैव-प्रौद्योगिकी उद्यमिता को बढ़ावा देती है।
  11. बायोई3 चैलेंज युवा शोधकर्ताओं को वित्त पोषण प्रदान करता है।
  12. वैश्विक जैव-प्रौद्योगिकी के साथ अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करता है।
  13. भारत का जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र वैश्विक हिस्सेदारी में 3% का योगदान देता है।
  14. स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन और जैव-विनिर्माण केंद्रों के माध्यम से रोज़गार को बढ़ावा मिलता है।
  15. भारत के जैव प्रौद्योगिकी नवाचार में आत्मनिर्भरता को मज़बूत करता है।
  16. आत्मनिर्भर भारत और सतत विकास लक्ष्यों का समर्थन करता है।
  17. विज्ञान मंत्रालय के तहत 1986 में डीबीटी की स्थापना की गई।
  18. अपशिष्ट न्यूनीकरण और संसाधन-कुशल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देता है।
  19. जैव प्रौद्योगिकी को भारत की जलवायु परिवर्तन प्रतिबद्धताओं के साथ जोड़ता है।
  20. भारत को सतत जैव प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करता है।

Q1. 2025 में भारत का पहला राष्ट्रीय बायोफाउंड्री नेटवर्क (NBN) किसने लॉन्च किया?


Q2. बायोई3 नीति (BioE3 Policy) के तहत 2030 तक भारत की बायोइकोनॉमी का लक्ष्य आकार कितना रखा गया है?


Q3. बायोफाउंड्री नेटवर्क में कितने प्रमुख जैव-प्रौद्योगिकी संस्थान शामिल हैं?


Q4. NBN का मुख्य फोकस किस जीन-संपादन तकनीक पर है?


Q5. भारत में जैव-प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) की स्थापना कब की गई थी?


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