मत्स्य क्षेत्र में ऐतिहासिक डिजिटल उपलब्धि
भारत ने मत्स्य प्रशासन में डिजिटल युग की शुरुआत कर दी है। राष्ट्रीय समुद्री मत्स्य जनगणना (MFC) 2025 को औपचारिक रूप से केंद्रीय मत्स्य, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने केरल के कोच्चि स्थित ICAR–केंद्रीय समुद्री मत्स्य अनुसंधान संस्थान (CMFRI) में लॉन्च किया। यह पहल समुद्री क्षेत्र में डेटा आधारित निर्णय लेने की दिशा में एक ऐतिहासिक परिवर्तन है। स्थिर जीके तथ्य: भारत में पहली समुद्री मत्स्य जनगणना वर्ष 1973 में CMFRI द्वारा की गई थी।
राष्ट्रव्यापी डिजिटल गणना अभियान
यह जनगणना 45 दिनों तक, 3 नवम्बर से 18 दिसम्बर 2025 तक चलेगी, जिसमें 9 तटीय राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों के 4,000 समुद्री मत्स्य ग्रामों में 12 लाख मत्स्य परिवारों को शामिल किया जाएगा। प्रशिक्षित फील्ड कर्मी डिजिटल उपकरणों से लैस होकर सटीक और व्यापक आंकड़े एकत्र करेंगे। इससे मैनुअल डेटा संग्रहण से तकनीक आधारित रीयल-टाइम मॉनिटरिंग प्रणाली में बदलाव होगा। स्थिर जीके टिप: भारत की समुद्री तटरेखा लगभग 7,500 किलोमीटर लंबी है, जो विश्व की सबसे बड़ी मत्स्य समुदायों में से एक का समर्थन करती है।
VyAS Bharat और VyAS Sutra से वास्तविक समय की डिजिटल निगरानी
MFC 2025 का मुख्य आधार इसके दो विशेष मोबाइल ऐप हैं — VyAS Bharat और VyAS Sutra, जिन्हें CMFRI द्वारा विकसित किया गया है। ये ऐप जियो-रेफरेंस्ड डेटा संग्रह, त्वरित सत्यापन और केंद्रीकृत डिजिटल निगरानी की सुविधा प्रदान करते हैं। लॉन्च के दौरान केरल और महाराष्ट्र से लाइव डेटा स्ट्रीमिंग ने इस प्रणाली की दक्षता को प्रदर्शित किया। यह नवाचार सुनिश्चित करता है कि हर मत्स्य परिवार डिजिटल रूप से दर्ज हो, जिससे पारदर्शिता और नीतिगत प्रभावशीलता में वृद्धि हो।
राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के साथ एकीकरण
सभी मछुआरे और मत्स्य कर्मी अब राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म (NFDP) पर पंजीकृत किए जा रहे हैं, जो प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (PM–MKSSY) के लाभों का पूर्व-आवश्यक कदम है। यह प्लेटफ़ॉर्म भारत के समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र में सभी हितधारकों को जोड़ने वाला केंद्रीय डेटाबेस है। यह जनगणना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) के उद्देश्यों से भी जुड़ी है, जो मत्स्य क्षेत्र के आधुनिकीकरण, सतत विकास और मछुआरा समुदायों के कल्याण पर केंद्रित है। स्थिर जीके तथ्य: PMMSY को वर्ष 2020 में ₹20,050 करोड़ के निवेश के साथ शुरू किया गया था, ताकि मछली उत्पादन बढ़ाया जा सके और मछुआरों की आय दोगुनी की जा सके।
“स्मार्ट मत्स्य के लिए स्मार्ट जनगणना”
मत्स्य विभाग (DoF), जो मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अधीन कार्य करता है, इस संपूर्ण जनगणना का समन्वय कर रहा है। CMFRI नोडल एजेंसी है, जबकि फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) परिचालन साझेदार है। मंत्री जॉर्ज कुरियन ने इस पहल को “स्मार्ट मत्स्य के लिए स्मार्ट जनगणना” करार दिया और राज्यों के मत्स्य विभागों, स्थानीय निकायों तथा सामुदायिक संगठनों से सक्रिय सहयोग का आह्वान किया। यह जनगणना भविष्य में लक्षित कल्याण योजनाओं, सटीक नीतिगत निर्माण और सतत समुद्री प्रबंधन की नींव रखेगी।
स्थिर उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| लॉन्च वर्ष | 2025 |
| लॉन्च स्थान | ICAR–CMFRI, कोच्चि, केरल |
| लॉन्च करने वाले | जॉर्ज कुरियन, मत्स्य राज्य मंत्री |
| अवधि | 3 नवम्बर से 18 दिसम्बर 2025 |
| कुल मत्स्य परिवार | 12 लाख |
| कुल मत्स्य ग्राम | 4,000 |
| आवृत तटीय राज्य | 9 राज्य और 4 केंद्र शासित प्रदेश |
| प्रयुक्त मोबाइल ऐप | VyAS Bharat और VyAS Sutra |
| समन्वय एजेंसी | मत्स्य विभाग (DoF) |
| नोडल एजेंसी | CMFRI |
| परिचालन साझेदार | फिशरी सर्वे ऑफ इंडिया (FSI) |
| संलग्न योजना | प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY) |
| डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म | राष्ट्रीय मत्स्य डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म (NFDP) |
| उद्देश्य | डेटा आधारित मत्स्य प्रबंधन |
| मुख्य वाक्यांश | “स्मार्ट मत्स्य के लिए स्मार्ट जनगणना” |





