पहला बाँस-आधारित बायोएथेनॉल उपक्रम
प्रधानमंत्री ने असम के गोलाघाट में भारत का पहला बाँस आधारित बायोएथेनॉल संयंत्र उद्घाटित किया। यह परियोजना नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (NRL) और फ़िनलैंड की फॉर्टम तथा केम्पोलिस OY की साझेदारी में शुरू की गई है।
यह संयंत्र बाँस से एथेनॉल का उत्पादन करेगा। बाँस एक गैर-खाद्य फसल है जिसमें उच्च मात्रा में लिग्नोसेलुलोज़ पाया जाता है, जो द्वितीय पीढ़ी के ईंधनों के लिए उपयुक्त है।
स्थिर जीके तथ्य: असम भारत का सबसे बड़ा बाँस उत्पादक राज्य है और देश के कुल बाँस संसाधनों का लगभग 25% योगदान करता है।
बायोएथेनॉल का महत्व
बायोएथेनॉल एक नवीकरणीय जैव स्रोतों जैसे फसल और कृषि अपशिष्ट से प्राप्त एथेनॉल है।
- यह पारदर्शी और बायोडिग्रेडेबल तरल है।
- इसके दहन से केवल कार्बन डाइऑक्साइड और पानी उत्पन्न होता है।
- मुख्य उपयोग: ईंधन मिश्रण, रसायन उत्पादन, बायोप्लास्टिक और अन्य बायो-आधारित सामग्री।
स्थिर जीके टिप: एथेनॉल का ऊष्मीय मान लगभग 30 MJ/kg होता है, जो पेट्रोल से कम है लेकिन अधिक पर्यावरण-अनुकूल है।
बायोएथेनॉल के स्रोत
राष्ट्रीय जैवईंधन नीति 2018 में बायोएथेनॉल के प्रमुख स्रोत बताए गए हैं:
- शर्करा-आधारित फसलें: गन्ना, ज्वार
- स्टार्च-आधारित फसलें: मक्का, कसावा
- सेल्यूलोज़िक स्रोत: बगास, लकड़ी का अपशिष्ट, कृषि अवशेष
- बाँस, अपने सेल्यूलोज़-समृद्ध ढाँचे के कारण उत्कृष्ट कच्चा माल है।
स्थिर जीके तथ्य: ब्राज़ील के बाद भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक देश है।
अनुप्रयोग और मिश्रण
- सबसे सामान्य ईंधन मिश्रण: E10 (10% एथेनॉल + 90% पेट्रोल) और E20 (20% एथेनॉल + 80% पेट्रोल)।
- अन्य उपयोग: दवाइयाँ, व्यक्तिगत देखभाल उत्पाद, बायोप्लास्टिक।
स्थिर जीके टिप: ब्राज़ील और अमेरिका परिवहन ईंधनों में बायोएथेनॉल उत्पादन और उपयोग में वैश्विक नेता हैं।
पर्यावरणीय और आर्थिक लाभ
- ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और वायु प्रदूषण में कमी।
- कृषि अपशिष्ट से किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत।
- असम की स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती।
- भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान।
स्थिर जीके तथ्य: भारत सरकार ने 2025–26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण (E20) का लक्ष्य रखा है, जो Ethanol Blended Petrol (EBP) Programme के तहत है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| स्थान | गोलाघाट, असम |
| उद्घाटनकर्ता | भारत के प्रधानमंत्री |
| परियोजना भागीदार | नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड, फॉर्टम, केम्पोलिस OY |
| कच्चा माल | बाँस (लिग्नोसेलुलोज़ से भरपूर) |
| नीति संदर्भ | राष्ट्रीय जैवईंधन नीति 2018 |
| सामान्य मिश्रण | E10 और E20 |
| वैश्विक नेता | ब्राज़ील और अमेरिका |
| भारत का लक्ष्य | 2025–26 तक 20% एथेनॉल मिश्रण |
| अतिरिक्त उपयोग | औषधि, व्यक्तिगत देखभाल, बायोप्लास्टिक |
| पर्यावरणीय लाभ | ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन और प्रदूषण में कमी |





