डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को समझना
डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) ऐसे शेयर्ड डिजिटल सिस्टम के बारे में बताता है जो बड़े पैमाने पर पब्लिक-इंटरेस्ट सर्विस देने के लिए ओपन स्टैंडर्ड पर बने होते हैं। यह टेक्नोलॉजी, मार्केट और गवर्नेंस को एक ऐसे इकोसिस्टम में मिलाता है जो इनोवेशन को सपोर्ट करने में सक्षम है। भारत में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर की लेटेस्ट स्टेट 2025 रिपोर्ट भारत के बैलेंस्ड “मिडिल-पाथ” अप्रोच पर रोशनी डालती है, जो पब्लिक डिजिटल फाउंडेशन को प्राइवेट-सेक्टर इनोवेशन के साथ जोड़ती है।
DPI के लिए इनक्लूसिविटी, ट्रांसपेरेंसी और स्केलेबिलिटी की ज़रूरत होती है। ये प्रिंसिपल यह पक्का करते हैं कि थर्ड पार्टी नए एप्लिकेशन डेवलप कर सकें, जबकि नागरिकों को ज़रूरी सर्विस तक बिना किसी रुकावट के एक्सेस मिले।
स्टैटिक GK फैक्ट: भारत ने 2009 में आधार को ऑपरेशनलाइज़ किया, जिससे दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल आइडेंटिटी बेस बना। मुख्य शर्तें और महत्व
एक DPI पहल को पहुंच और स्केल दिखाना चाहिए, जिससे एक बुनियादी प्लेटफॉर्म पर बनी कई तरह की सर्विस मिल सकें। इसे नॉन-एक्सक्लूसिविटी के सिद्धांत का भी पालन करना चाहिए, जिससे सभी स्टेकहोल्डर्स के लिए समान पहुंच सुनिश्चित हो सके। इन डिज़ाइन नियमों ने फाइनेंशियल इनक्लूजन, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर और टेक्नोलॉजी-आधारित एम्पावरमेंट में भारत की सफलताओं को आगे बढ़ाया है।
JAM ट्रिनिटी—जन धन, आधार, मोबाइल—टारगेटेड पब्लिक सर्विस डिलीवरी, लागत में कमी और भरोसा बनाने का एक मजबूत साधन बना हुआ है।
स्टेटिक GK टिप: जन धन योजना 2014 में बैंकिंग पहुंच को यूनिवर्सल बनाने के लिए शुरू की गई थी।
DPI की रीढ़ के रूप में इंडिया स्टैक
इंडिया स्टैक भारत के DPI इकोसिस्टम का केंद्र है, जिसमें लोगों के फ्लो, पैसे के फ्लो और डेटा के फ्लो को सपोर्ट करने वाली डिजिटल यूटिलिटीज़ शामिल हैं।
- लोगों के फ्लो की लेयर आधार से चलती है, जो बायोमेट्रिक और OTP-बेस्ड ऑथेंटिकेशन सहित कई वेरिफिकेशन मोड के साथ एक यूनिक ID देती है। पैसे का फ्लो UPI से होता है, जो अपनी इंटरऑपरेबिलिटी, स्पीड और बहुत कम ट्रांज़ैक्शन कॉस्ट के लिए जाना जाता है।
- डेटा का फ्लो अकाउंट एग्रीगेटर फ्रेमवर्क से आसान होता है, जो सुरक्षित और सहमति पर आधारित है, जिससे यूज़र सुरक्षित रूप से फाइनेंशियल डेटा शेयर कर सकते हैं।
ये हिस्से मिलकर बिना किसी रुकावट के सर्विस डिलीवरी करते हैं। इसके फ़ायदों में क्रेडिट तक पहुंच, बेहतर फाइनेंशियल मैनेजमेंट, अकाउंट खोलने में आसानी, QR पेमेंट, कैशलेस ट्रांज़ैक्शन और सब्सिडी तक आसान पहुंच शामिल हैं।
स्टैटिक GK फैक्ट: UPI वॉल्यूम के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा रियल-टाइम पेमेंट सिस्टम बन गया है।
को-क्रिएशन मॉडल प्रैक्टिस में
भारत का DPI मॉडल सरकार के नेतृत्व वाला है लेकिन इसमें प्राइवेट सेक्टर का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल है। UIDAI के आधार जैसे प्लेटफॉर्म एनरोलमेंट एजेंसियों, हार्डवेयर बनाने वालों और टेक्नोलॉजी पार्टनर पर निर्भर करते हैं। यह तालमेल अपनाने को बढ़ाता है और सभी सेक्टर में भरोसा बनाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का डिजिटल तरीका ग्लोबल साउथ के लिए एक रेफरेंस के तौर पर तेज़ी से अपनाया जा रहा है, खासकर उन देशों के लिए जो स्केलेबल और कॉस्ट-एफिशिएंट टेक्नोलॉजिकल मॉडल ढूंढ रहे हैं। बिल्डिंग ब्लॉक्स और सेक्टर में विस्तार
भारत का डिजिटल तरीका, डिजिटल पब्लिक गुड्स (DPGs) को DPI के साथ जोड़ने के लिए बिल्डिंग ब्लॉक्स का इस्तेमाल करता है। इसका एक उदाहरण डिजीयात्रा है, जो पेपरलेस एयरपोर्ट एंट्री के लिए आधार-बेस्ड वेरिफिकेशन का इस्तेमाल करता है।
एग्रीस्टैक, ULIP और DIKSHA के ज़रिए सेक्टर में विस्तार जारी है, जिससे गवर्नेंस के नतीजे मज़बूत हो रहे हैं। ये प्लेटफ़ॉर्म लॉजिस्टिक्स सुधार, शिक्षा तक पहुँच और खेती की प्रोडक्टिविटी से जुड़े राष्ट्रीय लक्ष्यों को सपोर्ट करते हैं।
स्टेटिक GK टिप: DIKSHA को 2017 में एक राष्ट्रीय डिजिटल लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म के तौर पर लॉन्च किया गया था।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| DPI परिभाषा | सार्वजनिक लाभ हेतु ओपन स्टैंडर्ड पर आधारित साझा डिजिटल प्रणालियाँ |
| इंडिया स्टैक लेयर्स | लोगों का प्रवाह (आधार), धन का प्रवाह (UPI), डेटा का प्रवाह (अकाउंट एग्रीगेटर) |
| आधार विशेषताएँ | यूनिक आईडी, बायोमेट्रिक/OTP/मैनुअल प्रमाणीकरण |
| UPI विशेषताएँ | इंटरऑपरेबल, तेज़, कम लागत वाली भुगतान प्रणाली |
| अकाउंट एग्रीगेटर | सुरक्षित और सहमति-आधारित डेटा साझा तंत्र |
| लाभ | ऋण तक पहुँच, कैशलेस अर्थव्यवस्था, QR भुगतान, सब्सिडी |
| सह-निर्माण मॉडल | सरकार-नेतृत्व वाला, निजी क्षेत्र समर्थित |
| क्षेत्रीय विस्तार | AgriStack, ULIP, DIKSHA |
| प्रमुख रिपोर्ट | स्टेट ऑफ डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर इन इंडिया 2025 |
| वैश्विक महत्व | ग्लोबल साउथ के डिजिटल परिवर्तन के लिए मॉडल |





