वाराणसी में सोलर नवाचार
19 अगस्त 2025 को भारतीय रेलवे ने बनारस लोकोमोटिव वर्क्स (BLW), वाराणसी में पहली बार पटरियों के बीच हटाने योग्य सोलर पैनल प्रणाली शुरू की।
70 मीटर लंबे हिस्से में लगाए गए 28 सोलर पैनलों से 15 kWp स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न होगी।
इस हटाने योग्य डिज़ाइन से रखरखाव आसान होगा और संचालन में कोई व्यवधान नहीं आएगा। यह कदम 2030 तक नेट ज़ीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा करने की दिशा में है।
Static GK तथ्य: BLW वाराणसी का पूर्व नाम डीजल लोकोमोटिव वर्क्स था, जिसे 2020 में बदला गया।
परियोजना की विशेषताएँ
यह प्रोजेक्ट रेलवे कॉरिडोर को नवीकरणीय ऊर्जा से जोड़ने की दिशा में एक पायलट मॉडल है।
- पटरियों के बीच खाली जगह का कुशल उपयोग
- बिजली बिलों में कमी
- भविष्य में देशभर में विस्तार की संभावना
Static GK टिप: भारतीय रेलवे विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है और भारत के सबसे बड़े बिजली उपभोक्ताओं में शामिल है।
गुजरात में मालवाहन नेटवर्क विस्तार
10 अगस्त 2025 को भारतीय रेलवे ने गुजरात से पहली औद्योगिक नमक रेक रवाना की।
यह ट्रेन सनोसरा (भुज–नलिया सेक्शन) से दहेज तक 3,851.2 टन नमक लेकर गई, जो 673.57 किमी की दूरी तय कर ₹31.69 लाख की आय लाई।
यह नया कॉरिडोर गुजरात की नमक उद्योग को सस्ती और कुशल सप्लाई चेन उपलब्ध कराता है।
Static GK तथ्य: भारत, चीन और अमेरिका के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नमक उत्पादक है।
मध्यप्रदेश में विद्युतीकरण उपलब्धि
वेस्टर्न रेलवे ने नागदा–खाचरोद सेक्शन (मध्यप्रदेश) में भारत की पहली 2×25 kV इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन प्रणाली शुरू की।
इसमें Scott-connected 100 MVA ट्रांसफॉर्मर्स लगाए गए, जो भारत में पहली बार उपयोग किए गए।
यह प्रणाली ट्रांसमिशन लॉस कम करती है और ओवरहेड इक्विपमेंट (OHE) को बेहतर बिजली आपूर्ति देती है।
Static GK टिप: भारत की पहली इलेक्ट्रिक ट्रेन 1925 में बॉम्बे विक्टोरिया टर्मिनस से कुरला के बीच चली थी।
सतत भविष्य की ओर
सोलर ऊर्जा, नए मालवाहन कॉरिडोर और उन्नत विद्युतीकरण प्रणाली से भारतीय रेलवे खुद को सतत परिवहन का वैश्विक अग्रणी बना रहा है।
ये परियोजनाएँ न केवल ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में कदम हैं, बल्कि भारत की आर्थिक वृद्धि और नवाचार क्षमता को भी प्रदर्शित करती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| सोलर प्रोजेक्ट | BLW वाराणसी में पहली हटाने योग्य सोलर पैनल प्रणाली |
| उद्घाटन तिथि | 19 अगस्त 2025 |
| क्षमता | 15 kWp (28 पैनल) |
| मालवाहन विस्तार | सनोसरा से दहेज तक पहली नमक रेक |
| माल की मात्रा | 3,851.2 टन |
| माल से आय | ₹31.69 लाख |
| विद्युतीकरण | नागदा–खाचरोद में पहली 2×25 kV प्रणाली |
| तकनीक | Scott-connected 100 MVA ट्रांसफॉर्मर्स |
| Static GK | BLW का पूर्व नाम – डीजल लोकोमोटिव वर्क्स |
| Static GK | भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा नमक उत्पादक |





