दिसम्बर 3, 2025 10:32 पूर्वाह्न

इंडियन इनोवेशन ने OncoMark के साथ कैंसर डायग्नोस्टिक्स को नया रूप दिया

करंट अफेयर्स: OncoMark, AI कैंसर डायग्नोस्टिक्स, S N बोस नेशनल सेंटर, पर्सनलाइज़्ड थेरेपी, हॉलमार्क मैपिंग, अशोका यूनिवर्सिटी, मॉलिक्यूलर प्रोफाइलिंग, प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी, ट्यूमर इवोल्यूशन, इंडियन रिसर्च

Indian Innovation Reshapes Cancer Diagnostics with OncoMark

इंडियन कैंसर रिसर्च में बड़ी कामयाबी

इंडियन रिसर्चर्स ने OncoMark पेश किया है, जो एक एडवांस्ड AI-ड्रिवन फ्रेमवर्क है जिसे कैंसर के मॉलिक्यूलर बिहेवियर के ज़रिए एनालाइज़ करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह इंडिया की प्रिसिजन मेडिसिन कैपेबिलिटीज़ में एक बड़ी छलांग है, जो ब्रॉड कैंसर स्टेजिंग से डेटा-रिच मॉलिक्यूलर इनसाइट्स पर फोकस शिफ्ट करता है। यह मॉडल S N बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज और अशोका यूनिवर्सिटी ने मिलकर डेवलप किया था, जिससे इंडियन इंस्टीट्यूशन्स कम्प्यूटेशनल ऑन्कोलॉजी में सबसे आगे हो गए।

यह फ्रेमवर्क बायोलॉजिकल हॉलमार्क्स को डिकोड करके ट्रेडिशनल क्लासिफिकेशन्स से आगे बढ़ता है जो यह तय करते हैं कि ट्यूमर कैसे बढ़ते हैं, फैलते हैं और थेरेपीज़ पर कैसे रिस्पॉन्ड करते हैं।

स्टैटिक GK फैक्ट: इंडिया ने 1981 में अलग-अलग रीजन्स में डिज़ीज़ ट्रेंड्स को मैप करने के लिए अपनी पहली नेशनल कैंसर रजिस्ट्री बनाई थी। OncoMark कैसे काम करता है

OncoMark कैंसर सेल्स में मौजूद हॉलमार्क-बेस्ड बायोलॉजिकल प्रोग्राम का पता लगाने के लिए मशीन लर्निंग का इस्तेमाल करता है। इन हॉलमार्क में जीनोमिक अस्थिरता, इम्यून सिस्टम से बचना, मेटास्टेसिस की संभावना और अनियंत्रित फैलाव शामिल हैं। हर हॉलमार्क एक खास प्रोसेस को दिखाता है जो ट्यूमर के बढ़ने या उसके प्रतिरोध को बढ़ाता है।

जबकि पारंपरिक TNM स्टेजिंग ट्यूमर के आकार और फैलाव का आकलन करती है, यह फ्रेमवर्क मॉलिक्यूलर और सेलुलर लेवल पर कैंसर के अंदरूनी मैकेनिज्म की जांच करता है। इससे डॉक्टर ज़्यादा सटीकता के साथ इलाज कर पाते हैं।

स्टैटिक GK टिप: TNM क्लासिफिकेशन सिस्टम को यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) मेंटेन करता है।

AI मॉडल को पावर देने वाला डेटा

मॉडल को 14 अलग-अलग तरह के कैंसर को दिखाने वाले 3.1 मिलियन सिंगल सेल्स के एक बड़े डेटासेट पर ट्रेन किया गया था। रिसर्चर्स ने ट्यूमर के बढ़ने के डायनामिक पैटर्न को पकड़ने के लिए सिंथेटिक स्यूडो-बायोप्सी का भी इस्तेमाल किया। इससे टूल को यह समझने में मदद मिलती है कि ग्रोथ या थेरेपी रिस्पॉन्स के स्टेज में हॉलमार्क एक्टिविटी कैसे बदलती है। इंटरनल इवैल्यूएशन के दौरान, फ्रेमवर्क ने 99% से ज़्यादा एक्यूरेसी रिकॉर्ड की, जबकि बाहरी पेशेंट डेटासेट में 96% से ज़्यादा एक्यूरेसी बनाए रखी। ये नतीजे असल दुनिया के क्लिनिकल माहौल में मॉडल के भरोसेमंद होने को दिखाते हैं। वैलिडेशन में आठ अलग-अलग कैंसर डेटासेट से 20,000 पेशेंट सैंपल शामिल थे।

मुख्य उपलब्धियां और क्षमताएं

OncoMark की सबसे बड़ी ताकत ट्यूमर के बढ़ने के साथ-साथ हॉलमार्क एक्टिविटी को विज़ुअलाइज़ करने की इसकी क्षमता है। इससे डॉक्टरों को बीमारी के बढ़ने, थेरेपी के असर और संभावित मेटास्टेसिस का पहले से अनुमान लगाने में मदद मिलती है। ऐसी जानकारी कीमोथेरेपी, इम्यूनोथेरेपी या टारगेटेड दवा के तरीकों पर फैसले लेने में मदद कर सकती है।

यह टूल ट्यूमर बायोलॉजी में छोटे बदलावों का पता लगाकर शुरुआती डायग्नोसिस में भी मदद करता है जो शायद रूटीन इमेजिंग में न दिखें। इसकी मॉलिक्यूलर-लेवल मैपिंग पर्सनलाइज़्ड ट्रीटमेंट स्ट्रेटेजी के लिए ज़्यादा क्लैरिटी देती है।

स्टैटिक GK फैक्ट: भारत में 38 से ज़्यादा रीजनल कैंसर सेंटर हैं जो राज्यों में ट्रीटमेंट और रिसर्च में मदद करते हैं।

पर्सनलाइज़्ड थेरेपी को आगे बढ़ाने में भूमिका

पर्सनलाइज़्ड कैंसर थेरेपी हर ट्यूमर के खास मॉलिक्यूलर पैटर्न को समझने पर निर्भर करती है। OncoMark इस तरीके को और मज़बूत बनाता है, एक ऐसा AI मॉडल देकर जिसे आसानी से समझा जा सके, जो यह बताता है कि मरीज़ के कैंसर में कौन से हॉलमार्क ज़्यादा हैं। इससे ऑन्कोलॉजिस्ट को यह तय करने में मदद मिल सकती है कि कौन सी दवाएं सबसे अच्छा काम कर सकती हैं या उन रास्तों की पहचान कर सकती हैं जिनके लिए टारगेटेड रोकथाम की ज़रूरत है।

जैसे-जैसे भारत अपने डिजिटल हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ा रहा है, ऐसे AI-बेस्ड सिस्टम डायग्नोस्टिक एक्यूरेसी को काफी बढ़ा सकते हैं, खासकर टर्शियरी हॉस्पिटल और रिसर्च सेंटर में। यह फ्रेमवर्क प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी को बेहतर बनाने की ग्लोबल कोशिशों के साथ भी अलाइन है, जिससे भारत इंटरनेशनल कैंसर रिसर्च में एक मज़बूत कंट्रीब्यूटर बन गया है।

Static Usthadian Current Affairs Table

Topic Detail
OncoMark डेवलपर्स एस. एन. बोस नेशनल सेंटर और अशोका यूनिवर्सिटी
एआई मॉडल का फोकस मॉलिक्यूलर हॉलमार्क मैपिंग
प्रशिक्षण डेटासेट 3.1 मिलियन सिंगल सेल्स
विश्लेषित कैंसर प्रकार 14 विभिन्न प्रकार
बाहरी प्रमाणीकरण 20,000 रोगी नमूने
आंतरिक सटीकता 99% से अधिक
बाहरी सटीकता 96% से अधिक
प्रमुख उपयोग व्यक्तिगत (पर्सनलाइज्ड) कैंसर उपचार
प्रयुक्त विधि सिंथेटिक सूडो-बायोप्सीज़
क्षेत्र प्रिसीजन ऑन्कोलॉजी
Indian Innovation Reshapes Cancer Diagnostics with OncoMark
  1. ऑन्कोमार्क कैंसर विश्लेषण के लिए भारतीय शोधकर्ताओं द्वारा विकसित एक नया एआईआधारित फ्रेमवर्क है।
  2. यह पारंपरिक स्टेजिंग के बजाय अणुविक हॉलमार्क मैपिंग पर ध्यान देता है।
  3. इसे एस एन बोस राष्ट्रीय केंद्र और अशोका विश्वविद्यालय ने मिलकर विकसित किया है।
  4. यह टूल मेटास्टेसिस, इम्यून बचाव और प्रसार जैसे जैविक हॉलमार्क को समझता है।
  5. यह कैंसर अध्ययन को व्यापक वर्गीकरण से हटाकर सटीक अणुविक व्यवहार की दिशा में ले जाता है।
  6. ऑन्कोमार्क हॉलमार्क-आधारित जैविक कार्यक्रमों को पहचानने के लिए मशीन लर्निंग का उपयोग करता है।
  7. यह कोशिका-स्तर पर जीनोमिक अस्थिरता और ट्यूमर विकास का विश्लेषण करता है।
  8. मॉडल को विभिन्न प्रकार के कैंसर के ३१ लाख एकलकोशिकीय नमूनों पर प्रशिक्षित किया गया।
  9. इसने ट्यूमर की प्रगति को समझने के लिए कृत्रिम स्यूडोऊतक परीक्षण का उपयोग किया।
  10. आंतरिक परीक्षण में हॉलमार्क पहचान में ९९% से अधिक सटीकता दिखाई दी।
  11. २०,००० मरीज़ों के नमूनों पर बाहरी जांच में सटीकता ९६% से अधिक रही।
  12. यह ट्यूमर के बढ़ने और उपचार के असर का पहले से अनुमान लगाने में मदद करता है।
  13. ऑन्कोमार्क मरीज़-विशिष्ट जानकारी के आधार पर व्यक्तिगत कैंसर उपचार को मजबूत करता है।
  14. यह इम्यूनोथेरेपी जैसे उपचारों को निर्देशित करने के लिए महत्वपूर्ण संकेतों की पहचान करता है।
  15. यह टूल सूक्ष्म अणुविक संकेतों की मैपिंग करके जल्दी निदान में मदद करता है।
  16. यह भारत की सटीक कैंसर चिकित्सा (प्रिसिजन ऑन्कोलॉजी) में प्रगति को बढ़ाता है।
  17. स्टैटिक जीके: भारत ने १९८१ में अपनी पहली राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री बनाई थी।
  18. ऑन्कोमार्क, टीएनएम स्टेजिंग से आगे बढ़कर ट्यूमर के वास्तविक व्यवहार को समझने में मदद करता है।
  19. यह डिजिटल स्वास्थ्य मॉडल अपनाने वाले अस्पतालों में निदान क्षमता को मजबूत करता है।
  20. यह फ्रेमवर्क भारत को कम्प्यूटेशनल कैंसर विज्ञान में एक मजबूत खिलाड़ी के रूप में स्थापित करता है।

Q1. ऑन्कोमार्क कैंसर विश्लेषण फ्रेमवर्क संयुक्त रूप से किन संस्थानों द्वारा विकसित किया गया?


Q2. ऑन्कोमार्क मॉडल का मुख्य तकनीकी आधार क्या है?


Q3. ऑन्कोमार्क को प्रशिक्षित करने के लिए कितनी सिंगल सेल्स का उपयोग किया गया?


Q4. हेल्मार्क मैपिंग चिकित्सकों को कौन-सा प्रमुख लाभ प्रदान करती है?


Q5. ऑन्कोमार्क मुख्य रूप से किस क्षेत्र में योगदान देता है?


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