भारत में एसेट मोनेटाइजेशन
भारत सरकार ने FY25 तक ₹1,42,758 करोड़ एसेट मोनेटाइजेशन से जुटाए हैं। इस पहल का उद्देश्य राजकोषीय दबाव बढ़ाए बिना इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार को वित्तपोषित करना है। मौजूदा परिसंपत्तियों से मूल्य निकालकर सरकार दीर्घकालिक निजी पूंजी आकर्षित कर रही है और साथ ही नई परियोजनाओं के लिए फंड पुनर्चक्रित कर रही है।
स्थैतिक जीके तथ्य: एसेट मोनेटाइजेशन नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (NMP) का हिस्सा है, जिसे 2021 में ₹6 लाख करोड़ (2021–25) के लक्ष्य के साथ शुरू किया गया था।
टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (ToT) मॉडल
ToT मॉडल इस पहल का एक बड़ा हिस्सा है। इसमें 15–30 वर्षों के लिए परिसंपत्तियाँ लीज़ पर दी जाती हैं और सबसे ऊँची बोली लगाने वाला टोल वसूलने का अधिकार पाता है। इससे सरकार को तुरंत तरलता (liquidity) मिलती है।
स्थैतिक जीके टिप: पहला ToT नीलामी 2018 में 648 किमी हाईवे पर किया गया था।
इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (InvIT)
दूसरा प्रमुख मार्ग है InvIT (इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट)। इसे नेशनल हाईवेज़ इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) संचालित करता है। इसमें 15–30 साल की रियायतें दी जाती हैं और SEBI-नियंत्रित यूनिट्स और बॉन्ड्स जारी कर पूंजी जुटाई जाती है। इससे पारदर्शी मूल्य निर्धारण और बेहतर रिटर्न सुनिश्चित होता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: InvITs के लिए SEBI के नियम 2014 में लागू किए गए थे।
टोल राजस्व का सेक्यूरिटाइजेशन
सरकार भविष्य की टोल आय को सेक्यूरिटाइज करके दीर्घकालिक फाइनेंस जुटा रही है।
उदाहरण: दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे की आय को SPVs (स्पेशल पर्पस व्हीकल्स) के ज़रिये सेक्यूरिटाइज किया गया। इससे बजटीय आवंटनों पर निर्भरता घटती है और स्थिर नकदी प्रवाह मिलता है।
स्थैतिक जीके टिप: दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है (1,386 किमी), जिसे 2023 से चरणबद्ध तरीके से उद्घाटित किया गया।
कैशलेस रोड एक्सीडेंट स्कीम
सरकार ने इसके साथ ही एक कैशलेस रोड एक्सीडेंट स्कीम भी शुरू की है। इसमें प्रत्येक पीड़ित को ₹1.5 लाख तक का कवरेज मिलेगा, जिससे तेज़ चिकित्सा सहायता और कम जेब खर्च सुनिश्चित होगा।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत में सड़क दुर्घटनाओं से हर साल लगभग 1.5 लाख मौतें होती हैं।
राजकोषीय और आर्थिक प्रभाव
एसेट मोनेटाइजेशन से सरकार बिना सार्वजनिक ऋण बढ़ाए इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए फंडिंग सुनिश्चित कर रही है। FY25 का लक्ष्य अकेले ₹30,000 करोड़ है। यह मॉडल पूंजी का कुशल पुनर्चक्रण, निजी निवेश और सतत इंफ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड में योगदान देता है।
स्थैतिक जीके टिप: भारत का नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (NIP) 2025 तक $1.4 ट्रिलियन निवेश आकर्षित करने का अनुमान है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| FY25 तक जुटाई राशि | ₹1,42,758 करोड़ |
| FY25 अनुमान | ₹30,000 करोड़ |
| प्रमुख मॉडल | ToT, InvIT, सेक्यूरिटाइजेशन |
| ToT अवधि | 15–30 वर्ष |
| पहला ToT नीलामी | 2018 (648 किमी हाईवे) |
| InvIT संचालक | नेशनल हाईवेज़ इंफ्रा ट्रस्ट (NHIT) |
| InvIT नियामक | SEBI (2014) |
| सेक्यूरिटाइजेशन उदाहरण | दिल्ली–मुंबई एक्सप्रेसवे |
| दुर्घटना स्कीम कवरेज | ₹1.5 लाख प्रति पीड़ित |
| NMP लक्ष्य (2021–25) | ₹6 लाख करोड़ |





