अक्टूबर 31, 2025 9:40 अपराह्न

भारतीय कॉफ़ी की वैश्विक पहुँच का विस्तार

चालू घटनाएँ: भारतीय कॉफी, कॉफी निर्यात, कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, रोबस्टा, अरेबिका, वैश्विक व्यापार, कृषि निर्यात

Indian Coffee Expanding Global Reach

वैश्विक मांग में बढ़ती भारतीय कॉफी

भारतीय कॉफी निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है, जिसने अपनी विशिष्ट स्वाद और गुणवत्ता के कारण विश्वभर का ध्यान आकर्षित किया है।
प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा कि भारतीय कॉफी को यूरोपीय और मध्य पूर्वी बाजारों में वैश्विक पहचान मिल रही है।
वित्तीय वर्ष 2024–25 के दौरान, भारत ने 1.80 अरब अमेरिकी डॉलर का कॉफी निर्यात राजस्व अर्जित किया, जिससे वह अग्रणी कृषि निर्यातक देशों में शामिल हो गया।

वैश्विक कॉफी उत्पादन में भारत की स्थिति

भारत अब विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा कॉफी उत्पादक देश है और वैश्विक आपूर्ति में महत्वपूर्ण योगदान देता है।
भारत में उत्पादित कुल कॉफी का लगभग 70% निर्यात किया जाता है, मुख्यतः इटली, जर्मनी, बेल्जियम और रूस को।
अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों और कुशल खेती तकनीकों ने भारतीय कॉफी को अंतरराष्ट्रीय बाजार में अत्यधिक लोकप्रिय बना दिया है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया की स्थापना 1942 में की गई थी। यह वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और कॉफी उत्पादन, अनुसंधान तथा निर्यात को प्रोत्साहित करता है।

भारत में प्रमुख कॉफी उत्पादन क्षेत्र

भारत में कॉफी की खेती मुख्यतः तीन दक्षिणी राज्यों — कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल — में केंद्रित है, जो लगभग सम्पूर्ण राष्ट्रीय उत्पादन का योगदान करते हैं।
कर्नाटक अग्रणी राज्य है, जहाँ चिकमंगलूर, कूर्ग और हासन जैसे क्षेत्र लगभग 70% उत्पादन करते हैं।
तमिलनाडु में पुलनी, शेवरोय, नीलगिरि और अन्नामलाई हिल्स में कॉफी की खेती की जाती है।
केरल के वायनाड, त्रावणकोर और मालाबार क्षेत्र उच्च गुणवत्ता की कॉफी बीन्स उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: बाबा बुदनगिरी पहाड़ियाँ (कर्नाटक) भारत में कॉफी की खेती का जन्मस्थान मानी जाती हैं, जहाँ 17वीं शताब्दी में पहली बार कॉफी की फसल बोई गई थी।

भारत में उगाई जाने वाली कॉफी की किस्में

भारत में मुख्य रूप से दो प्रमुख किस्मों की कॉफी उगाई जाती है — अरेबिका (Arabica) और रोबस्टा (Robusta)
अरेबिका कॉफी हल्की, सुगंधित और ऊँचाई वाले क्षेत्रों में उगाई जाती है। इसका स्वाद उत्कृष्ट होने के कारण यह निर्यात बाजार में उच्च मूल्य प्राप्त करती है।
रोबस्टा कॉफी स्वाद में अधिक तीखी, रोग-प्रतिरोधी और निम्न ऊँचाई वाले इलाकों में उगाई जाती है। यह आमतौर पर इंस्टेंट कॉफी और एस्प्रेसो मिश्रणों में प्रयोग की जाती है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत में रोबस्टा और अरेबिका के उत्पादन का अनुपात लगभग 70:30 है।

आदर्श मिट्टी और जलवायु परिस्थितियाँ

भारतीय कॉफी गहरी, उपजाऊ और जैविक पदार्थों से समृद्ध जल-निकासी वाली मिट्टी में अच्छी तरह पनपती है।
आदर्श मिट्टी का pH स्तर 6.0 से 6.5 के बीच होता है, जो हल्का अम्लीय है।
कॉफी फसल को 15°C से 30°C तापमान और 1000–2500 मिमी वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
पश्चिमी घाट की ये कृषिजलवायु परिस्थितियाँ उच्च गुणवत्ता वाली कॉफी बीन्स के लिए सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: पश्चिमी घाट, जो यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है, न केवल कॉफी बल्कि दुनिया के आठ प्रमुख जैव विविधता हॉटस्पॉट्स में से एक है।

भविष्य की संभावनाएँ

अंतरराष्ट्रीय मांग में वृद्धि और सरकारी पहलों के साथ, भारत ब्रांडिंग, गुणवत्ता प्रमाणन और सतत खेती (Sustainable Cultivation) के माध्यम से अपनी वैश्विक कॉफी उपस्थिति का विस्तार करना चाहता है।
ऑर्गेनिक कॉफी और GI टैग वाली किस्मों को बढ़ावा देने वाली योजनाएँ किसानों की आय और निर्यात प्रतिस्पर्धा को आने वाले वर्षों में और बढ़ाएँगी।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
भारत की वैश्विक कॉफी रैंक सातवाँ सबसे बड़ा उत्पादक
निर्यात हिस्सा कुल उत्पादन का 70%
निर्यात राजस्व (2024–25) 1.80 अरब अमेरिकी डॉलर
प्रमुख कॉफी राज्य कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल
कर्नाटक के प्रमुख क्षेत्र चिकमंगलूर, कूर्ग, हासन
प्रमुख कॉफी प्रकार रोबस्टा और अरेबिका
आदर्श तापमान 15°C से 30°C
आदर्श वर्षा प्रति वर्ष 1000–2500 मिमी
मिट्टी का pH स्तर 6.0–6.5
नियामक संस्था कॉफी बोर्ड ऑफ इंडिया (1942)
Indian Coffee Expanding Global Reach
  1. भारतीय कॉफ़ी निर्यात 2024–25 के दौरान80 बिलियन डॉलर तक पहुँच गया।
  2. भारत विश्व स्तर पर सातवाँ सबसे बड़ा कॉफ़ी उत्पादक है।
  3. कॉफ़ी उत्पादन का 70% विदेशी बाज़ारों में निर्यात किया जाता है।
  4. प्रमुख गंतव्यों में इटली, जर्मनी, बेल्जियम और रूस शामिल हैं।
  5. कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राष्ट्रीय कॉफ़ी उत्पादन में अग्रणी हैं।
  6. कर्नाटक भारत के कुल कॉफ़ी उत्पादन में 70% योगदान देता है।
  7. 1942 में स्थापित भारतीय कॉफ़ी बोर्ड इस क्षेत्र का विनियमन करता है।
  8. अरेबिका और रोबस्टा दो प्रमुख कॉफ़ी प्रकार हैं।
  9. अरेबिका हल्की और सुगंधित होती है, और ऊँचाई पर उगाई जाती है।
  10. रोबस्टा मज़बूत और रोगप्रतिरोधी होती है, जिसका उपयोग इंस्टेंट कॉफ़ी में किया जाता है।
  11. भारत का कॉफ़ी अनुपात 70% रोबस्टा और 30% अरेबिका है।
  12. कॉफ़ी की वृद्धि के लिए आदर्श मृदा pH मान0–6.5 है।
  13. 15°C–30°C तापमान और 1000–2500 मिमी वर्षा की आवश्यकता होती है।
  14. पश्चिमी घाट कॉफ़ी के लिए आदर्श जलवायु और जैव विविधता प्रदान करते हैं।
  15. बाबा बुदनगिरी पहाड़ियाँ भारत का कॉफ़ी उद्गम स्थल हैं।
  16. कॉफ़ी कृषिनिर्यात विविधीकरण और ग्रामीण रोज़गार को बढ़ावा देती है।
  17. जैविक और जीआईटैग वाली कॉफ़ी योजनाएँ निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार करती हैं।
  18. भारत वैश्विक स्तर पर स्थायी कॉफ़ी की खेती और ब्रांडिंग को बढ़ावा देता है।
  19. कॉफ़ी क्षेत्र भारत की बढ़ती विदेशी मुद्रा आय में योगदान देता है।
  20. सरकार का लक्ष्य भारत को एक प्रीमियम कॉफ़ी निर्यातक बनाना है।

Q1. वर्ष 2024–25 के दौरान भारत की कॉफी निर्यात से कुल आय कितनी रही?


Q2. भारत के कुल कॉफी उत्पादन में लगभग 70% योगदान किस राज्य का है?


Q3. कौन-सी कॉफी किस्म अपने तीखे स्वाद और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए जानी जाती है?


Q4. भारतीय कॉफी बोर्ड किस मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है?


Q5. भारत में कॉफी की खेती के लिए आदर्श तापमान सीमा क्या है?


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