भारत शीर्ष प्रदूषित देशों की सूची में
एक चौंकाने वाले खुलासे में, 30 अक्टूबर 2025 को दर्ज किए गए AQI डेटा के अनुसार दुनिया के सबसे प्रदूषित 40 शहरों में सभी भारतीय शहर हैं। सुबह 8:30 बजे की रीडिंग के अनुसार कई उत्तरी शहरों में वायु गुणवत्ता “गंभीर” और “खतरनाक” स्तर पर पहुंच गई। राजस्थान का श्रीगंगानगर 830 AQI के साथ सूची में सबसे ऊपर रहा।
स्थिर जीके तथ्य: वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को 2014 में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता निगरानी कार्यक्रम (NAMP) के अंतर्गत शुरू किया गया था।
छोटे शहरों ने दिल्ली को पीछे छोड़ा
जहाँ दिल्ली को अक्सर भारत के वायु प्रदूषण संकट का चेहरा माना जाता है, इस बार यह 13वें स्थान पर रही, जिसका AQI 400 से थोड़ा अधिक था, जो अब भी “गंभीर” श्रेणी में आता है। सिवानी (हरियाणा), अबोहर (पंजाब), और हिसार (हरियाणा) जैसे शहरों में इससे कहीं अधिक AQI दर्ज किया गया। यह परिवर्तन दर्शाता है कि औद्योगिक और कृषि गतिविधियों के कारण प्रदूषण अब व्यापक क्षेत्र में फैल चुका है।
स्थिर जीके टिप: AQI मान 400 से ऊपर होने पर “गंभीर” माना जाता है, जो बच्चों, बुजुर्गों और हृदय या फेफड़े के रोगियों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न करता है।
वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) को समझना
AQI एक मानकीकृत माप है जो बताता है कि वर्तमान में हवा कितनी प्रदूषित है या आगे कितनी होने की संभावना है। इसमें PM₂.₅, PM₁₀, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO₂), सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂), कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और ओज़ोन (O₃) जैसे प्रदूषकों को शामिल किया जाता है।
0–50 के बीच AQI “अच्छा” माना जाता है, जबकि 400 से ऊपर “गंभीर” श्रेणी में आता है। जब AQI 500 पार कर जाता है, तो यह “खतरनाक” स्तर बन जाता है, जो जन-स्वास्थ्य के लिए अत्यंत हानिकारक है।
उच्च प्रदूषण स्तर के प्रमुख कारण
मौसमी और क्षेत्रीय कारण
अक्टूबर के अंत और नवंबर में तापमान उलटाव (Temperature Inversion) और कम वायुमंडलीय मिश्रण के कारण प्रदूषक जमीन के पास फंस जाते हैं। इंडो–गंगा के मैदान में वायु स्थिर हो जाती है, जिससे धूल-कणों का जमाव बढ़ता है।
उत्सर्जन स्रोत
पराली जलाने के मौसम में पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से निकलने वाला धुआं उत्तर भारत में फैलता है। इसके अलावा निर्माण कार्यों की धूल, सड़क की धूल, और वाहन उत्सर्जन भी समस्या को बढ़ाते हैं। पुराने डीज़ल इंजन, खुले में कचरा जलाना, और ईंट भट्टे भी प्रदूषण के बड़े स्रोत हैं।
स्थिर जीके तथ्य: भारत का राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) 2019 में शुरू किया गया था, जिसका लक्ष्य PM₂.₅ और PM₁₀ स्तर को 20–30% तक कम करना है (अब बढ़ाई गई समय-सीमा के साथ)।
स्वास्थ्य और नीतिगत प्रभाव
लंबे समय तक खराब वायु गुणवत्ता के संपर्क में रहने से श्वसन और हृदय रोग, जीवन प्रत्याशा में कमी, और स्वास्थ्य तंत्र पर भारी बोझ पड़ता है। सरकार के लिए चुनौती है कि वह उत्सर्जन नियंत्रण नीति लागू करे, स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा दे, और पराली जलाने के वैकल्पिक उपाय अपनाए।
स्थिर जीके टिप: विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट (World Air Quality Report) हर वर्ष स्विट्जरलैंड–स्थित IQAir संगठन द्वारा प्रकाशित की जाती है, जो विश्वभर में वास्तविक समय प्रदूषण स्तर की निगरानी करता है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय | विवरण |
| शीर्ष 40 प्रदूषित शहरों में भारतीय शहरों की संख्या | 40 |
| 2025 सूची में दिल्ली की वैश्विक रैंक | 13वां |
| सबसे अधिक AQI वाला शहर | श्रीगंगानगर, राजस्थान |
| दर्ज किया गया उच्चतम AQI | 830 |
| प्रमुख प्रदूषण स्रोत | पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन, धूल |
| AQI “गंभीर” श्रेणी सीमा | 401–500 |
| भारत में AQI की निगरानी करने वाली एजेंसी | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) |
| प्रमुख राष्ट्रीय नीति | राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) |
| NCAP की शुरूआत का वर्ष | 2019 |
| वैश्विक रिपोर्ट प्रकाशित करने वाली संस्था | IQAir, स्विट्जरलैंड |





