इंडिया का बदलता डिफेंस विज़न
चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 इंडिया के लंबे समय के मिलिट्री ट्रांसफॉर्मेशन अप्रोच में एक बड़ा कदम था। नई दिल्ली में होस्ट किए गए इस इवेंट में, इंडिजिनाइजेशन, टेक्नोलॉजिकल सुपीरियरिटी और मल्टी-डोमेन रेडीनेस पर देश के नए फोकस पर ज़ोर दिया गया। इस इवेंट ने डिफेंस प्रायोरिटीज़ को 2047 के लिए इंडिया के बड़े डेवलपमेंटल विज़न के साथ अलाइन किया।
डायलॉग ने ऑपरेशनल सिनर्जी को मजबूत करते हुए नई टेक्नोलॉजी को इंटीग्रेट करने की इंडिया की कोशिश को दिखाया।
स्टैटिक GK फैक्ट: 1895 में बनी इंडियन आर्मी, इंडिया की आर्म्ड फोर्सेज़ का सबसे बड़ा हिस्सा है और नेशनल सिक्योरिटी में सेंट्रल रोल निभाती है। नेशनल लीडरशिप ने माहौल बनाया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने डायलॉग की शुरुआत की, और पारंपरिक और उभरते, दोनों तरह के खतरों से निपटने में सक्षम फोर्स की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। उन्होंने तेज़ी से हो रहे टेक्नोलॉजी में बदलावों के प्रति भारत की कमज़ोरी को बताया और ज़मीन, हवा, समुद्री, साइबर और स्पेस में तैयारी के महत्व पर ज़ोर दिया।
उनके संदेश ने फुर्तीली और खुद को ढालने वाली फोर्स की ओर बदलाव को और मज़बूत किया।
स्टैटिक GK टिप: भारत के राष्ट्रपति संविधान के आर्टिकल 53 के तहत आर्म्ड फोर्सेज़ के सुप्रीम कमांडर हैं।
भविष्य के लिए तैयार फोर्स का रोडमैप
आर्मी चीफ़ जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 2047 तक के लिए भारतीय सेना का स्ट्रक्चर्ड रोडमैप पेश किया। उनके प्लान में मिलकर किए गए सुधारों, मिलकर काम करने और लेटेस्ट क्षमताओं के सिस्टमैटिक डेवलपमेंट पर ज़ोर दिया गया।
इस तरीके का मकसद यह पक्का करना है कि ऑपरेशनल एफिशिएंसी बनाए रखते हुए फोर्स टेक्नोलॉजी के मामले में मज़बूत बनी रहे। यह भारत की एक मॉडर्न, आत्मनिर्भर डिफेंस पावर के तौर पर उभरने की इच्छा को भी सपोर्ट करता है।
तीन-फ़ेज़ का ट्रांसफ़ॉर्मेशन प्लान
फ़ेज़ 1 2032 तक
पहले फ़ेज़ में तेज़ी से ऑर्गेनाइज़ेशनल रीस्ट्रक्चरिंग को प्राथमिकता दी गई है। यह मल्टी-डोमेन युद्ध के लिए सैद्धांतिक सुधार लाता है और स्वदेशी टेक्नोलॉजी को जल्दी अपनाना पक्का करता है। इस फेज़ का मकसद मुख्य लड़ाकू यूनिट्स को मॉडर्न बनाना और क्विक-रिएक्शन क्षमता को बढ़ाना है।
2037 तक फेज़ 2
दूसरा फेज़ सुधारों को एक इंटीग्रेटेड ऑपरेशनल फ्रेमवर्क में मज़बूत करने पर फोकस करता है। स्ट्रक्चरल तैयारी, बड़े ट्रेनिंग सुधार और बेहतर इंटर-सर्विस तालमेल इस स्टेज की नींव हैं। यह नए प्लेटफॉर्म और जॉइंट कमांड स्ट्रक्चर के आसान इंटीग्रेशन पर ज़ोर देता है।
2047 तक फेज़ 3
आखिरी फेज़ का मकसद पूरी तरह से डिजिटाइज़्ड, आत्मनिर्भर और नेटवर्क-इनेबल्ड फोर्स देना है। 2047 तक, भारतीय सेना AI, ऑटोनॉमस सिस्टम और युद्ध के मैदान के डिजिटाइज़ेशन के आसान इंटीग्रेशन का सपना देखती है। यह स्टेज सीधे तौर पर 2047 तक भारत के एक डेवलप्ड देश बनने के विज़न से जुड़ा है।
स्टेटिक GK फैक्ट: भारत 15 जनवरी को आर्मी डे मनाता है, जो 1949 में जनरल के. एम. करियप्पा के पहले भारतीय कमांडर-इन-चीफ के तौर पर अपॉइंटमेंट की याद में मनाया जाता है।
डायलॉग का स्ट्रेटेजिक महत्व
डायलॉग मिलिट्री लीडर्स, स्कॉलर्स, डिप्लोमैट्स, इंडस्ट्री और युवाओं के बीच कोलेबोरेशन के लिए एक प्लेटफॉर्म का काम करता है। यह उभरते खतरों की पहचान करने, ग्लोबल कॉन्फ्लिक्ट पैटर्न को एनालाइज़ करने और भविष्य की कंटिंजेंसी के लिए स्ट्रेटेजी बनाने में मदद करता है। 2025 एडिशन ने डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी और नए बैटलफील्ड एक्सपेक्टेशंस के लिए इंडियन आर्मी की इच्छा को हाईलाइट किया।
इसने सेल्फ-रिलाएंस और लॉन्ग-टर्म मिलिट्री प्लानिंग के लिए भारत के कमिटमेंट को भी मज़बूत किया।
स्टेटिक GK टिप: फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के नाम पर बना मानेकशॉ सेंटर, रेगुलरली बड़े डिफेंस इवेंट्स होस्ट करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम | चाणक्य डिफेंस डायलॉग 2025 |
| मेजबान | भारतीय सेना |
| स्थान | मानेकशॉ सेंटर, नई दिल्ली |
| तिथियाँ | 27–28 नवम्बर 2025 |
| थीम | Reform to Transform – सशक्त, सुरक्षित और विकसित भारत |
| थलसेना प्रमुख | जनरल उपेंद्र द्विवेदी |
| उद्घाटनकर्ता | राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू |
| परिवर्तन लक्ष्य वर्ष | 2047 |
| प्रमुख फोकस | स्वदेशीकरण और बहु-डोमेन तत्परता |
| सुधार के चरण | 2032, 2037, 2047 |





