भारत का निर्यात नई ऊँचाई पर
जुलाई 2025 में भारत का अमेरिका को निर्यात $8.01 बिलियन तक पहुँचा, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 19.94% अधिक है। वहीं, अमेरिका से आयात भी 13.78% बढ़कर $4.55 बिलियन हुआ। इस वृद्धि के साथ अमेरिका लगातार भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना हुआ है।
स्टैटिक जीके तथ्य: अमेरिका ने पहली बार चीन को पछाड़कर FY 2022–23 में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार स्थान हासिल किया था।
प्रमुख वृद्धि वाले क्षेत्र
भारत के निर्यात में बढ़ोतरी का मुख्य कारण इंजीनियरिंग वस्तुएँ, फार्मास्यूटिकल्स, वस्त्र, आईटी उत्पाद और ऑटो कंपोनेंट्स रहे। ये क्षेत्र लंबे समय से भारत–अमेरिका व्यापार की रीढ़ बने हुए हैं।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत अमेरिका में जेनेरिक दवाइयों का लगभग 40% आपूर्ति करता है।
अप्रैल से जुलाई तक का व्यापार प्रदर्शन
अप्रैल–जुलाई 2025 के बीच भारत ने अमेरिका को $33.53 बिलियन का निर्यात किया, जो 21.64% अधिक है। इसी अवधि में अमेरिका से आयात $17.41 बिलियन रहा, जिसमें 12.33% वृद्धि हुई। कुल द्विपक्षीय व्यापार चार महीने में $50.94 बिलियन तक पहुँच गया। यह वृद्धि दर चीन, यूएई और यूरोपीय संघ के साथ हुए व्यापार से अधिक रही।
स्टैटिक जीके टिप: द्विपक्षीय व्यापार का अर्थ है—दो देशों के बीच सहमत शर्तों के तहत वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान।
व्यापार समझौते पर प्रगति
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है। छठा दौर 25 अगस्त 2025 को नई दिल्ली में शुरू होगा। प्रस्तावित समझौते में टैरिफ कटौती, भारतीय दवाओं और वस्त्रों के लिए बाजार पहुँच, तकनीकी हस्तांतरण और डिजिटल व्यापार नियम शामिल होंगे।
यह पहल भारत की मेक इन इंडिया योजना और निर्यात–आधारित विकास रणनीति से मेल खाती है।
स्टैटिक जीके तथ्य: भारत और अमेरिका ने आखिरी बड़ा व्यापार ढाँचा समझौता 2005 में ट्रेड पॉलिसी फोरम के तहत किया था।
अन्य देशों के साथ व्यापार की तुलना
जुलाई 2025 में चीन को भारत का निर्यात $1.34 बिलियन रहा, जो 27.39% बढ़ा। अप्रैल–जुलाई में चीन को निर्यात $5.75 बिलियन रहा, जिसमें 19.97% की वृद्धि हुई।
यूएई, ब्रिटेन, जर्मनी, ब्राज़ील, बांग्लादेश और इटली जैसे देशों के साथ भी सकारात्मक रुझान दर्ज किए गए। वहीं, नीदरलैंड्स, सिंगापुर, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस और दक्षिण अफ्रीका को निर्यात में गिरावट आई।
आयात में भी मिश्रित परिणाम दिखे—यूएई, रूस, इंडोनेशिया, कतर और ताइवान से आयात घटा, जबकि सऊदी अरब, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया, जापान, हांगकांग और थाईलैंड से आयात बढ़ा।
स्टैटिक जीके तथ्य: विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना 1995 में हुई थी और इसके 164 सदस्य देश हैं।
रणनीतिक महत्व
भारत–अमेरिका व्यापार में तेज़ उछाल दोनों देशों की आर्थिक एकीकरण और आपसी निर्भरता को मजबूत करता है। प्रस्तावित व्यापार समझौते के साथ, दोनों देश वस्तुओं से आगे बढ़कर सेवाओं, तकनीक और डिजिटल कॉमर्स में भी सहयोग का विस्तार करेंगे। यह गति अंतरराष्ट्रीय व्यापार पैटर्न में बदलाव के बीच भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को और सुदृढ़ बनाती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| जुलाई 2025 में अमेरिका को निर्यात | $8.01 बिलियन (↑19.94%) |
| जुलाई 2025 में अमेरिका से आयात | $4.55 बिलियन (↑13.78%) |
| अप्रैल–जुलाई 2025 निर्यात | $33.53 बिलियन (↑21.64%) |
| अप्रैल–जुलाई 2025 आयात | $17.41 बिलियन (↑12.33%) |
| कुल द्विपक्षीय व्यापार (अप्रैल–जुलाई) | $50.94 बिलियन |
| छठा व्यापार वार्ता दौर | 25 अगस्त 2025, नई दिल्ली |
| प्रमुख निर्यात क्षेत्र | इंजीनियरिंग, फार्मा, वस्त्र, आईटी, ऑटो कंपोनेंट्स |
| शीर्ष व्यापारिक साझेदार | अमेरिका – चीन, यूएई, ईयू से आगे |
| बढ़ते निर्यात साझेदार | चीन, यूएई, ब्रिटेन, जर्मनी, ब्राज़ील, बांग्लादेश, इटली |
| घटते निर्यात साझेदार | नीदरलैंड्स, सिंगापुर, सऊदी अरब, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका |





