दिसम्बर 22, 2025 7:18 अपराह्न

भारत यूएई डेजर्ट साइक्लोन II सैन्य अभ्यास

करंट अफेयर्स: डेजर्ट साइक्लोन II, भारत यूएई रक्षा सहयोग, मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट, शहरी युद्ध, संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य अभियान, अबू धाबी, आतंकवाद विरोधी, इंटरऑपरेबिलिटी, मानवरहित हवाई प्रणालियाँ

India UAE Desert Cyclone II Military Exercise

अभ्यास की पृष्ठभूमि

भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने डेजर्ट साइक्लोन संयुक्त सैन्य अभ्यास का दूसरा संस्करण शुरू किया है। यह अभ्यास 18 से 30 दिसंबर, 2025 तक अबू धाबी में आयोजित किया जा रहा है। यह दो रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण भागीदारों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के लगातार विस्तार को दर्शाता है।

पहले संस्करण ने संरचित संयुक्त प्रशिक्षण की नींव रखी थी। डेजर्ट साइक्लोन II अधिक जटिल परिचालन परिदृश्यों पर ध्यान केंद्रित करके उस अनुभव पर आधारित है। जोर प्रतीकात्मक जुड़ाव के बजाय व्यावहारिक, क्षेत्र-उन्मुख सीखने पर है।

भाग लेने वाली टुकड़ियाँ

भारतीय सेना की टुकड़ी में 45 कर्मी शामिल हैं, जो मुख्य रूप से मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट की एक बटालियन से लिए गए हैं। यह रेजिमेंट शहरी वातावरण सहित विभिन्न इलाकों में तीव्र गतिशीलता, बख्तरबंद समर्थन और युद्ध के लिए प्रशिक्षित है।

यूएई भूमि बलों का प्रतिनिधित्व 53 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन की समान आकार की टुकड़ी द्वारा किया जाता है। दोनों टुकड़ियों की समान शक्ति संतुलित भागीदारी और साझा परिचालन सीखने के सिद्धांत को उजागर करती है।

स्टेटिक जीके तथ्य: भारत की मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट का गठन 1979 में सेना की बख्तरबंद और मशीनीकृत युद्ध क्षमता को बढ़ाने के लिए किया गया था।

शहरी युद्ध पर ध्यान

डेजर्ट साइक्लोन II का एक मुख्य विषय उप-पारंपरिक संघर्ष परिदृश्यों में शहरी युद्ध है। आधुनिक संघर्ष तेजी से घनी आबादी वाले क्षेत्रों में होते हैं, जिससे सशस्त्र बलों के लिए शहरी युद्ध कौशल महत्वपूर्ण हो जाता है।

यह अभ्यास सैनिकों को निर्मित क्षेत्रों में काम करने, नागरिक उपस्थिति का प्रबंधन करने और जटिल परिस्थितियों में समन्वित कार्रवाई करने के लिए प्रशिक्षित करता है। ये कौशल आतंकवाद विरोधी और स्थिरता अभियानों दोनों के लिए महत्वपूर्ण हैं।

स्टेटिक जीके टिप: सीमित दृश्यता और प्रतिबंधित युद्धाभ्यास स्थान के कारण शहरी युद्ध के लिए इन्फैंट्री, विमानन, खुफिया और निगरानी इकाइयों के बीच समन्वय की आवश्यकता होती है।

संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य अभियान और इंटरऑपरेबिलिटी

एक प्रमुख उद्देश्य संयुक्त राष्ट्र-अनिवार्य उप-पारंपरिक अभियानों के लिए तत्परता बढ़ाना है। ऐसे मिशनों में अक्सर राजनीतिक रूप से संवेदनशील वातावरण में शांति स्थापना, आतंकवाद विरोधी और स्थिरीकरण भूमिकाएँ शामिल होती हैं।

संयुक्त प्रशिक्षण इंटरऑपरेबिलिटी में सुधार करता है, जिससे दोनों सेनाएँ एक-दूसरे की कमांड संरचनाओं, संचार विधियों और सामरिक प्रक्रियाओं को समझने में सक्षम होती हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय जनादेश के तहत बहुराष्ट्रीय तैनाती के लिए आवश्यक है।

प्रशिक्षण गतिविधियाँ और आधुनिक युद्ध उपकरण

अभ्यास में सामरिक अभ्यासों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है। इनमें हेलीकॉप्टर से होने वाले ऑपरेशन, कोऑर्डिनेटेड रूम इंटरवेंशन तकनीकें, और विस्तृत जॉइंट मिशन प्लानिंग शामिल हैं।

मानव रहित हवाई प्रणालियों (UAS) और काउंटर-UAS तकनीकों के इस्तेमाल पर विशेष ध्यान दिया जाता है। ड्रोन टोही और टार्गेटिंग के लिए महत्वपूर्ण हो गए हैं, जिससे काउंटर-ड्रोन उपाय आधुनिक युद्ध का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गए हैं।

स्टैटिक GK तथ्य: काउंटर-UAS सिस्टम आमतौर पर दुश्मन ड्रोन का पता लगाने और उन्हें निष्क्रिय करने के लिए रडार, रेडियो-फ्रीक्वेंसी सेंसर और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध उपकरणों को मिलाते हैं।

रणनीतिक महत्व

डेजर्ट साइक्लोन II भारत और UAE के बीच गहरी होती रणनीतिक साझेदारी को दर्शाता है। यह हाल ही में हुए उच्च-स्तरीय सैन्य आदान-प्रदान के बाद हो रहा है, जिसमें अक्टूबर और दिसंबर 2025 में UAE के वरिष्ठ कमांडरों की भारत यात्राएं शामिल हैं।

सामरिक प्रशिक्षण से परे, यह अभ्यास पेशेवर सैन्य संबंधों और आपसी विश्वास को मजबूत करता है। यह उभरती सुरक्षा चुनौतियों के लिए समन्वित प्रतिक्रियाओं को बढ़ाकर क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता में योगदान देता है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
अभ्यास का नाम डेज़र्ट साइक्लोन II
भाग लेने वाले देश भारत और संयुक्त अरब अमीरात
स्थान अबू धाबी
अवधि 18–30 दिसंबर 2025
भारतीय टुकड़ी यंत्रीकृत पैदल सेना रेजिमेंट के 45 जवान
यूएई टुकड़ी 53वीं यंत्रीकृत पैदल सेना बटालियन
मुख्य फोकस शहरी युद्ध और अंतर-संचालन क्षमता
परिचालन ढाँचा संयुक्त राष्ट्र-निर्देशित उप-पारंपरिक अभियान
प्रमुख प्रौद्योगिकियाँ मानवरहित हवाई प्रणालियाँ और काउंटर-यूएएस
रणनीतिक उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करना
India UAE Desert Cyclone II Military Exercise
  1. डेजर्ट साइक्लोन II भारत और UAE का एक संयुक्त सैन्य अभ्यास है।
  2. यह अभ्यास अबू धाबी में आयोजित किया जाता है।
  3. यह 18–30 दिसंबर 2025 तक चलेगा
  4. भारतीय दल में 45 सेना कर्मी शामिल हैं।
  5. भारतीय सैनिक मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री रेजिमेंट के हैं।
  6. UAE का प्रतिनिधित्व 53 मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री बटालियन कर रही है।
  7. यह अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन के पहले संस्करण पर आधारित है।
  8. शहरी युद्ध अभियानों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
  9. प्रशिक्षण में उपपारंपरिक संघर्ष परिदृश्य शामिल किए गए हैं।
  10. आधुनिक संघर्षों में शहरी युद्ध कौशल महत्वपूर्ण हैं।
  11. यह अभ्यास बलों के बीच इंटरऑपरेबिलिटी को बढ़ाता है।
  12. संयुक्त अभ्यास कमांड और संचार समन्वय में सुधार करते हैं।
  13. संयुक्त राष्ट्रअनिवार्य अभियानों पर ज़ोर दिया गया है।
  14. प्रशिक्षण में हेलीबोर्न मिशन शामिल हैं।
  15. कमरे में घुसने की तकनीकों का अभ्यास किया जाता है।
  16. मानवरहित हवाई प्रणालियों के उपयोग पर प्रकाश डाला गया है।
  17. काउंटरड्रोन रणनीति एक प्रमुख प्रशिक्षण घटक है।
  18. यह अभ्यास द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को मजबूत करता है।
  19. यह पेशेवर सैन्य विश्वास का निर्माण करता है।
  20. डेजर्ट साइक्लोन II क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता का समर्थन करता है।

Q1. डेज़र्ट साइक्लोन II अभ्यास भारत और किस देश के बीच आयोजित किया जाता है?


Q2. डेज़र्ट साइक्लोन II अभ्यास कहाँ आयोजित किया जा रहा है?


Q3. इस अभ्यास में भारतीय सेना की कौन-सी रेजिमेंट भाग ले रही है?


Q4. डेज़र्ट साइक्लोन II का मुख्य संचालनात्मक फोकस क्या है?


Q5. डेज़र्ट साइक्लोन II का उद्देश्य किसके लिए तैयारियों को बढ़ाना है?


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