वाडा रिपोर्ट की मुख्य बातें
नवीनतम वर्ल्ड एंटी-डोपिंग एजेंसी (वाडा) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत लगातार तीसरे साल डोपिंग उल्लंघन में दुनिया का सबसे टॉप रैंक वाला देश बन गया है। ये नतीजे साल 2024 से संबंधित हैं और भारत को ग्लोबल डोपिंग आंकड़ों में सबसे ऊपर रखते हैं। इस घटनाक्रम ने काफी ध्यान खींचा है क्योंकि भारत खुद को बड़े अंतरराष्ट्रीय खेल आयोजनों के भविष्य के मेजबान के रूप में पेश कर रहा है।
यह रिपोर्ट दुनिया भर के राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग संगठनों द्वारा रिपोर्ट किए गए एडवर्स एनालिटिकल फाइंडिंग्स (AAFs) पर आधारित है। ये निष्कर्ष उन नमूनों को दर्शाते हैं जो ग्लोबल एंटी-डोपिंग कोड के तहत प्रतिबंधित पदार्थों या तरीकों के लिए पॉजिटिव पाए गए।
स्टेटिक जीके तथ्य: वाडा की स्थापना 1999 में हुई थी और इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है।
भारत में डोपिंग मामलों का पैमाना
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में भारतीय एथलीटों के 260 डोपिंग मामले सामने आए, जो किसी भी देश द्वारा दर्ज किया गया सबसे बड़ा आंकड़ा है। यह 3.6 प्रतिशत की पॉजिटिविटी रेट थी, जो उन देशों में सबसे अधिक थी जिन्होंने साल के दौरान 5,000 से अधिक डोपिंग टेस्ट किए थे।
पता चले मामलों की बढ़ती संख्या उल्लंघन के पैमाने और टेस्टिंग तंत्र के विस्तार दोनों को दर्शाती है। पिछले तीन सालों में भारत के आंकड़े लगातार ऊंचे बने हुए हैं, जो एथलीटों की निगरानी और जागरूकता में सिस्टम की कमजोरियों के बारे में चिंताओं को मजबूत करता है।
नाडा की भूमिका और टेस्टिंग डेटा
भारत की नेशनल एंटी-Doping एजेंसी (नाडा) ने 2024 में 7,113 टेस्ट किए, जिसमें 6,576 यूरिन सैंपल और 537 ब्लड सैंपल शामिल थे। इनमें से 253 यूरिन सैंपल और 7 ब्लड सैंपल के नतीजे पॉजिटिव आए। नाडा ने कहा है कि गहन टेस्टिंग और व्यापक कवरेज ने उच्च डिटेक्शन रेट में योगदान दिया है।
इसकी तुलना में, 2023 में 5,606 नमूनों में से 213 पॉजिटिव मामले दर्ज किए गए, जो किए गए टेस्टों की संख्या और पता चले उल्लंघनों दोनों में तेज वृद्धि का संकेत देता है। यह प्रवृत्ति दिखाती है कि जहां प्रवर्तन मजबूत हुआ है, वहीं अनुपालन में आनुपातिक रूप से सुधार नहीं हुआ है।
स्टैटिक GK टिप: एंटी-डोपिंग कंट्रोल में यूरिन सैंपल सबसे आम तरीका है, जबकि बायोलॉजिकल पासपोर्ट उल्लंघन का पता लगाने के लिए ब्लड सैंपल ज़रूरी हैं।
वैश्विक तुलना और चिंताएँ
भारत की डोपिंग प्रोफ़ाइल अन्य प्रमुख खेल देशों से बिल्कुल अलग है। फ्रांस में 11,744 टेस्ट में से 91 उल्लंघन दर्ज किए गए, रूस में 10,514 टेस्ट में से 76, और चीन में 24,000 से ज़्यादा सैंपल में से सिर्फ़ 43 पॉजिटिव पाए गए। संयुक्त राज्य अमेरिका ने भारत की तुलना में कम टेस्ट करने के बावजूद, 1.1 प्रतिशत की काफी कम पॉजिटिविटी दर बताई।
ये तुलनाएँ इस बात पर ज़ोर देती हैं कि भारत की समस्या सिर्फ़ ज़्यादा टेस्टिंग के बारे में नहीं है, बल्कि गहरी संरचनात्मक चुनौतियों के बारे में भी है। विशेषज्ञ एथलीटों की अपर्याप्त शिक्षा, जमीनी स्तर पर खराब मेडिकल सुपरविज़न, और सप्लीमेंट्स के दुरुपयोग की ओर इशारा करते हैं।
भारत की खेल महत्वाकांक्षाओं पर प्रभाव
ये निष्कर्ष एक महत्वपूर्ण समय पर आए हैं क्योंकि भारत 2030 राष्ट्रमंडल खेलों की मेज़बानी करने की तैयारी कर रहा है और संभावित 2036 ओलंपिक खेलों की बोली पर विचार कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (IOC) ने भारतीय अधिकारियों के साथ बातचीत के दौरान डोपिंग के प्रसार के बारे में पहले ही चिंता व्यक्त की है।
हालांकि भारत ने एक नया एंटी-डोपिंग कानून बनाया है और विशेष अनुशासनात्मक पैनल स्थापित किए हैं, डेटा मजबूत प्रवर्तन, वैज्ञानिक समर्थन और जवाबदेही तंत्र की आवश्यकता पर प्रकाश डालता है। डोपिंग को संबोधित करना अब वैश्विक खेल शासन में भारत की विश्वसनीयता के लिए केंद्रीय है।
स्टैटिक GK तथ्य: ओलंपिक खेलों की मेज़बानी के अधिकार IOC द्वारा तय किए जाते हैं, जो एंटी-डोपिंग अनुपालन और एथलीट की अखंडता पर बहुत ज़ोर देता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| वैश्विक रिपोर्ट | वाडा (WADA) की 2024 की वार्षिक एंटी-डोपिंग निष्कर्ष रिपोर्ट |
| भारत की रैंकिंग | लगातार तीसरे वर्ष वैश्विक स्तर पर सर्वाधिक डोपिंग उल्लंघन |
| कुल मामले | 260 प्रतिकूल विश्लेषणात्मक निष्कर्ष |
| पॉज़िटिविटी दर | 3.6 प्रतिशत |
| परीक्षण एजेंसी | राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी |
| किए गए परीक्षण | 2024 में 7,113 नमूने |
| वैश्विक तुलना | फ्रांस, अमेरिका और चीन में कम दरें |
| खेल पर प्रभाव | ओलंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों को लेकर चिंताएँ |





