सितम्बर 22, 2025 3:59 पूर्वाह्न

भारत ने डिएगो गार्सिया के पास सैटेलाइट ट्रैकिंग नेटवर्क को मज़बूत किया

चालू घटनाएँ:भारत-मॉरीशस समझौता, डिएगो गार्सिया, उपग्रह ट्रैकिंग स्टेशन, हिंद महासागर क्षेत्र, चागोस द्वीपसमूह, इंडो-पैसिफिक सुरक्षा, मॉरीशस की संप्रभुता, अमेरिका-यूके बेस, चीनी नौसैनिक उपस्थिति, समुद्री सहयोग

India Strengthens Satellite Tracking Network Near Diego Garcia

मॉरीशस के साथ ऐतिहासिक समझौता

भारत और मॉरीशस ने चागोस द्वीपसमूह में डिएगो गार्सिया के पास उपग्रह ट्रैकिंग और संचार स्टेशन स्थापित करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

  • यह समझौता मॉरीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगूलाम की भारत यात्रा के दौरान हुआ।
  • इससे हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में भारत की पहुँच और भी मज़बूत होगी, खासकर चीन की बढ़ती नौसैनिक गतिविधियों के बीच।

डिएगो गार्सिया का महत्व

  • चागोस द्वीपसमूह रणनीतिक रूप से बेहद महत्वपूर्ण है – यह पूर्वी अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया के संगम पर स्थित है।
  • डिएगो गार्सिया द्वीप पर अमेरिकायूके का बड़ा नौसैनिक और वायु बेस है, जिसने इराक, अफगानिस्तान और खाड़ी क्षेत्र के अभियानों में अहम भूमिका निभाई।
  • भारत को यहाँ उपग्रह निगरानी और इंडो-पैसिफिक में भू-राजनीतिक लाभ दोनों मिलेंगे।

स्थैतिक GK तथ्य: चागोस द्वीपसमूह में लगभग 60 छोटे द्वीप हैं जो मध्य हिंद महासागर में फैले हुए हैं।

समझौते की शर्तें

  • भारत ने चागोस द्वीपों पर मॉरीशस की संप्रभुता को मान्यता दी।
  • साथ ही, डिएगो गार्सिया पर यूके के सैन्य नियंत्रण का सम्मान भी बरकरार रखा।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने इसे “ऐतिहासिक मील का पत्थर” बताया और उपनिवेशवाद से मुक्ति व क्षेत्रीय सहयोग का समर्थन किया।

स्थैतिक GK तथ्य: 2019 में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) ने यूके को चागोस द्वीपों से नियंत्रण समाप्त करने की सलाह दी थी और मॉरीशस के दावे का समर्थन किया था।

समुद्री और अंतरिक्ष सहयोग का विस्तार

समझौता केवल उपग्रह ट्रैकिंग तक सीमित नहीं है। भारत करेगा:

  • मॉरीशस के साथ संयुक्त हाइड्रोग्राफिक सर्वे और नौवहन मानचित्रण
  • कोस्ट गार्ड अधिकारियों का प्रशिक्षण
  • मॉरीशस के कोस्ट गार्ड जहाज़ों का रीफिटिंग
  • मॉरीशस के विशाल EEZ (Exclusive Economic Zone) में समुद्री सुरक्षा सहयोग

स्थैतिक GK टिप: मॉरीशस का EEZ लगभग 2.3 मिलियन वर्ग किमी है – इसके छोटे भू-क्षेत्र की तुलना में यह दुनिया के सबसे बड़े EEZ में से एक है।

भारत के लिए रणनीतिक महत्व

  • यह स्टेशन हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति का संतुलन है।
  • भारत की उपग्रह और प्रक्षेपण यान ट्रैकिंग क्षमता और भी सशक्त होगी।
  • छोटे द्वीपीय देशों के साथ साझेदारी मज़बूत होगी, जिससे भारत की इंडोपैसिफिक नेतृत्व की महत्वाकांक्षा को बल मिलेगा।

स्थैतिक GK तथ्य: भारत के प्रमुख ग्राउंड स्टेशन ब्यालालु (कर्नाटक) और पोर्ट ब्लेयर (अंडमान निकोबार) में स्थित हैं।

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विषय विवरण
समझौता किसके साथ मॉरीशस
स्टेशन का स्थान डिएगो गार्सिया के पास, चागोस द्वीपसमूह
रणनीतिक महत्व हिंद महासागर में प्रमुख बिंदु, अफ्रीका-मध्य पूर्व-दक्षिण एशिया के निकट
सैन्य उपस्थिति डिएगो गार्सिया पर अमेरिका-यूके बेस
भारत को लाभ उपग्रह ट्रैकिंग, इंडो-पैसिफिक में प्रभाव
मॉरीशस को लाभ समुद्री सुरक्षा, जहाज़ रीफिटिंग, अधिकारियों का प्रशिक्षण
भारत की मान्यता चागोस पर मॉरीशस की संप्रभुता
चीन कारक चीनी नौसैनिक उपस्थिति का संतुलन
प्रमुख टिप्पणी पीएम मोदी: “ऐतिहासिक मील का पत्थर”
अंतरराष्ट्रीय संदर्भ ICJ (2019) ने मॉरीशस के दावे का समर्थन किया

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  1. भारत ने मॉरीशस के साथ एक स्टेशन के लिए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  2. यह स्टेशन चागोस द्वीप समूह में डिएगो गार्सिया के पास स्थित होगा।
  3. यह भारत की हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में रणनीतिक पहुँच को बढ़ाता है।
  4. IOR में चीनी समुद्री उपस्थिति ने इस पहल को प्रेरित किया।
  5. डिएगो गार्सिया में अमेरिका-ब्रिटिश नौसैनिक और हवाई अड्डे हैं।
  6. इस अड्डे ने इराक, अफ़गानिस्तान और खाड़ी में अभियानों का समर्थन किया।
  7. भारत ने चागोस द्वीप समूह पर मॉरीशस की संप्रभुता को आधिकारिक रूप से मान्यता दी।
  8. साथ ही डिएगो गार्सिया पर ब्रिटेन के सैन्य नियंत्रण का भी सम्मान किया।
  9. 2019 में ICJ ने चागोस द्वीप समूह पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया।
  10. यह समझौता हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण और चार्टिंग में सहयोग का विस्तार करता है।
  11. भारत मॉरीशस तटरक्षक अधिकारियों को प्रभावी ढंग से प्रशिक्षित करेगा।
  12. सहायता में मॉरीशस तटरक्षक जहाजों की मरम्मत शामिल है।
  13. मॉरीशस को समुद्री सुरक्षा और विशेष आर्थिक क्षेत्र से लाभ होता है।
  14. मॉरीशस का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र 23 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है जो विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण है।
  15. यह सुविधा भारत को उपग्रहों और प्रक्षेपण यानों पर नज़र रखने की सुविधा देती है।
  16. यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव का मुकाबला करता है।
  17. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कदम को एक मील का पत्थर बताया।
  18. भारत पहले से ही बयालू और पोर्ट ब्लेयर में ग्राउंड स्टेशन संचालित कर रहा है।
  19. चागोस द्वीपसमूह के मध्य हिंद महासागर में 60 से ज़्यादा द्वीप हैं।
  20. यह समझौता हिंद-प्रशांत समुद्री शक्ति के रूप में भारत की महत्वाकांक्षा को दर्शाता है।

Q1. भारत ने डिएगो गार्सिया के पास सैटेलाइट स्टेशन के लिए किस देश के साथ समझौता किया?


Q2. डिएगो गार्सिया का सामरिक महत्व क्या है?


Q3. समझौते में भारत ने कौन-सी अनूठी मान्यता दी?


Q4. मॉरीशस का विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) कितना बड़ा है?


Q5. 2019 में किस न्यायालय ने चागोस द्वीपों पर मॉरीशस के दावे का समर्थन किया था?


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