अक्टूबर 26, 2025 5:02 अपराह्न

भारत ने UNCTAD16 में वैश्विक दक्षिण एकजुटता को मज़बूत किया

चालू घटनाएँ: UNCTAD16, पीयूष गोयल, ग्लोबल साउथ, व्यापार और विकास, जेनेवा सम्मेलन, समावेशी विकास, कार्बन टैक्स, WTO ढांचा, आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन, सतत अर्थव्यवस्था

India Strengthens Global South Solidarity at UNCTAD16

ग्लोबल साउथ का सामूहिक सशक्तिकरण आह्वान

भारत ने संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD-16) में विकासशील और अल्प-विकसित देशों से वैश्विक व्यापार चुनौतियों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि ग्लोबल साउथ को साझा मोर्चा बनाकर असमानताओं से लड़ना होगा और न्यायसंगत विकास सुनिश्चित करना होगा।
स्थिर जीके तथ्य: UNCTAD की स्थापना 1964 में हुई थी ताकि विकासशील देशों को वैश्विक अर्थव्यवस्था में समान भागीदारी का अवसर मिले।

जेनेवा में UNCTAD-16 का फोकस

20 से 23 अक्टूबर 2025 के बीच स्विट्ज़रलैंड के जेनेवा स्थित पैलेस डेस नेशंस में आयोजित इस सम्मेलन का थीम था —
“Shaping the Future: Driving Economic Transformation for Equitable, Inclusive and Sustainable Development”
सम्मेलन में 195 सदस्य देशों ने भाग लिया और अगले चार वर्षों के लिए UNCTAD की नीतिगत दिशा तय की।
स्थिर जीके टिप: UNCTAD सम्मेलन हर चार वर्ष में आयोजित होता है, जो इसके वैश्विक व्यापार नीति एजेंडा को निर्धारित करता है।

भारत का एकता और सुधार का संदेश

पीयूष गोयल ने अपने मुख्य संबोधन (Plenary Session) में कहा कि विकासशील देशों को एक स्वर में बोलना चाहिए”, ताकि वे बढ़ते संरक्षणवाद (Protectionism) और व्यापार अवरोधों से अपने हितों की रक्षा कर सकें।
उन्होंने चेतावनी दी कि वैश्विक व्यापार अस्थिरता और बहुपक्षीय ढाँचों में अनिश्चितता आपसी विश्वास और सहयोग को कमजोर कर रही है।
गोयल ने कहा कि टैरिफ नॉन-टैरिफ बाधाएँ, आपूर्ति श्रृंखला का केंद्रीकरण, और WTO के तहत विशेष प्रावधानों का क्षरण विकासशील देशों के हितों को प्रभावित कर रहा है।
स्थिर जीके तथ्य: विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना 1995 में हुई थी, जिसने GATT (General Agreement on Tariffs and Trade) का स्थान लिया।

एकतरफा पर्यावरणीय नीतियों की आलोचना

भारत ने विकसित देशों द्वारा लागू की जा रही कार्बन बॉर्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज़्म (CBAMs) जैसी नीतियों पर चिंता जताई।
पीयूष गोयल ने कहा कि ऐसी एकतरफा पर्यावरणीय कर नीतियाँ गरीब और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं पर असमान बोझ डालती हैं।
उन्होंने कहा कि ये देश अभी भी गरीबी उन्मूलन और औद्योगिक विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, इसलिए ऐसे कर उनके विकास को बाधित करते हैं।
उन्होंने सेवा क्षेत्र पर प्रतिबंधात्मक नीतियों और गैर-बाज़ार व्यापार प्रथाओं की भी आलोचना की, जो वैश्विक असमानता और अनुचित प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देती हैं।
स्थिर जीके टिप: CBAM एक कार्बन कर व्यवस्था है जो आयात पर लगाया जाता है ताकि स्थानीय और विदेशी उत्पादकों के बीच कार्बन लागत समानता बनी रहे।

न्यायसंगत वैश्विक व्यापार की दिशा में भारत का आह्वान

पीयूष गोयल ने कहा कि अब समय है कि वैश्विक व्यापार व्यवस्था को पुनर्संतुलित (Reset) किया जाए, ताकि न्याय, समावेशन और स्थिरता को प्राथमिकता दी जा सके।
उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में घटता भरोसा कई देशों की विकास यात्रा को प्रभावित कर रहा है।
भारत का रुख UNCTAD-16 में इस बात पर केंद्रित रहा कि ग्लोबल साउथ की आवाज़ें वैश्विक व्यापार नीति निर्माण में समान रूप से सुनी और सम्मानित की जाएँ।
स्थिर जीके तथ्य: ग्लोबल साउथ शब्द का प्रयोग एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के उन विकासशील देशों के लिए किया जाता है, जो संतुलित वैश्विक निर्णय-प्रक्रिया की मांग करते हैं।

स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका

विषय (Topic) विवरण (Detail)
कार्यक्रम 16वां संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD-16)
स्थान पैलेस डेस नेशंस, जेनेवा
तिथियाँ 20–23 अक्टूबर 2025
आयोजक स्विट्ज़रलैंड और UNCTAD
भारतीय प्रतिनिधि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
थीम Shaping the Future: Driving Economic Transformation for Equitable, Inclusive and Sustainable Development
सदस्य देश 195
UNCTAD की स्थापना वर्ष 1964
मुख्यालय जेनेवा, स्विट्ज़रलैंड
मुख्य फोकस ग्लोबल साउथ एकता और न्यायसंगत, सतत वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना
India Strengthens Global South Solidarity at UNCTAD16
  1. भारत ने जिनेवा में UNCTAD16 में वैश्विक दक्षिण एकता की वकालत की।
  2. पीयूष गोयल ने 20-23 अक्टूबर, 2025 तक आयोजित सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
  3. विषयवस्तु समतामूलक, समावेशी और सतत विकास पर केंद्रित थी।
  4. UNCTAD की स्थापना 1964 में विकासशील देशों के व्यापार विकास में सहायता के लिए की गई थी।
  5. भारत ने विकासशील देशों से व्यापार के मुद्दों पर “एक स्वर में बोलने” का आग्रह किया।
  6. गोयल ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुँचाने वाले संरक्षणवादी व्यापार अवरोधों की आलोचना की।
  7. इस कार्यक्रम में पैलेस डेस नेशंस में 195 सदस्य राष्ट्र एकत्रित हुए।
  8. भारत ने एकतरफा कार्बन सीमा समायोजन तंत्र (CBAM) का विरोध किया।
  9. CBAM विकासशील देशों पर कार्बन-संबंधी आयात शुल्क लगाते हैं।
  10. गोयल ने बहुपक्षीय व्यापार प्रणालियों में विश्वास और सुधार पर ज़ोर दिया।
  11. 1995 में स्थापित विश्व व्यापार संगठन, वैश्विक व्यापार के लिए महत्वपूर्ण बना हुआ है।
  12. भारत ने निर्णय लेने में विकासशील देशों के उचित प्रतिनिधित्व की माँग की।
  13. वैश्विक दक्षिण को आपूर्ति श्रृंखला और टैरिफ-आधारित असमानताओं का सामना करना पड़ रहा है।
  14. गोयल ने समावेशी वैश्विक विकास और न्यायसंगत सुधारों का आह्वान किया।
  15. सम्मेलन के पुनर्निर्धारण का उद्देश्य स्थायी और न्यायसंगत व्यापार ढाँचे बनाना है।
  16. स्विट्ज़रलैंड और अंकटाड ने संयुक्त रूप से चार दिवसीय कार्यक्रम की मेजबानी की।
  17. भारत के रुख ने विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के बीच उसके नेतृत्व को उजागर किया।
  18. गोयल ने व्यापार न्याय को गरीबी उन्मूलन और वैश्विक विश्वास से जोड़ा।
  19. वैश्विक दक्षिण में एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देश शामिल हैं।
  20. इस सत्र ने समान विकास की आवाज़ के रूप में भारत की छवि को मज़बूत किया।

Q1. यूएनसीटीएडी16 (UNCTAD16) सम्मेलन कहाँ आयोजित किया गया था?


Q2. भारत का प्रतिनिधित्व यूएनसीटीएडी16 में किसने किया?


Q3. यूएनसीटीएडी16 सम्मेलन का केंद्रीय विषय (Theme) क्या था?


Q4. यूएनसीटीएडी (UNCTAD) की स्थापना कब हुई थी?


Q5. भारत ने किस तंत्र (mechanism) की आलोचना की क्योंकि यह विकासशील देशों को नुकसान पहुँचाता है?


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