वैश्विक खाद्य सुरक्षा में भारत की भूमिका
भारत अब वैश्विक भूख से निपटने में एक महत्वपूर्ण भागीदार बन गया है। 25 अगस्त 2025 को भारत सरकार और विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने मानवीय कार्यों के लिए फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराने हेतु आशय पत्र (Letter of Intent – LoI) पर हस्ताक्षर किए। यह साझेदारी भारत की पहचान एक अधिशेष खाद्य उत्पादक और वैश्विक कल्याण में जिम्मेदार योगदानकर्ता के रूप में स्थापित करती है।
स्थैटिक GK तथ्य: विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) को 2020 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
पोषण सुरक्षा के रूप में फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड चावल, जिसमें आयरन, फोलिक एसिड और विटामिन B12 मिलाए जाते हैं, छिपी हुई भूख (micronutrient deficiency) से निपटने में अहम भूमिका निभाता है। खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) के माध्यम से भारत WFP को सीधे अपने भंडार से फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध कराएगा। यह कदम भारत की “वसुधैव कुटुम्बकम“ की विचारधारा को प्रतिबिंबित करता है और वैश्विक स्तर पर खाद्य असुरक्षित आबादी को सहयोग प्रदान करता है।
स्थैटिक GK टिप: भारत में फूड फोर्टिफिकेशन रिसोर्स सेंटर (FFRC), FSSAI के अंतर्गत कार्य करता है।
वैश्विक सहयोग से मजबूत हुई साझेदारी
LoI हस्ताक्षर के दौरान संजय चोपड़ा (सचिव, DFPD) ने भूख से लड़ने में भारत की वैश्विक जिम्मेदारी पर बल दिया। वहीं, कार्ल स्काउ (उप कार्यकारी निदेशक, WFP) ने खाद्य सुरक्षा और शांति सुनिश्चित करने में भारत की निरंतर भूमिका की सराहना की। यह समझौता फरवरी 2025 में रोम में हुई WFP कार्यकारी बोर्ड बैठक में हुई चर्चाओं पर आधारित है।
चावल आपूर्ति से आगे का सहयोग
भारत-WFP सहयोग केवल चावल आपूर्ति तक सीमित नहीं है। प्रमुख पहलें हैं:
• सप्लाई चेन ऑप्टिमाइज़ेशन – खरीद और वितरण दक्षता में सुधार
• अन्नपूर्णी डिवाइस (Grain ATMs) – संपर्क रहित वितरण प्रणाली
• जन पोषण केंद्र – स्थानीय पोषण जागरूकता
• स्मार्ट वेयरहाउसिंग – डिजिटल मॉनिटरिंग से अनाज भंडारण
• फ्लोस्पैन (मोबाइल स्टोरेज यूनिट्स) – दूरस्थ मानवीय क्षेत्रों के लिए
• राष्ट्रीय स्तर पर फोर्टिफाइड चावल वितरण – सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के माध्यम से
स्थैटिक GK तथ्य: भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुनिया की सबसे बड़ी खाद्य सुरक्षा योजना है, जो राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत 80 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करती है।
यह साझेदारी क्यों महत्वपूर्ण है
वैश्विक भूख संघर्ष, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक अस्थिरता से बढ़ रही है। मानवीय संगठनों के लिए फंड की कमी भी चुनौती है। ऐसे समय में भारत-WFP की पहल संवेदनशील आबादी के लिए स्थायी और पोषक खाद्य आपूर्ति सुनिश्चित करती है और SDG-2 (Zero Hunger) को मजबूत करती है। यह कदम भारत की भूमिका को एक सहायता प्राप्त करने वाले देश से वैश्विक नीति–निर्माण भागीदार में बदलता है और सतत विकास के प्रति उसकी नेतृत्वकारी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आशय पत्र पर हस्ताक्षर की तिथि | 25 अगस्त 2025 |
साझेदार | भारत सरकार एवं विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) |
मुख्य वस्तु | फोर्टिफाइड चावल (आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन B12) |
भारतीय विभाग | खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (DFPD) |
WFP प्रतिनिधि | कार्ल स्काउ, उप कार्यकारी निदेशक |
भारतीय प्रतिनिधि | संजीव चोपड़ा, सचिव, DFPD |
चर्चा का प्रारंभ | WFP बोर्ड बैठक, रोम (फरवरी 2025) |
प्रमुख पहलें | अन्नपूर्णी डिवाइस, जन पोषण केंद्र, स्मार्ट वेयरहाउसिंग, फ्लोस्पैन |
वैश्विक लक्ष्य | शून्य भूख (SDG-2) |
स्थैटिक GK तथ्य | WFP को 2020 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला |