आर्थिक गति का निर्माण
भारत तेजी से आर्थिक परिवर्तन के कारण दुनिया का अग्रणी उपभोक्ता गंतव्य बनने की स्थिति में है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश है, जिसमें 1.4 अरब से अधिक लोग रहते हैं, जो अपार उपभोग क्षमता पैदा करते हैं।
आर्थिक संरचना में बदलाव साफ दिखाई दे रहा है—GDP में विनिर्माण का योगदान बढ़ रहा है और सेवा निर्यात विदेशी मुद्रा प्रवाह को मजबूत कर रहे हैं।
स्थैतिक GK तथ्य: क्रय शक्ति समानता (PPP) के आधार पर भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
ऊर्जा और राजकोषीय अनुशासन में प्रगति
प्रति GDP इकाई तेल पर निर्भरता में स्थिर गिरावट देश के ऊर्जा परिवर्तन लक्ष्यों में प्रगति दर्शाती है। वित्तीय सुधारों से तीन वर्षों में प्राथमिक बजट अधिशेष हासिल करने की राह बन रही है, जिससे बचत-निवेश अंतर कम होगा और लंबे समय तक वास्तविक ब्याज दरें कम रह सकेंगी।
स्थैतिक GK तथ्य: देशव्यापी वस्तु एवं सेवा कर (GST) 2017 में लागू हुआ, जिसने एकीकृत कर प्रणाली बनाई।
महंगाई स्थिरता और नीतिगत प्रभावशीलता
लचीले महंगाई लक्ष्य निर्धारण सहित नीतिगत उपायों ने महंगाई में उतार-चढ़ाव को सीमित किया है, जिससे ब्याज दरें स्थिर और विकास का पैटर्न पूर्वानुमेय बना है। यह माहौल व्यापार विस्तार और निवेशकों के विश्वास को प्रोत्साहित करता है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 2016 में औपचारिक रूप से 4% (+/- 2%) महंगाई लक्ष्य अपनाया।
इक्विटी बाजार की मजबूती और कम जोखिम प्रोफ़ाइल
तेजी से बढ़ती आर्थिक वृद्धि और घटती ब्याज दरों के साथ भारतीय इक्विटी बाजार में P/E अनुपात बढ़ रहा है। घरेलू बचत का बड़ा हिस्सा शेयरों में जा रहा है, जो दीर्घकालिक दृष्टिकोण में विश्वास को दर्शाता है। कम वित्तीय जोखिम भारत को वैश्विक निवेश का केंद्र बना रहा है।
स्थैतिक GK तथ्य: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स 1986 में भारत का पहला बेंचमार्क इक्विटी सूचकांक बना।
बाजार में सुधार के संकेत
FY2025 की दूसरी तिमाही में शुरू हुई कॉर्पोरेट आय में सुस्ती अब नीचे के स्तर पर स्थिर होती दिख रही है। सहायक मौद्रिक परिस्थितियां और मांग में क्रमिक सुधार निवेशकों की रुचि फिर से बढ़ा रहे हैं।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत का वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलता है।
भविष्य के विस्तार के चालक
भारत की वृद्धि को आगे बढ़ाने वाले प्रमुख तत्व होंगे:
- अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना
- पूंजी निवेश परियोजनाओं में तेजी
- कॉर्पोरेट और खुदरा ऋण में तेजी
- उच्च-आवृत्ति आर्थिक संकेतकों में मजबूती
- चीन के साथ गहरा व्यापारिक जुड़ाव
मजबूत घरेलू उपभोग, विस्तारित औद्योगिक क्षमता और स्थिर व्यापक आर्थिक पृष्ठभूमि के साथ भारत मजबूत और स्थिर वृद्धि बनाए रखने की स्थिति में है, जो वैश्विक बाजारों से निरंतर निवेश आकर्षित करेगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| आर्थिक मजबूती | विनिर्माण में वृद्धि, निर्यात विविधीकरण, सेवा क्षेत्र में लाभ |
| राजकोषीय स्वास्थ्य | प्राथमिक अधिशेष लक्ष्य, वित्तीय अनुशासन, तेल पर निर्भरता में कमी |
| बाजार प्रवृत्ति | इक्विटी में भागीदारी बढ़ना, उच्च P/E अनुपात, कम अस्थिरता |
| प्रमुख प्रेरक | अमेरिका व्यापार समझौता, ऋण वृद्धि, पूंजी निवेश विस्तार, चीन के साथ मजबूत संबंध |





