भारत का पुनः निर्वाचन
भारत को 2025–2028 कार्यकाल के लिए अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) परिषद में पुनः निर्वाचित किया गया है। मतदान 27 सितंबर 2025 को 42वीं आईसीएओ महासभा के दौरान मॉन्ट्रियल, कनाडा में हुआ। भारत ने 2022 के चुनाव की तुलना में अधिक वोट हासिल किए, जो सदस्य देशों के बीच बढ़ते विश्वास को दर्शाता है। यह सफलता वैश्विक स्तर पर विमानन क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव की पुष्टि करती है।
आईसीएओ और चुनाव संरचना
आईसीएओ एक विशेषीकृत संयुक्त राष्ट्र एजेंसी है, जिसे 1944 में शिकागो कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन को विनियमित करने के लिए बनाया गया था। इसकी महासभा हर तीन वर्ष में आयोजित होती है और 36 सदस्यीय परिषद का चुनाव करती है। परिषद तीन भागों में बंटी होती है, जिसमें भाग II उन देशों का प्रतिनिधित्व करता है जो वायु नेविगेशन सुविधाओं में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। स्टैटिक जीके तथ्य: आईसीएओ के 193 सदस्य राष्ट्र हैं और इसका मुख्यालय मॉन्ट्रियल, कनाडा में है।
भारत की दीर्घकालिक भूमिका
भारत आईसीएओ का संस्थापक सदस्य रहा है और 81 वर्षों से लगातार परिषद में सेवा कर रहा है। इसकी सतत उपस्थिति वैश्विक समुदाय के लिए भारतीय नागर विमानन के रणनीतिक महत्व को दर्शाती है। स्टैटिक जीके तथ्य: भारत ने 1 मार्च 1947 को शिकागो कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए और तब से आईसीएओ के निर्णय-निर्माण में लगातार भाग लेता रहा है।
2025 चुनावों के लिए कूटनीतिक अभियान
चुनावों से पहले नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय ने सक्रिय कूटनीति की। नई दिल्ली में राजदूतों और उच्चायुक्तों के लिए विशेष स्वागत समारोह आयोजित किया गया। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने व्यक्तिगत रूप से प्रमुख देशों से समर्थन मांगा। आईसीएओ मुख्यालय में भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने भी प्रभावी लॉबिंग की, जबकि मॉन्ट्रियल में द्विपक्षीय बैठकों ने भारत की उम्मीदवारी को और मजबूत किया।
भारत की विमानन वृद्धि
भारत दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते विमानन बाजारों में से एक है। यह विमानन कंपोनेंट निर्माण, रखरखाव, मरम्मत और ओवरहॉल (MRO) सेवाओं तथा विमानन कौशल विकास का केंद्र बनकर उभर रहा है। भारत आईसीएओ के सुरक्षित, सुरक्षित, सतत और लैंगिक समावेशी विमानन के उद्देश्यों में सक्रिय योगदान देता है। स्टैटिक जीके टिप: 2030 तक भारत अमेरिका और चीन के बाद वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा विमानन बाजार बनने की संभावना है।
2025–2028 कार्यकाल के लिए प्रमुख प्राथमिकताएँ
भारत अपने नए कार्यकाल में निम्नलिखित क्षेत्रों पर ध्यान देगा:
• विभिन्न क्षेत्रों में विमानन सुरक्षा और संरक्षा को बढ़ावा देना
• सतत और समान हवाई संपर्क को प्रोत्साहन
• नागर विमानन में तकनीकी नवाचार
• आईसीएओ की “नो कंट्री लेफ्ट बिहाइंड” पहल को मजबूत समर्थन, जो विकासशील देशों को विमानन क्षमता सुधारने में मदद करती है
रणनीतिक महत्व
भारत का पुनः निर्वाचन वैश्विक विमानन शासन में उसकी आवाज सुनिश्चित करता है। यह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नीतियाँ बनाने की भारत की क्षमता में वैश्विक समुदाय के विश्वास को दर्शाता है। यह स्थिति भारत को अपने विमानन हितों की रक्षा करने और वैश्विक हवाई परिवहन के समान विकास में योगदान देने में सक्षम बनाती है।
स्टैटिक उस्तादियन करंट अफेयर्स तालिका
विषय | विवरण |
घटना | भारत का 2025–2028 के लिए ICAO परिषद में पुनः निर्वाचन |
चुनाव तिथि | 27 सितंबर 2025 |
स्थान | 42वीं ICAO महासभा, मॉन्ट्रियल, कनाडा |
परिषद की कुल सीटें | 36 सदस्य |
भारत की स्थिति | ICAO परिषद का भाग II |
पहली सदस्यता | 1944 से संस्थापक सदस्य |
लगातार सेवा | 81 वर्ष |
संबंधित मंत्री | राममोहन नायडू, नागरिक उड्डयन मंत्री |
ICAO मुख्यालय | मॉन्ट्रियल, कनाडा |
प्रमुख पहल | नो कंट्री लेफ्ट बिहाइंड |