भारत का समुद्री विज़न
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई में इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने सुरक्षा, स्थिरता और आत्मनिर्भरता पर आधारित भारत के समुद्री भविष्य की प्रतिबद्धता को दोहराया।
यह आयोजन भारत को एक वैश्विक समुद्री शक्ति (Maritime Power) के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक रणनीतिक कदम साबित हुआ।
श्री शाह ने बताया कि भारत का 7,500 किमी लंबा तट, 13 तटीय राज्य और केंद्र शासित प्रदेश, तथा 23.7 लाख वर्ग किलोमीटर का विशिष्ट आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone – EEZ) देश को आर्थिक और सामरिक दृष्टि से एक अद्वितीय स्थिति प्रदान करता है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत का तट क्षेत्र विश्व में 18वां सबसे लंबा है, जो बंदरगाह विकास और समुद्री व्यापार के लिए विशाल संभावनाएँ प्रदान करता है।
मुंबई लॉन्च और प्रमुख आकर्षण
“Uniting Oceans, One Maritime Vision” थीम के साथ आयोजित इस कार्यक्रम में 85 देशों, 500 से अधिक प्रदर्शकों और 40 मंचों (forums) ने भाग लिया, जो भारत के वैश्विक समुद्री प्रभाव (Global Maritime Footprint) को रेखांकित करता है।
सर्बानंद सोनोवाल, केंद्रीय पोत, नौवहन और जलमार्ग मंत्री, ने इसे विश्व के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री आयोजनों में से एक बताया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि वधावन बंदरगाह को भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह और विश्व के शीर्ष दस बंदरगाहों में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
यह कदम भारत की कार्गो हैंडलिंग क्षमता और वैश्विक संपर्क को सुदृढ़ करेगा।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: सागरमाला कार्यक्रम (Sagarmala Programme), जिसे 2015 में शुरू किया गया था, भारत की प्रमुख बंदरगाह आधुनिकीकरण परियोजना है।
सामरिक और आर्थिक महत्व
इस उद्घाटन ने भारत की इंडो–पैसिफिक क्षेत्र और ग्लोबल साउथ के बीच एक सेतु के रूप में रणनीतिक भूमिका को रेखांकित किया।
श्री शाह ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक स्थिरता और नौसैनिक शक्ति उसकी समुद्री प्रभाव क्षमता की आधारशिला हैं।
सरकार ने वधावन बंदरगाह के विकास, तथा सागरमाला और मेरीटाइम इंडिया विज़न 2030 के तहत मुख्य बंदरगाहों के आधुनिकीकरण के लिए बड़े निवेश की घोषणा की है।
इन पहलों का लक्ष्य लॉजिस्टिक्स नेटवर्क, व्यापार गलियारों, और वैश्विक नौवहन मार्गों को मजबूत बनाना है।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान तथ्य: भारत अपने कुल व्यापारिक आयतन का 90% से अधिक हिस्सा समुद्री परिवहन के माध्यम से संचालित करता है।
ब्लू इकॉनमी और तकनीकी नवाचार
इंडिया मेरीटाइम वीक में ब्लू इकॉनमी (Blue Economy) को भी प्रमुखता दी गई — जिसका उद्देश्य समुद्री संसाधनों के सतत उपयोग से आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
गोवा, ओडिशा और गुजरात जैसे राज्य जहाज निर्माण और मरम्मत उद्योग के उभरते केंद्र बन रहे हैं, जिससे एक सशक्त समुद्री औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित हो रहा है।
तकनीक और सततता (Sustainability) इस आयोजन के मुख्य विषय रहे — जिनमें बंदरगाहों का डिजिटलीकरण, हरित नौवहन (Green Shipping), और तटीय अवसंरचना में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग पर जोर दिया गया।
ये पहलें विकसित भारत 2047 (Viksit Bharat 2047) की दृष्टि के अनुरूप हैं, जो एक आत्मनिर्भर और उन्नत भारत के निर्माण का लक्ष्य रखती हैं।
स्थैतिक सामान्य ज्ञान टिप: “ब्लू इकॉनमी (Blue Economy)” शब्द की शुरुआत गंटर पाउली (Gunter Pauli) ने की थी, ताकि समुद्र–आधारित सतत विकास को बढ़ावा दिया जा सके।
समुद्री भारत की दिशा में भविष्य की दृष्टि
यह आयोजन भारत की उस महत्वाकांक्षा को पुष्ट करता है, जिसके माध्यम से वह नवाचार, निवेश और अंतरराष्ट्रीय सहयोग के जरिए एक समुद्री महाशक्ति (Maritime Powerhouse) बनने की दिशा में अग्रसर है।
भारत अब इंडो–पैसिफिक आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) में एक प्रमुख कड़ी के रूप में उभर रहा है, और इंडिया मेरीटाइम वीक जैसी पहलें इस समुद्री पुनर्जागरण (Maritime Renaissance) का प्रतीक हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| आयोजन | इंडिया मेरीटाइम वीक 2025 |
| स्थान | मुंबई, महाराष्ट्र |
| उद्घाटनकर्ता | केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह |
| थीम | Uniting Oceans, One Maritime Vision |
| प्रमुख प्रतिभागी | 85 देश, 500+ प्रदर्शक, 40 मंच |
| प्रमुख घोषणा | वधावन पोर्ट को भारत का सबसे बड़ा बंदरगाह बनाना |
| उपस्थित मंत्री | सर्बानंद सोनोवाल, देवेंद्र फडणवीस |
| प्रमुख फोकस क्षेत्र | अवसंरचना, ब्लू इकॉनमी, जहाज निर्माण, सततता |
| प्रमुख पहल | सागरमाला कार्यक्रम |
| दीर्घकालिक विज़न | विकसित भारत 2047 – समुद्री शक्ति के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत |





