मत्स्य अवसंरचना का रूपांतरण
भारत ने खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोग्राम (TCP) के तहत साझेदारी कर मत्स्य पालन अवसंरचना का आधुनिकीकरण शुरू किया है। 18 सितंबर 2025 को मत्स्य विभाग (DoF) ने ब्लू पोर्ट्स पहल पर पहली वेबिनार आयोजित की। इस परियोजना का लक्ष्य विश्वस्तरीय मत्स्य बंदरगाह विकसित करना है, जिनमें स्मार्ट तकनीक और सतत प्रथाएँ शामिल होंगी।
स्थिर GK तथ्य: भारत का मत्स्य क्षेत्र देश के GDP में 1% से अधिक योगदान देता है और लगभग 1.4 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है।
निवेश और स्थान
कुल ₹369.80 करोड़ तीन स्मार्ट और एकीकृत मत्स्य बंदरगाहों के लिए आवंटित किए गए हैं। पायलट परियोजनाएँ इन स्थानों पर चल रही हैं:
- वनकबारा (दीव)
- जखाउ (गुजरात)
- कारैकल (पुदुच्चेरी)
इन निवेशों का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, आर्थिक समावेशन और जलवायु-लचीली मत्स्य अवसंरचना की दिशा में भारत की दृष्टि को मज़बूत करना है।
ब्लू पोर्ट्स क्या हैं
ब्लू पोर्ट्स ढाँचा पर्यावरण-अनुकूल, समावेशी और तकनीक-आधारित मत्स्य बंदरगाहों को बढ़ावा देता है। इसके मुख्य उद्देश्य हैं:
- कटाई के बाद की अवसंरचना को सुदृढ़ करना
- बंदरगाह संचालन में एआई, 5G और IoT का समावेश
- सामाजिक रूप से समावेशी और जलवायु-लचीले उपायों को समर्थन
- ट्रेसेबिलिटी और ऊर्जा-कुशल प्रबंधन सुनिश्चित करना
यह पहल पारंपरिक बंदरगाहों को स्मार्ट अवसंरचना केंद्रों में बदलने के लिए बनाई गई है, ताकि भारत की ब्लू इकॉनमी को सतत महासागरीय संसाधन प्रबंधन द्वारा बढ़ावा मिले।
स्थिर GK टिप: भारत का समुद्री तट 7,500 किमी से अधिक लंबा है, जो इसे विश्व का 7वाँ सबसे लंबा तटवर्ती देश बनाता है।
प्रमुख योजनाओं की भूमिका
ब्लू पोर्ट्स पहल को PMMSY (प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना) और मत्स्य एवं जलीय कृषि अवसंरचना विकास कोष (FIDF) का समर्थन प्राप्त है। ये योजनाएँ मत्स्य क्षेत्र को सशक्त करती हैं, निर्यात क्षमता बढ़ाती हैं और जलवायु अनुकूलन उपायों को मज़बूत करती हैं।
FAO टेक्निकल कोऑपरेशन प्रोग्राम
FAO TCP के साथ समझौता इन बिंदुओं पर केंद्रित है:
- बंदरगाह प्रबंधन के लिए तकनीकी क्षमता निर्माण
- निवेश पहचान हेतु रणनीतिक उपकरण उपलब्ध कराना
- इको-एफिशिएंसी और सामाजिक समावेशन में सहायता
वनकबारा और जखाउ बंदरगाह विशेष रूप से समर्थित हैं, जहाँ सरकारी और निजी हितधारकों के लिए व्यापक क्षमता-विकास कार्यक्रम लागू किया जाएगा।
तकनीकी एकीकरण
यह पहल संचालन क्षमता, ट्रेसेबिलिटी और सतत प्रथाओं को सुधारने के लिए एआई, 5G, IoT और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ज़ोर देती है। ऊर्जा-कुशल समाधान और जलवायु-लचीले डिज़ाइन इन स्मार्ट हार्बर्स की केंद्रीय विशेषताएँ हैं।
स्थिर GK तथ्य: हिंद महासागर विश्व के समुद्री व्यापार का 32% हिस्सा संभालता है, जिससे आधुनिक बंदरगाहों का सामरिक महत्व बढ़ जाता है।
निष्कर्ष
ब्लू पोर्ट्स पहल भारत के मत्स्य क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी कदम है। यह तकनीक, स्थिरता और समावेशन को जोड़कर ब्लू इकॉनमी को मज़बूत करती है और वैश्विक मानक की मत्स्य अवसंरचना प्रदान करती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
परियोजना | भारत ने ब्लू पोर्ट्स पहल शुरू की |
समझौता | भारत का मत्स्य विभाग और FAO (TCP के तहत) |
निवेश | ₹369.80 करोड़ (3 स्मार्ट हार्बर्स हेतु) |
पायलट बंदरगाह | वनकबारा (दीव), जखाउ (गुजरात), कारैकल (पुदुच्चेरी) |
तकनीकी एकीकरण | एआई, 5G, IoT, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म |
सहायक योजनाएँ | पीएम मत्स्य संपदा योजना (PMMSY), FIDF |
उद्देश्य | स्मार्ट, पर्यावरण-अनुकूल, समावेशी, जलवायु-लचीले बंदरगाह |
लॉन्च तिथि | 18 सितंबर 2025 |