समझौते का अवलोकन
भारत और इज़राइल ने सितंबर 2025 में नई दिल्ली में द्विपक्षीय निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य आपसी व्यापार को बढ़ाना, निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और फिनटेक, साइबर सुरक्षा व नवाचार क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करना है। इस समझौते पर भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और इज़राइल के वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच ने हस्ताक्षर किए।
समझौते के उद्देश्य
यह समझौता एक पारदर्शी और न्यायसंगत निवेश ढाँचा तैयार करता है। इसमें प्रावधान किए गए हैं:
- निवेशकों की संपत्ति हड़पने से सुरक्षा और उचित मुआवजा
- निवेशकों के लिए कानूनी निश्चितता
- विवाद निपटान हेतु स्वतंत्र आर्बिट्रेशन मैकेनिज़्म
- लाभ और पूँजी का सुगम स्थानांतरण
इन कदमों से सीमा-पार निवेश और सुरक्षित तथा आकर्षक हो जाएगा।
वर्तमान निवेश परिदृश्य
वर्तमान में भारत-इज़राइल निवेश का मूल्य लगभग 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। इस नए समझौते के बाद निवेश प्रवाह में वृद्धि की संभावना है, खासकर साइबर सुरक्षा, रक्षा तकनीक, फिनटेक और डिजिटल भुगतान क्षेत्रों में।
स्थिर जीके तथ्य: भारत और इज़राइल ने 1992 में पूर्ण राजनयिक संबंध स्थापित किए थे।
रणनीतिक सहयोग
यह समझौता दोनों देशों के साझा लोकतांत्रिक और आर्थिक मूल्यों को दर्शाता है। इज़राइल ने भारत को हाई-टेक सहयोग के लिए प्रमुख विकास बाज़ार बताया। प्रमुख क्षेत्र होंगे:
- साइबर रक्षा सहयोग
- वित्तीय नियामक सुधार
- डिजिटल भुगतान कनेक्टिविटी
- अवसंरचना विकास
स्थिर जीके टिप: इज़राइल को नवाचार और प्रौद्योगिकी में वैश्विक नेतृत्व के कारण अक्सर “स्टार्ट-अप नेशन” कहा जाता है।
भारत के लिए महत्व
भारत के लिए यह समझौता उसकी वैश्विक इनोवेशन हब बनने की दृष्टि को मजबूत करता है। इससे डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा मिलेगा और फिनटेक व साइबर सुरक्षा क्षेत्र में भारत की वित्तीय प्रणाली और मज़बूत होगी।
वैश्विक और क्षेत्रीय संदर्भ
ऐसे समझौते भारत की आर्थिक कूटनीति को मजबूत करते हैं। ये न केवल वित्तीय लचीलापन सुनिश्चित करते हैं बल्कि भारत को सुरक्षित निवेश गंतव्य के रूप में भी स्थापित करते हैं। वहीं इज़राइल के लिए यह समझौता दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था तक अधिक पहुँच सुनिश्चित करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन | भारत-इज़राइल द्विपक्षीय निवेश समझौता |
स्थान | नई दिल्ली |
तिथि | सितंबर 2025 |
भारतीय हस्ताक्षरकर्ता | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
इज़राइली हस्ताक्षरकर्ता | वित्त मंत्री बेज़ालेल स्मोट्रिच |
वर्तमान निवेश मूल्य | 800 मिलियन अमेरिकी डॉलर |
मुख्य क्षेत्र | फिनटेक, साइबर सुरक्षा, रक्षा, डिजिटल भुगतान |
प्रमुख विशेषताएँ | निवेशक सुरक्षा, आर्बिट्रेशन मैकेनिज़्म, उचित मुआवज़ा |
कूटनीतिक उपलब्धि | भारत-इज़राइल संबंध 1992 में स्थापित |
इज़राइल का उपनाम | स्टार्ट-अप नेशन |