अक्टूबर 18, 2025 12:11 पूर्वाह्न

भारत ने अंटार्कटिका में एक नए अनुसंधान केंद्र के रूप में मैत्री II की स्थापना की

चालू घटनाएँ: मैत्री II, वित्त मंत्रालय, अंटार्कटिक अनुसंधान स्टेशन, नवीकरणीय ऊर्जा, एनसीपीओआर (NCPOR), भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम 2022, भारती स्टेशन, जलवायु परिवर्तन, अंटार्कटिक संधि, दक्षिण गंगोत्री

India Establishes Maitri II as a New Research Base in Antarctica

भारतीय ध्रुवीय अनुसंधान का नया अध्याय

केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पूर्वी अंटार्कटिका में भारत के नए अनुसंधान केंद्र मैत्री II’ की स्थापना को मंज़ूरी दी है।
यह भारत का चौथा अंटार्कटिक अनुसंधान स्टेशन होगा और जनवरी 2029 तक संचालन में आने की उम्मीद है।
ग्रीन रिसर्च सुविधा के रूप में डिज़ाइन किया गया यह स्टेशन सौर और पवन ऊर्जा पर चलेगा तथा स्वचालित वैज्ञानिक उपकरणों से सुसज्जित रहेगा।

स्थैतिक जीके तथ्य: भारत का पहला अंटार्कटिक अभियान 1981–82 में शुरू हुआ था, जिसने भारत के ध्रुवीय अनुसंधान की नींव रखी।

अंटार्कटिका क्षेत्र का महत्व

अंटार्कटिका को पृथ्वी की “प्राकृतिक प्रयोगशाला (Natural Laboratory)” कहा जाता है, क्योंकि यह वैज्ञानिकों को वैश्विक जलवायु और महासागर प्रणाली को समझने में मदद करता है।
इसकी विशाल हिम चादरें (ice sheets) जलवायु परिवर्तन और वायुमंडलीय विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करती हैं।
महाद्वीप में पृथ्वी के लगभग 75% मीठे पानी का भंडार है और यह खाद्य योग्य शैवाल तथा 200 से अधिक मछली प्रजातियों का घर है।
लौह (iron) और तांबा (copper) जैसे खनिज तत्व इसके वैज्ञानिक अध्ययन को और भी आकर्षक बनाते हैं।

स्थैतिक जीके टिप: अंटार्कटिका पृथ्वी का पाँचवाँ सबसे बड़ा महाद्वीप है, जो लगभग 1.4 करोड़ वर्ग किलोमीटर में फैला है।

भू-राजनीतिक और पर्यावरणीय चुनौतियाँ

हाल के वर्षों में अंटार्कटिका का भू-राजनीतिक महत्व बढ़ गया है, खासकर क्षेत्रीय दावों और चीन की बढ़ती उपस्थिति के कारण।
कई चीनी संरचनाओं के दोहरे उपयोग (dual-use) की संभावना ने सुरक्षा और पर्यावरणीय चिंता को बढ़ाया है।
इस पृष्ठभूमि में भारत का मैत्री II केंद्र न केवल वैज्ञानिक अनुसंधान बल्कि शांतिपूर्ण सहयोग और पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा देगा।

अंटार्कटिक अनुसंधान में भारत की यात्रा

भारत का ध्रुवीय कार्यक्रम 1983–84 में दक्षिण गंगोत्री (Dakshin Gangotri) स्टेशन से शुरू हुआ, जो 1990 तक सक्रिय रहा।
इसके बाद 1989 में मैत्री स्टेशन और 2012 में भारती स्टेशन स्थापित किए गए।
ये केंद्र वायुमंडलीय विज्ञान, हिमनद विज्ञान (Glaciology) और महासागर विज्ञान (Oceanography) में अनुसंधान को सहयोग देते हैं।
सभी अभियानों का संचालन गोवा स्थित राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR) करता है, जो पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अंतर्गत कार्यरत है।

कानूनी और अंतर्राष्ट्रीय ढाँचा

भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम 2022 भारत की अंटार्कटिका में गतिविधियों के लिए विधिक आधार प्रदान करता है।
यह अधिनियम पर्यावरण संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और मानव उपस्थिति के विनियमन को सुनिश्चित करता है।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, अंटार्कटिक संधि (1959) क्षेत्र में सभी गतिविधियों को नियंत्रित करती है।
भारत 1983 में इस संधि का परामर्शदात्री सदस्य (Consultative Party) बना और उसने शांतिपूर्ण वैज्ञानिक सहयोग तथा गैर-सैन्यीकरण के सिद्धांतों को अपनाया।

स्थैतिक जीके तथ्य: अंटार्कटिक संधि के 56 सदस्य देश हैं, जिनमें से 29 देशों को परामर्शदात्री दर्जा (Consultative Status) प्राप्त है।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय (Topic) विवरण (Detail)
नए अनुसंधान केंद्र का नाम मैत्री II
स्थान पूर्वी अंटार्कटिका
संचालन वर्ष (अनुमानित) जनवरी 2029
ऊर्जा स्रोत नवीकरणीय ऊर्जा (सौर और पवन)
नोडल एजेंसी राष्ट्रीय ध्रुवीय एवं समुद्री अनुसंधान केंद्र (NCPOR), गोवा
शासन कानून भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम 2022
भारत का पहला अंटार्कटिक केंद्र दक्षिण गंगोत्री (1983–84)
अन्य संचालित केंद्र मैत्री (1989), भारती (2012)
वैश्विक ढाँचा अंटार्कटिक संधि, 1959
भारत की संधि स्थिति 1983 से परामर्शदात्री सदस्य (Consultative Party)
India Establishes Maitri II as a New Research Base in Antarctica
  1. भारत ने एक नए अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्र, मैत्री II की स्थापना को मंज़ूरी दी।
  2. इस परियोजना को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 2025 में मंज़ूरी दी थी।
  3. मैत्री II भारत का चौथा अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्र होगा।
  4. इसके जनवरी 2029 तक चालू होने की उम्मीद है।
  5. यह केंद्र नवीकरणीय सौर और पवन ऊर्जा से चलेगा।
  6. भारत का पहला अंटार्कटिक अभियान 1981-82 में हुआ था।
  7. अंटार्कटिका में दुनिया के 75% मीठे पानी के भंडार हैं।
  8. यह क्षेत्र वैज्ञानिकों को वैश्विक जलवायु और महासागर प्रणालियों का अध्ययन करने में मदद करता है।
  9. भारत के पिछले केंद्रों में दक्षिण गंगोत्री (1983-84), मैत्री (1989) और भारती (2012) शामिल हैं।
  10. इस कार्यक्रम का प्रबंधन एनसीपीओआर (राष्ट्रीय ध्रुवीय और महासागर अनुसंधान केंद्र), गोवा द्वारा किया जाता है।
  11. भारतीय अंटार्कटिक अधिनियम 2022 भारत की अंटार्कटिक गतिविधियों को नियंत्रित करता है।
  12. अंटार्कटिक संधि (1959) शांतिपूर्ण और वैज्ञानिक सहयोग सुनिश्चित करती है।
  13. भारत 1983 में इस संधि का एक सलाहकार पक्ष बना।
  14. इस संधि के 56 सदस्य राष्ट्र हैं, जिनमें 29 सलाहकार सदस्य हैं।
  15. नया स्टेशन अंटार्कटिका में भारत की रणनीतिक और वैज्ञानिक उपस्थिति को बढ़ाता है।
  16. यह हिमनद विज्ञान, समुद्र विज्ञान और जलवायु परिवर्तन में अनुसंधान का समर्थन करता है।
  17. इस अड्डे में स्वचालित उपकरणों और पर्यावरण-अनुकूल डिज़ाइन का उपयोग किया जाएगा।
  18. मैत्री II पर्यावरण संरक्षण के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को पुष्ट करता है।
  19. यह पहल ध्रुवीय क्षेत्रों में भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा को संबोधित करती है।
  20. मैत्री II ध्रुवीय विज्ञान और स्थिरता में भारत की प्रगति का प्रतीक है।

Q1. अंटार्कटिका में भारत के आगामी अनुसंधान केंद्र का नाम क्या है?


Q2. मैत्री II के संचालन में आने की उम्मीद कब है?


Q3. भारत के अंटार्कटिक अनुसंधान केंद्रों का प्रबंधन कौन सी संस्था करती है?


Q4. भारत अंटार्कटिक संधि का परामर्शदाता सदस्य कब बना?


Q5. अंटार्कटिका में भारत की गतिविधियों को कौन-सा कानून नियंत्रित करता है?


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