नवीकृत राजनयिक समझ
लगभग दो वर्षों की कूटनीतिक तनातनी के बाद भारत और कनाडा ने विश्वास बहाली और द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने के लिए नया रोडमैप अपनाने पर सहमति जताई। यह प्रगति दोनों देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई वार्ताओं के बाद हुई, जिनका केंद्र ऊर्जा, तकनीक और सतत विकास में सहयोग था।
तनाव की पृष्ठभूमि एक पूर्व कनाडाई प्रधानमंत्री के आरोपों से जुड़ी थी, जिसमें एक सिख अलगाववादी नेता की हत्या में भारत की संलिप्तता का दावा किया गया था। इस विवाद के कारण महीनों तक व्यापार और संवाद तंत्र ठप रहे।
स्थैतिक तथ्य: भारत और कनाडा के राजनयिक संबंध 1947 में—भारत की स्वतंत्रता के तुरंत बाद—स्थापित हुए।
ऊर्जा सहयोग का पुनरारंभ
नए संवाद का एक प्रमुख परिणाम Canada-India Ministerial Energy Dialogue (CIMED) को पुनर्स्थापित करने का निर्णय है। यह मंच LNG और LPG के द्विपक्षीय व्यापार तथा तेल–गैस और स्वच्छ ऊर्जा तकनीकों में निवेश को बढ़ावा देगा।
दोनों देश एक्सप्लोरेशन एंड प्रोडक्शन (E&P) क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने और सतत परियोजनाओं में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने का लक्ष्य रखते हैं।
स्थैतिक टिप: कनाडा वेनेज़ुएला और सऊदी अरब के बाद विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल भंडार रखता है।
विज्ञान और तकनीक में प्रगति
एक और महत्वपूर्ण कदम Joint Science and Technology Cooperation Committee (JSTCC) का पुनःआरंभ है। यह समिति कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), साइबर सुरक्षा, और वित्तीय प्रौद्योगिकी (Fintech) में अनुसंधान साझेदारी को आगे बढ़ाएगी—जो नौकरी सृजन और नवाचार के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं।
भारत का डिजिटल रूपांतरण और कनाडा का शोध अवसंरचना—दोनों मिलकर वैश्विक तकनीकी मानकों को आगे बढ़ाने के लिए एक पूरक पारिस्थितिकी तंत्र बनाते हैं।
स्वच्छ ऊर्जा और सततता पर फोकस
दोनों देशों ने लो–कार्बन तकनीकों—जैसे ग्रीन हाइड्रोजन, बायोफ्यूल, और कार्बन कैप्चर, यूटिलाइज़ेशन एंड स्टोरेज (CCUS)—पर सहयोग का संकल्प लिया। लक्ष्य पेरिस समझौते के अनुरूप प्रयासों का संरेखण और वैश्विक नेट–ज़ीरो लक्ष्यों में योगदान करना है।
भविष्य की संयुक्त परियोजनाएँ इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, नवीकरणीय ऊर्जा और क्लाइमेट–फ्रेंडली नवाचारों पर केंद्रित रहने की उम्मीद है।
स्थैतिक तथ्य: भारत 2070 तक और कनाडा 2050 तक नेट ज़ीरो पाने का लक्ष्य रखता है।
जन–जन संबंध और व्यापारिक रिश्ते
भारत और कनाडा के बीच मजबूत सांस्कृतिक व शैक्षिक संबंध हैं; कनाडा में 7,70,000 से अधिक भारतीय मूल के लोग रहते हैं। संवाद की पुनर्बहाली से अर्ली प्रोग्रेस ट्रेड एग्रीमेंट (EPTA) पर प्रगति की उम्मीद बढ़ी है, जो आगे चलकर समग्र आर्थिक साझेदारी का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
स्थैतिक तथ्य: कनाडा, संयुक्त राज्य के बाद, भारतीय प्रवासी का सबसे बड़ा केंद्रों में से एक है, जो उसकी अर्थव्यवस्था और बहुसांस्कृतिक समाज में महत्त्वपूर्ण योगदान देता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
राजनयिक रीसेट | विदेश मंत्रियों की बातचीत के बाद नया रोडमैप |
पूर्व तनाव | सिख अलगाववादी की हत्या के आरोपों से उपजे विवाद |
ऊर्जा सहयोग | CIMED (कनाडा–भारत मंत्रीस्तरीय ऊर्जा संवाद) का पुनर्स्थापन |
व्यापार फ़ोकस | LNG, LPG और स्वच्छ ऊर्जा व्यापार को बढ़ावा |
तकनीकी कड़ी | JSTCC का पुनःआरंभ |
नवाचार क्षेत्र | AI, साइबर सुरक्षा, फिनटेक |
सततता एजेंडा | ग्रीन हाइड्रोजन, बायोफ्यूल, CCUS, ई-मोबिलिटी में सहयोग |
जलवायु प्रतिबद्धता | भारत: 2070 नेट ज़ीरो; कनाडा: 2050 नेट ज़ीरो |
प्रवासी शक्ति | कनाडा में 7,70,000+ भारतीय मूल के लोग |
भविष्य दृष्टि | EPTA पर प्रगति और व्यापक आर्थिक साझेदारी की उम्मीद |