भारत की सक्रिय भागीदारी
भारत ने 11–12 सितम्बर 2025 को इटली के रोम में आयोजित चौथे कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट (CGGS) में भाग लिया। भारतीय तटरक्षक (ICG) के दो सदस्यीय दल का नेतृत्व महानिदेशक परमेश शिवमणि ने किया।
भारत ने इस अवसर पर 2027 में पाँचवें CGGS की मेज़बानी करने का प्रस्ताव रखा, जिससे वैश्विक समुद्री सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता झलकती है।
स्थिर जीके तथ्य: भारतीय तटरक्षक का औपचारिक गठन 1 फरवरी 1977 को हुआ था। यह भारत की चौथी सशस्त्र सेना है।
भारत का व्याख्यान
ICG प्रतिनिधिमंडल ने “Guardians Against the Blaze: ICG’s Tactical Response to Fire Emergencies” विषय पर व्याख्यान दिया। इसमें समुद्र में आग लगने की घटनाओं से निपटने की भारत की विशेषज्ञता को प्रस्तुत किया गया। इसने भारत की समुद्री सुरक्षा में रचनात्मक भूमिका को रेखांकित किया।
रोम समिट की प्रमुख थीम
समिट की सह-अध्यक्षता इटली और जापान ने की। इसमें 115 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए।
मुख्य चर्चाएँ:
- समुद्री सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया
- समुद्र में कानून प्रवर्तन और क्षमता निर्माण
- तेल रिसाव और समुद्री प्रदूषण से निपटना
- समुद्री डकैती और अवैध मछली पकड़ने की चुनौतियाँ
- समुद्री निगरानी के लिए डिजिटल उपकरणों का उपयोग
स्थिर जीके टिप: जापान की कोस्ट गार्ड प्रणाली (1948 में स्थापित) दुनिया की सबसे पुरानी और उन्नत प्रणालियों में से एक है।
CGGS का वैश्विक महत्व
कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट की शुरुआत 2017 में जापान कोस्ट गार्ड और निप्पॉन फाउंडेशन ने की थी। तब से यह मंच अंतरराष्ट्रीय संवाद और विश्वास निर्माण का महत्वपूर्ण साधन बन गया है।
2025 संस्करण में इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी और जापान के पीएम शिगेरू इशिबा ने समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और खोज-बचाव अभियानों में सहयोग की तात्कालिकता पर बल दिया।
भारत की 2027 की बोली
भारत द्वारा 2027 में CGGS की मेज़बानी का प्रस्ताव उसकी समुद्री कूटनीति का अहम क्षण रहा। सफल होने पर यह:
- भारत की छवि को हिंद महासागर क्षेत्र में पसंदीदा सुरक्षा भागीदार के रूप में मज़बूत करेगा।
- ब्लू इकॉनमी रणनीतियों और जलवायु लचीलापन पहलों को प्रस्तुत करने का अवसर देगा।
- क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका को पुष्ट करेगा।
स्थिर जीके तथ्य: हिंद महासागर विश्व का तीसरा सबसे बड़ा महासागर है, जो पृथ्वी की सतही जल का लगभग 20% कवर करता है।
आगे की दृष्टि
समिट का मूल मंत्र “Guardians at Sea” इस बढ़ती समझ को दर्शाता है कि वैश्विक जल क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए सामूहिक प्रयास अनिवार्य हैं। भारत की भागीदारी और 2027 की महत्वाकांक्षा यह संकेत देती है कि वह भविष्य में समुद्री शासन को आकार देने में निर्णायक भूमिका निभाना चाहता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन | चौथा कोस्ट गार्ड ग्लोबल समिट (CGGS) |
तिथि | 11–12 सितम्बर 2025 |
स्थान | रोम, इटली |
भारतीय प्रतिनिधिमंडल | DG ICG परमेश शिवमणि के नेतृत्व में |
प्रस्तुत व्याख्यान | “Guardians Against the Blaze: ICG’s Tactical Response to Fire Emergencies” |
सह-अध्यक्ष | इटली और जापान |
प्रतिनिधि | 115 देश और संगठन |
पहला CGGS | 2017, जापान कोस्ट गार्ड और निप्पॉन फाउंडेशन |
समिट का मूल मंत्र | Guardians at Sea |
भारत की महत्वाकांक्षा | 2027 में पाँचवें CGGS की मेज़बानी |