बीएसआई में ऐतिहासिक नियुक्ति
25 सितम्बर 2025 को डॉ. कनद दास को बोटैनिकल सर्वे ऑफ इंडिया (BSI) का 13वां निदेशक नियुक्त किया गया। यह पहली बार है जब किसी माइकोलॉजिस्ट (मशरूम वैज्ञानिक) को इस प्रतिष्ठित संस्थान का प्रमुख बनाया गया है। बीएसआई की स्थापना 1890 में हुई थी और यह पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के अधीन कार्य करता है।
स्थैतिक तथ्य: बीएसआई का मुख्यालय कोलकाता में है और इसके 11 क्षेत्रीय केंद्र तथा 4 सहयोगी इकाइयाँ हैं।
कनद दास का परिचय
डॉ. दास मशरूम टैक्सोनॉमी (Fungal Taxonomy) में विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त विशेषज्ञ हैं।
- उन्होंने 165 नई प्रजातियाँ और 2 नए वंश (genera) खोजे हैं।
- 170 शोध पत्र तथा 8 पुस्तकें प्रकाशित की हैं।
- 25 वर्षों का अनुभव रखते हैं और आचार्य जगदीशचंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान तथा सेंट्रल नेशनल हर्बेरियम में नेतृत्वकारी भूमिकाएँ निभाई हैं।
स्थैतिक तथ्य: डॉ. दास ने अपना करियर बीएसआई के देहरादून केंद्र से एक शोध छात्र के रूप में शुरू किया था।
बीएसआई के लिए दृष्टिकोण
डॉ. दास बीएसआई को डिजिटलीकरण, समावेशिता और वैज्ञानिक विस्तार की दिशा में आगे ले जाना चाहते हैं। उनकी प्राथमिक योजनाओं में शामिल हैं:
- भारत की लोअर प्लांट ग्रुप्स और फंगी की चेकलिस्ट पूरी करना।
- राष्ट्रीय हर्बेरियम डेटाबेस का डिजिटलीकरण कर उसे शोध और जनसाधारण के लिए उपलब्ध कराना।
- फंगल जैवविविधता अनुसंधान को बढ़ावा देना।
स्थैतिक तथ्य: बीएसआई का मिशन है — भारत की वनस्पतियों का अन्वेषण, प्रलेखन और संरक्षण।
फंगल अनुसंधान का महत्व
फंगस पारिस्थितिकी तंत्र में डीकंपोज़र और सहजीवी के रूप में अहम भूमिका निभाते हैं। डॉ. दास के नेतृत्व में भारत की फंगल विविधता को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर अधिक पहचान मिलने की संभावना है।
संस्थागत महत्व
यह नियुक्ति भारतीय वनस्पति अनुसंधान में एक नई दिशा को दर्शाती है, जिसमें पारंपरिक पौधों के साथ-साथ लोअर प्लांट ग्रुप्स को भी महत्व दिया जा रहा है। उनकी विशेषज्ञता से विश्वविद्यालयों, शोध संस्थानों और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क्स के साथ सहयोग मजबूत होगा।
स्थैतिक तथ्य: बीएसआई 1890 में स्थापित हुआ था और यह पूरे भारत से नमूनों का संग्रह और फील्ड अनुसंधान करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
नए निदेशक का नाम | कनद दास |
विशेषज्ञता | माइकोलॉजी (फंगी टैक्सोनॉमी) |
प्रमुख उपलब्धि | 165 नई प्रजातियाँ, 2 नए वंश |
नियुक्ति तिथि | 25 सितम्बर 2025 |
अधीनस्थ मंत्रालय | पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) |
मुख्यालय | कोलकाता |
बीएसआई की स्थापना | 1890 |
दृष्टिकोण | लोअर प्लांट ग्रुप्स की चेकलिस्ट, हर्बेरियम डिजिटलीकरण |
शोध योगदान | 170 शोध पत्र, 8 पुस्तकें |
पूर्व नेतृत्व भूमिकाएँ | आचार्य जगदीशचंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान, सेंट्रल नेशनल हर्बेरियम |