सैटेलाइट बस क्या होती है?
सैटेलाइट बस किसी उपग्रह प्रणाली की मूल संरचना होती है, जो बिजली आपूर्ति, तापीय नियंत्रण, और संचार प्रणालियाँ जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान करती है। इससे जुड़े पेलोड (जैसे कैमरा, सेंसर, ट्रांसमीटर) को उसका मिशन पूरा करने में मदद मिलती है। इसे ऐसे समझें जैसे बस एक ट्रक है और पेलोड उसका माल। इसका मॉड्यूलर डिज़ाइन इसे पुनः उपयोगी और लागत–कुशल बनाता है, जिससे विभिन्न मिशनों के लिए इसे आसानी से बदला जा सकता है।
भारत की नई उपग्रह मंच पहल
IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र) ने 2025 में Satellite Bus as a Service (SBaaS) नामक पहल शुरू की है। इसका उद्देश्य भारतीय निजी अंतरिक्ष कंपनियों को सशक्त बनाना और विदेशी उपग्रह तकनीकों पर निर्भरता को कम करना है। इसके माध्यम से भारत होस्टेड पेलोड और स्मॉल सैटेलाइट सेवाओं में वैश्विक आपूर्तिकर्ता बनने की दिशा में अग्रसर है।
दो चरणों में लागू होगी SBaaS योजना
SBaaS योजना दो प्रमुख चरणों में कार्यान्वित की जाएगी:
- पहले चरण में, IN-SPACe 4 योग्य निजी संस्थाओं का चयन करेगा जो मॉड्यूलर, मिशन–रेडी सैटेलाइट बस विकसित कर सकें।
- दूसरे चरण में, IN-SPACe 2 कक्षा परीक्षण मिशनों को आर्थिक सहयोग देगा, जहाँ इन प्लेटफॉर्मों को वास्तविक पेलोड के साथ अंतरिक्ष में परखा जाएगा।
पंजीकरण की अंतिम तिथि: 15 मई 2025, और प्रस्ताव भेजने की अंतिम तिथि: 23 जून 2025 निर्धारित की गई है।
भारत के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है SBaaS
SBaaS उपग्रह निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाता है, क्योंकि यह पेलोड डेवलपर्स और सैटेलाइट बस निर्माताओं के बीच समन्वय स्थापित करता है। इससे समय और लागत दोनों में कमी आती है। इसके माध्यम से टेलीकम्युनिकेशन, रिमोट सेंसिंग, और IoT आधारित सेवाओं के लिए तेज़ी से नवाचार संभव होगा। छोटे, फुर्तीले उपग्रहों पर केंद्रित यह पहल भारत को वैश्विक बाज़ार में प्रतिस्पर्धी बनाएगी।
अंतरिक्ष नवाचार में IN-SPACe की भूमिका
IN-SPACe की स्थापना जून 2020 में भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के अंतर्गत की गई थी। इसका उद्देश्य था कि निजी कंपनियाँ भी अंतरिक्ष मिशनों में भाग ले सकें। यह गैर–सरकारी उपग्रहों और लॉन्च प्रोजेक्ट्स को अनुमति और निगरानी प्रदान करता है। SBaaS जैसी योजनाओं के ज़रिए, IN-SPACe भारत की अंतरिक्ष तकनीक को वाणिज्यिक रूप दे रहा है और निजी कंपनियों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार, अवसंरचना और तकनीकी समर्थन मुहैया करवा रहा है।
STATIC GK SNAPSHOT
विषय | विवरण |
IN-SPACe का पूर्ण रूप | भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष प्रोत्साहन और प्राधिकरण केंद्र |
स्थापना वर्ष | जून 2020 |
मातृ संगठन | भारत सरकार का अंतरिक्ष विभाग |
SBaaS का पूर्ण रूप | सैटेलाइट बस एज़ ए सर्विस |
शुरुआत वर्ष | 2025 |
प्रमुख उद्देश्य | निजी सैटेलाइट बस विकास और होस्टेड मिशन बढ़ावा देना |
चरण I का लक्ष्य | 4 निजी संस्थाओं को मिशन-रेडी सैटेलाइट प्लेटफॉर्म बनाने हेतु चयन |
चरण II का लक्ष्य | 2 कक्षा परीक्षण मिशनों को वित्तपोषण देना |
पंजीकरण अंतिम तिथि | 15 मई 2025 |
प्रस्ताव अंतिम तिथि | 23 जून 2025 |
IN-SPACe की भूमिका | भारत की अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में निजी भागीदारी को सक्षम बनाना |