प्रस्तावना
आप्रवासन और विदेशियों का अधिनियम 2025 2 सितम्बर 2025 से प्रभावी हुआ। यह भारत में विदेशियों के प्रवेश, ठहराव और आवाजाही को नियंत्रित करने के लिए एक आधुनिक ढाँचा प्रदान करता है। अधिनियम ने केंद्र सरकार की भूमिका को सशक्त बनाया और आप्रवासन प्रबंधन के लिए नए प्रावधान जोड़े।
निरस्त किए गए कानून
यह अधिनियम पुराने चार कानूनों को निरस्त करता है:
- पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम 1920
- विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939
- विदेशियों का अधिनियम 1946
- आप्रवासन (परिवाहक की देयता) अधिनियम 2000
अब एकल कानून के तहत आप्रवासन व्यवस्था को सरल बनाया गया है।
Static GK तथ्य: विदेशियों का अधिनियम 1946 ब्रिटिश शासन के दौरान द्वितीय विश्व युद्ध के शरणार्थी संकट से निपटने के लिए लागू हुआ था।
आप्रवासन चौकियाँ
सरकार अब विशिष्ट प्रवेश और निकास बिंदुओं को आप्रवासन चौकियों के रूप में अधिसूचित कर सकती है। इससे हवाई अड्डों, बंदरगाहों और स्थलीय सीमाओं पर निगरानी और नियंत्रण आसान होगा।
आप्रवासन ब्यूरो
अधिनियम ने एक आप्रवासन ब्यूरो की स्थापना की है। यह निकाय वीज़ा निर्गमन, प्रवेश नियम, पारगमन अनुमति और विदेशियों की निगरानी का कार्य करेगा।
Static GK टिप: भारत की पहली केंद्रीकृत आप्रवासन इकाई 1971 में खुफिया ब्यूरो के अंतर्गत बनी थी।
विदेशियों का पंजीकरण
भारत आने वाले सभी विदेशियों को पंजीकरण अधिकारी के साथ पंजीकरण करना अनिवार्य है। इससे विदेशी छात्रों, पेशेवरों और अन्य आगंतुकों का आधिकारिक रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा।
रिपोर्टिंग दायित्व
शैक्षणिक संस्थान, चिकित्सा केंद्र और परिवहन सेवाएँ विदेशियों की जानकारी साझा करने के लिए बाध्य हैं। इससे आंतरिक सुरक्षा और डेटा प्रबंधन सशक्त होता है।
अपराध और दंड
वैध दस्तावेज़ों के बिना भारत में प्रवेश करने वाले विदेशियों को पाँच वर्ष तक की कैद और पाँच लाख रुपये तक जुर्माना, या दोनों सजाएँ एक साथ दी जा सकती हैं।
गिरफ्तारी की शक्ति
हेड कॉन्स्टेबल और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी बिना वारंट विदेशियों को गिरफ्तार कर सकते हैं। यह प्रवर्तन एजेंसियों को सीधी कार्यवाही की शक्ति देता है।
परिसरों पर नियंत्रण
नागरिक प्राधिकारी उन स्थानों को बंद करने का आदेश दे सकते हैं जहाँ विदेशियों की आवाजाही सुरक्षा के लिए खतरा मानी जाती है। वे कुछ परिसरों में विदेशियों के प्रवेश पर भी रोक लगा सकते हैं।
महत्व
इस अधिनियम से आप्रवासन कानूनों का एकीकरण हुआ और भारत को एक आधुनिक, वैश्विक मानकों के अनुरूप ढाँचा मिला। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेशी नागरिकों के कुशल प्रबंधन के बीच संतुलन स्थापित करता है।
Static GK तथ्य: भारत की सबसे लंबी अंतर्राष्ट्रीय सीमा बांग्लादेश के साथ है, जिसकी लंबाई 4,096 किमी है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
प्रवर्तन तिथि | 2 सितम्बर 2025 |
निरस्त कानून | पासपोर्ट अधिनियम 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम 1939, विदेशियों का अधिनियम 1946, आप्रवासन अधिनियम 2000 |
अधिकार संपन्न | भारत सरकार |
आप्रवासन चौकियाँ | नामित प्रवेश और निकास बिंदु |
आप्रवासन ब्यूरो | वीज़ा, प्रवेश और निगरानी के लिए स्थापित |
पंजीकरण नियम | आगमन पर सभी विदेशियों को पंजीकरण अनिवार्य |
रिपोर्टिंग दायित्व | वाहक, शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थान |
दंड | पाँच वर्ष कैद, पाँच लाख रुपये जुर्माना या दोनों |
गिरफ्तारी की शक्ति | हेड कॉन्स्टेबल और उससे ऊपर के पुलिस अधिकारी |
परिसरों पर नियंत्रण | नागरिक प्राधिकारी द्वारा प्रवेश व बंदी आदेश |