हल्दी खेती में एक नया सवेरा
भारत लंबे समय से हल्दी उत्पादन का केंद्र रहा है, लेकिन अब एक नई किस्म इसे वैश्विक मंच पर और भी मजबूती से स्थापित कर सकती है—IISR सूर्या, जिसे इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पाइसेस रिसर्च (IISR) ने विकसित किया है। यह किस्म विशेष रूप से मसाला और पाउडर उद्योग के लिए तैयार की गई है ताकि हल्के रंग की हल्दी की कमी को पूरा किया जा सके।
हल्के रंग की हल्दी क्यों है महत्वपूर्ण
भारतीय हल्दी आमतौर पर गहरे पीले रंग की होती है जो खाना पकाने के लिए उपयुक्त है, लेकिन जापान और यूरोप जैसे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में हल्के रंग की हल्दी की मांग अधिक है—विशेषकर स्वास्थ्य पूरक, सौंदर्य उत्पाद और पाउडर के रूप में। इस मांग को पूरा करने के लिए पहले ब्लेंडिंग करनी पड़ती थी, जिससे गुणवत्ता पर असर पड़ता था। IISR सूर्या की प्राकृतिक रूप से हल्की गांठें और तेज सुगंध इस समस्या का समाधान पेश करती हैं।
उत्पादन और मुनाफे में उछाल
IISR सूर्या किस्म स्थानीय किस्मों से 20–30% अधिक पैदावार देती है और 41 टन प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन संभव है। यदि कोई किसान वर्तमान में 25 टन पैदा करता है, तो IISR सूर्या से उत्पादन 32 टन या उससे अधिक हो सकता है—वो भी उच्च गुणवत्ता वाले निर्यात बाजार को ध्यान में रखते हुए।
वैज्ञानिक समर्थन और राष्ट्रीय मान्यता
यह केवल प्रयोग नहीं है। अखिल भारतीय समन्वित मसाला अनुसंधान परियोजना (AICRPS) ने इसे मंजूरी दी है और केरल तथा तेलंगाना जैसे मसाला उत्पादक राज्यों में इसके प्रचार की सिफारिश की है। इससे हल्दी के निर्यात में वृद्धि की संभावना है—विशेषकर स्वास्थ्य के प्रति सजग वैश्विक बाजारों में।
किसानों को आत्मनिर्भर बनाना, प्रकृति के साथ
IISR सूर्या के उपयोग से छोटे किसानों की आय में स्थिरता, बेहतर दाम और मिश्रण पर निर्भरता में कमी हो सकती है। यह किस्म जैविक खेती, हल्दी–आधारित ग्रामीण उद्योगों और सतत कृषि को प्रोत्साहित करती है, क्योंकि अधिक पैदावार कम भूमि से संभव होती है।
स्टैटिक जीके स्नैपशॉट
विषय | विवरण |
किस्म का नाम | IISR सूर्या |
विकसित संस्थान | इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ स्पाइसेस रिसर्च (IISR) |
उद्देश्य | मसाला और पाउडर उद्योग, निर्यात गुणवत्ता |
रंग की विशेषता | हल्के रंग की गांठ (राइज़ोम) |
उत्पादन क्षमता | 41 टन प्रति हेक्टेयर तक |
अतिरिक्त लाभ | 20–30% अधिक उत्पादन |
लक्षित निर्यात बाजार | जापान और यूरोप |
सिफारिशकर्ता | AICRPS (मसालों पर अखिल भारतीय समन्वित परियोजना) |
अनुशंसित राज्य | केरल, तेलंगाना |
भारत में महत्त्व | प्रमुख मसाला फसल; खाद्य, औषधि, सौंदर्य प्रसाधन में उपयोग |