हाउसिंग प्राइस इंडेक्स में वृद्धि
मार्च 2025 में भारत के 13 प्रमुख शहरों के लिए हाउसिंग प्राइस इंडेक्स (HPI) 132 पर पहुंच गया, जो मार्च 2024 के 124 से 8 अंकों की वृद्धि है। यह डेटा आरईए इंडिया (Housing.com) और इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (ISB) द्वारा जारी किया गया है, जो आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र में मूल्य स्थिरीकरण का संकेत देता है।
स्थैतिक जीके तथ्य: हाउसिंग प्राइस इंडेक्स समय के साथ शहरी क्षेत्रों में आवासीय संपत्ति कीमतों में बदलाव को मापता है।
इंडेक्स में शामिल शहर
HPI निम्नलिखित शहरों में मूल्य रुझानों को ट्रैक करता है — अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा और पुणे।
मार्च 2025 में HPI 132 रहा, जो फरवरी 2025 के 132 और जनवरी 2025 के 131 के बराबर है — यानी मासिक बदलाव नहीं लेकिन वार्षिक वृद्धि दिखा रहा है। यह रुझान 2024 की तेज़ बढ़ोतरी के बाद मूल्य स्थिर होने का संकेत देता है।
स्वस्थ समेकन के संकेत
विशेषज्ञ इसे स्वस्थ बाज़ार समेकन मानते हैं। पिछले तिमाहियों में तेज़ मूल्य वृद्धि देखने को मिली थी, लेकिन अब खरीदार अधिक सतर्क हैं। सप्लाई में बदलाव हो रहा है — कम सट्टा निवेश और एंड–यूज़र मांग पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: रियल एस्टेट में मूल्य स्थिरीकरण का दौर बाज़ार को ज़्यादा गर्म होने से बचाता है और किफ़ायत बनाए रखता है।
आर्थिक कारकों की भूमिका
रिपोर्ट के अनुसार, हाल की ब्याज दर कटौतियां, बढ़ती घरेलू आय और जीवनशैली में बदलाव इस स्थिरीकरण के पीछे प्रमुख कारण हैं। इससे लंबी अवधि के गृहस्वामियों के लिए अनुकूल माहौल बना है, न कि अल्पकालिक निवेशकों के लिए।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारतीय रिज़र्व बैंक रेपो रेट में बदलाव कर होम लोन की क़ीमत को प्रभावित करता है, जिससे वाणिज्यिक बैंकों की ब्याज दरें बदलती हैं।
वैश्विक और स्थानीय रुझानों का प्रभाव
वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और नए प्रोजेक्ट लॉन्च में कमी ने मूल्य वृद्धि को धीमा किया है। यह रुकावट डेवलपर्स को वास्तविक मांग के अनुसार सप्लाई को संतुलित करने का अवसर देती है, जिससे सतत विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।
लंबी अवधि में शहरीकरण, मध्यवर्ग का विस्तार और सरकारी नीतियों का समर्थन भारतीय आवासीय रियल एस्टेट को एक मज़बूत क्षेत्र बनाए रखते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
| तथ्य | विवरण |
| मार्च 2025 HPI | 132 |
| मार्च 2024 HPI | 124 |
| HPI में शामिल शहर | अहमदाबाद, बेंगलुरु, चेन्नई, फरीदाबाद, गांधीनगर, गाजियाबाद, ग्रेटर नोएडा, गुरुग्राम, हैदराबाद, कोलकाता, मुंबई, नोएडा, पुणे |
| फरवरी 2025 से मासिक बदलाव | कोई बदलाव नहीं |
| रिपोर्ट जारी करने वाले | आरईए इंडिया (Housing.com) और इंडियन स्कूल ऑफ बिज़नेस (ISB) |
| मुख्य रुझान | 2024 उछाल के बाद मूल्य स्थिरीकरण |
| आर्थिक चालक | ब्याज दर कटौती, बढ़ती आय |
| वैश्विक कारक | आर्थिक प्रतिकूलताएं |
| बाज़ार चरण | स्वस्थ समेकन |
| प्रमुख दीर्घकालिक समर्थन | शहरीकरण, मध्यवर्ग विस्तार, नीतिगत उपाय |





