विरासत और तकनीक का संगम
भारत की पवित्र सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए ओडिशा सरकार ने पुरी में “ज्ञान यज्ञ मंडप” नामक अत्याधुनिक डिजिटल लाइब्रेरी स्थापित करने की घोषणा की है।
इस पहल का उद्देश्य जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी प्राचीन पांडुलिपियों, अभिलेखों और ग्रंथों का डिजिटलीकरण व संरक्षण करना है।
यह डिजिटल लाइब्रेरी ध्वस्त रघुनंदन लाइब्रेरी के स्थान पर बनाई जाएगी, जो कभी एमर मठ परिसर में स्थित थी।
यह केंद्र भक्तों, विद्वानों और शोधकर्ताओं के लिए एक सांस्कृतिक अभिलेखागार और डिजिटल ज्ञान केंद्र के रूप में कार्य करेगा।
स्थिर GK तथ्य: पुरी का जगन्नाथ मंदिर हिंदू धर्म के चार धाम तीर्थ स्थलों में से एक है — अन्य तीन हैं बद्रीनाथ, द्वारका और रामेश्वरम।
परियोजना की पृष्ठभूमि
रघुनंदन लाइब्रेरी, जिसे 20वीं सदी के प्रारंभ में स्थापित किया गया था, में ताड़पत्र पांडुलिपियाँ और धार्मिक ग्रंथ (ओड़िया, संस्कृत और बांग्ला में) संग्रहीत थे।
इसका ध्वस्तीकरण जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के तहत किया गया, जिसका उद्देश्य मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण, श्रद्धालुओं की सुविधाओं में सुधार, और पहुंच सुगमता बढ़ाना है।
नया ज्ञान यज्ञ मंडप इस खोए हुए बौद्धिक केंद्र को आधुनिक डिजिटल तकनीक के साथ पुनर्जीवित करेगा।
प्रमुख उद्देश्य और विशेषताएँ
मंदिर अभिलेखों का डिजिटल संरक्षण
परियोजना के तहत निम्नलिखित अभिलेखों को डिजिटलीकृत किया जाएगा —
• माडला पंजी: यह मंदिर का सदियों पुराना क्रॉनिकल है जो राजसी संरक्षण और अनुष्ठानों का विवरण देता है।
• ताड़पत्र पांडुलिपियाँ: पारंपरिक जगन्नाथ पूजा विधियों और संस्कारों का विस्तृत विवरण।
• अनुष्ठानिक मैनुअल और प्रशासनिक अभिलेख: मंदिर के धार्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विकास से संबंधित दस्तावेज़।
स्थिर GK टिप: माडला पंजी भारत के सबसे प्राचीन ऐतिहासिक अभिलेखों में से एक है, जिसकी शुरुआत 12वीं सदी में हुई मानी जाती है।
अनुसंधान और विद्वत उपयोग
इस डिजिटल केंद्र में ई–लाइब्रेरी प्रणाली और शोध केंद्र दोनों होंगे, जहाँ से विद्वान, इतिहासकार और भक्त डिजिटल रूप में पवित्र ग्रंथों तक पहुंच प्राप्त कर सकेंगे।
परियोजना की निगरानी श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) द्वारा की जाएगी, जिससे अभिलेखों की प्रामाणिकता और सटीकता सुनिश्चित की जा सके।
सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व
ज्ञान यज्ञ मंडप केवल एक डिजिटल परियोजना नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक पुनर्जागरण है।
यह पहल परंपरा और आधुनिकता का संगम प्रस्तुत करती है — जिससे ओडिशा ने स्वयं को भारत की जीवंत परंपराओं के संरक्षक के रूप में पुनः स्थापित किया है।
यह कदम सांस्कृतिक धरोहर के डिजिटल सशक्तीकरण का भी प्रतीक है, जिससे पवित्र ग्रंथों और अभिलेखों को विलुप्ति या क्षरण से बचाया जा सकेगा।
स्थिर GK तथ्य: पुरी, भारत के पूर्वी तट पर स्थित है और यहां का रथ यात्रा उत्सव हर वर्ष लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है।
प्रशासनिक विवरण
इस पहल की घोषणा अक्टूबर 2025 में कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन ने की।
परियोजना प्रबंधन का दायित्व SJTA (श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन) को सौंपा गया है।
यह पहल इस बात का मॉडल उदाहरण है कि भारतीय राज्य प्रौद्योगिकी का उपयोग कर अमूर्त सांस्कृतिक विरासत (Intangible Cultural Heritage) की रक्षा करते हुए उसे वैश्विक रूप से सुलभ बना सकते हैं।
स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
परियोजना का नाम | ज्ञान यज्ञ मंडप डिजिटल लाइब्रेरी |
स्थान | पुरानी रघुनंदन लाइब्रेरी स्थल, जगन्नाथ मंदिर के पास, पुरी |
घोषणा करने वाले | कानून मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन |
प्रशासनिक संस्था | श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) |
उद्देश्य | मंदिर की पांडुलिपियों और अभिलेखों का डिजिटलीकरण और संरक्षण |
मुख्य अभिलेख | माडला पंजी, ताड़पत्र पांडुलिपियाँ, अनुष्ठानिक मैनुअल |
संबद्ध परियोजना | जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर |
महत्व | विरासत संरक्षण और डिजिटल नवाचार का संगम |
घोषणा वर्ष | 2025 |
सांस्कृतिक महत्व | ओडिशा की धार्मिक और ऐतिहासिक धरोहर की रक्षा |