ज्ञान भारतम् पोर्टल का शुभारंभ
12 सितम्बर 2025 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में ज्ञान भारतम् पोर्टल का शुभारंभ किया। यह पहल अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन – ज्ञान भारतम् के दौरान प्रस्तुत की गई, जो भारत की पांडुलिपि धरोहर को संरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्थिर जीके तथ्य: विज्ञान भवन (नई दिल्ली) की स्थापना 1956 में हुई थी और यह राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का प्रमुख स्थल है।
पोर्टल के उद्देश्य
यह पोर्टल भारत के विशाल पांडुलिपि संग्रहों का डिजिटलीकरण, संरक्षण और सार्वजनिक पहुँच सुनिश्चित करेगा।
- राष्ट्रीय डिजिटल भंडार के रूप में कार्य करेगा।
- एआई आधारित खोज, अनुवाद और टिप्पणी उपकरण उपलब्ध कराएगा।
- शोध, प्रकाशन और विद्वानों व संरक्षणकर्ताओं के लिए क्षमता निर्माण को बढ़ावा देगा।
स्थिर जीके टिप: भारत के पास विश्व में सबसे बड़ा पांडुलिपि भंडार है, जिसकी संख्या 50 लाख से अधिक है।
अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की भूमिका
11–13 सितम्बर 2025 तक आयोजित “भारत की ज्ञान परंपरा की पुनर्प्राप्ति: पांडुलिपि धरोहर के माध्यम से” सम्मेलन का आयोजन संस्कृति मंत्रालय ने किया।
- इसमें 1,100 से अधिक विशेषज्ञों, विद्वानों और संस्थानों ने भाग लिया।
- चर्चाओं का केंद्र था: डिजिटलीकरण, संरक्षण, जनसहभागिता और प्रदर्शनी।
पहल का महत्व
भारत की पांडुलिपियाँ दर्शनशास्त्र, आयुर्वेद, खगोलशास्त्र, साहित्य, प्रशासन जैसे विविध क्षेत्रों को कवर करती हैं।
- कई पांडुलिपियाँ नाज़ुक और नष्ट होने के कगार पर हैं।
- डिजिटलीकरण से इनका संरक्षण सुनिश्चित होगा।
- शोधार्थियों के लिए खुली पहुँच को बढ़ावा मिलेगा।
- यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उस लक्ष्य से मेल खाता है जिसमें पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों का एकीकरण शामिल है।
स्थिर जीके तथ्य: राष्ट्रीय पांडुलिपि मिशन (2003) पांडुलिपियों के दस्तावेजीकरण व संरक्षण हेतु स्थापित किया गया था।
राष्ट्रीय दृष्टि में योगदान
ज्ञान भारतम् पोर्टल विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को मज़बूत करता है, जिसमें सांस्कृतिक धरोहर को विकसित भारत की नींव माना गया है।
- एआई तकनीक और पारंपरिक ज्ञान को जोड़कर यह प्राचीन और आधुनिक शिक्षा के बीच सेतु बनाता है।
- भारत की सॉफ्ट पावर को वैश्विक स्तर पर मज़बूत करता है।
स्थिर जीके टिप: यूनेस्को ने कई भारतीय पांडुलिपियों (जैसे ऋग्वेद) को अपने Memory of the World Register में शामिल किया है।
आगे की राह
यह पहल वैश्विक साझेदारी, सामुदायिक भागीदारी और शिक्षा में एकीकरण के माध्यम से परंपरागत ज्ञान को डिजिटल रूप में पुनर्जीवित करने का लक्ष्य रखती है। यह परियोजना भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि कैसे सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा और नवाचार साथ-साथ आगे बढ़ सकते हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
आयोजन | ज्ञान भारतम् पोर्टल का शुभारंभ |
तिथि | 12 सितम्बर 2025 |
शुभारंभकर्ता | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी |
स्थल | विज्ञान भवन, नई दिल्ली |
आयोजक | संस्कृति मंत्रालय |
सम्मेलन विषय | भारत की ज्ञान परंपरा की पुनर्प्राप्ति (पांडुलिपि धरोहर) |
प्रतिभागी | 1,100+ विद्वान, विशेषज्ञ, संस्थान |
उद्देश्य | डिजिटलीकरण, संरक्षण, शोध, एआई आधारित पहुँच, क्षमता निर्माण |
राष्ट्रीय दृष्टि | विकसित भारत 2047 |
नीति से संरेखण | राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 |