GSTAT का शुभारंभ
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 24 सितम्बर 2025 को नई दिल्ली में वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT) का शुभारंभ किया। यह भारत के अप्रत्यक्ष कर सुधारों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो कर विवाद समाधान के लिए एक समर्पित और एकसमान मंच सुनिश्चित करता है। यह शुभारंभ भारत के वित्तीय ढांचे में जीएसटी के स्तंभ के रूप में विकसित होने को दर्शाता है।
स्थैतिक तथ्य: भारत में जीएसटी 1 जुलाई 2017 को लागू हुआ था, जिसने कई अप्रत्यक्ष करों को एक राष्ट्रीय कर प्रणाली में सम्मिलित किया।
GSTAT का उद्देश्य
नया अधिकरण जीएसटी के अंतर्गत विवादों का समयबद्ध और निष्पक्ष समाधान प्रदान करेगा। यह कानूनी व्याख्याओं में समानता लाएगा, मुकदमों में देरी को कम करेगा और करदाताओं का विश्वास बढ़ाएगा। निर्णयों में पूर्वानुमेयता सुनिश्चित करके, GSTAT ‘मेक इन इंडिया’ पहल को समर्थन देगा और व्यापार सुगमता को बढ़ाएगा।
स्थैतिक तथ्य: जीएसटी लागू होने के बाद भारत की Ease of Doing Business रैंकिंग में उल्लेखनीय सुधार हुआ था, जो इसे प्रमुख सुधार उपायों में से एक बनाता है।
संरचना और पीठें
GSTAT एक प्रधान पीठ नई दिल्ली में और 45 स्थानों पर 31 राज्य पीठों के माध्यम से कार्य करेगा। प्रत्येक पीठ में दो न्यायिक सदस्य, एक तकनीकी सदस्य (केंद्र) और एक तकनीकी सदस्य (राज्य) होंगे। यह संरचना कानूनी और तकनीकी विशेषज्ञता का संतुलन सुनिश्चित करती है और सहकारी संघवाद के सिद्धांत को प्रतिबिंबित करती है।
स्थैतिक टिप: भारत में अधिकरण अनुच्छेद 323B के अंतर्गत कार्य करते हैं, जो कराधान जैसे मामलों में विशेषज्ञ न्यायिक व्यवस्था की अनुमति देता है।
तकनीकी एकीकरण
शुभारंभ में GSTAT ई-कोर्ट्स पोर्टल भी शामिल था, जिसे जीएसटीएन ने एनआईसी के सहयोग से विकसित किया है। यह पोर्टल अपीलों की ई-फाइलिंग, डिजिटल सुनवाई और ऑनलाइन केस ट्रैकिंग की सुविधा देता है, जिससे अधिकरण अधिक सुलभ और पारदर्शी बनता है। करदाताओं के लिए केस प्रबंधन उपकरण, गाइड और सामान्य प्रश्न (FAQs) भी उपलब्ध हैं।
करदाता 30 जून 2026 तक अपील दाखिल कर सकते हैं, जिससे विशेष रूप से एमएसएमई और स्टार्टअप्स के लिए नई व्यवस्था में सहज अनुकूलन संभव हो सकेगा।
अर्थव्यवस्था और करदाताओं के लाभ
GSTAT पूरे देश में समान कर निर्णय प्रदान करेगा, कानूनी अनिश्चितताओं को कम करेगा और अपील समाधान की गति बढ़ाएगा। इससे विशेष रूप से एमएसएमई, निर्यातकों और स्टार्टअप्स को लाभ होगा, क्योंकि उन्हें एक पूर्वानुमेय कानूनी ढांचा मिलेगा। कर विवादों को सरल बनाकर, GSTAT भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में विश्वास को मजबूत करता है।
स्थैतिक तथ्य: भारत के कुल कर राजस्व में 50% से अधिक योगदान अप्रत्यक्ष करों का है, जिसमें जीएसटी का सबसे बड़ा हिस्सा है।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
शुभारंभ तिथि | 24 सितम्बर 2025 |
शुभारंभकर्ता | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण |
अधिकरण का नाम | वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT) |
प्रधान पीठ | नई दिल्ली |
राज्य पीठें | 45 स्थानों पर 31 |
प्रति पीठ सदस्य | 2 न्यायिक, 1 तकनीकी (केंद्र), 1 तकनीकी (राज्य) |
प्रमुख विशेषता | GSTAT ई-कोर्ट्स पोर्टल |
विकसित करने वाले | जीएसटीएन और एनआईसी |
अपील दाखिल करने की अंतिम तिथि | 30 जून 2026 |
उद्देश्य | जीएसटी विवादों का समान और कुशल समाधान |