परियोजना का अवलोकन
ग्रेट निकोबार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट (GNIP) एक व्यापक विकास योजना है जिसमें ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, टाउनशिप और 450 MVA गैस–सौर ऊर्जा संयंत्र का निर्माण शामिल है।
इस परियोजना की देखरेख अंडमान और निकोबार द्वीप एकीकृत विकास निगम (ANIIDCO) द्वारा की जा रही है।
जनजातीय चिंताएँ
जनजातीय परिषद ने गंभीर आपत्तियाँ जताई हैं। उनका कहना है कि द्वीप की आदिवासी आबादी के वन अधिकार अभी तक तय नहीं हुए हैं।
- शॉम्पेन जनजाति भारत की सबसे छोटी और सबसे अलग-थलग जनजातियों में से एक है, जो केवल ग्रेट निकोबार में रहती है।
- निकोबारी जनजाति ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा बोलती है और निकोबार द्वीप समूह की बड़ी जनजातीय आबादी का हिस्सा है।
स्थैतिक जीके तथ्य: शॉम्पेन भारत की सबसे कम जानी जाने वाली जनजातियों में से हैं, जबकि निकोबारी अपेक्षाकृत बड़ी जनजातीय जनसंख्या रखते हैं।
सामरिक महत्व
यह परियोजना ग्रेट निकोबार को बे ऑफ बंगाल में समुद्री कनेक्टिविटी का एक प्रमुख केंद्र बनाने का लक्ष्य रखती है।
- ट्रांसशिपमेंट पोर्ट भारत की लॉजिस्टिक क्षमताओं को मज़बूत करेगा और अन्य क्षेत्रीय बंदरगाहों पर निर्भरता घटाएगा।
- अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पर्यटन, कनेक्टिविटी और आपदा प्रबंधन को मज़बूती देगा।
स्थैतिक जीके टिप: ग्रेट निकोबार भारत का दक्षिणतम बिंदु है और यह मलक्का जलडमरूमध्य के पास स्थित है, जो वैश्विक समुद्री व्यापार मार्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
पर्यावरणीय और भूकंपीय जोखिम
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह अंडमान–सुमात्रा सबडक्शन ज़ोन पर स्थित हैं, जो इन्हें भूकंप और सुनामी के लिए संवेदनशील बनाता है।
- बड़े पैमाने की अवसंरचना जैसे हवाई अड्डे और ऊर्जा संयंत्र पर भूकंपीय खतरे और भूमि धंसाव का गंभीर जोखिम है।
विकास और अधिकारों का संतुलन
GNIP की सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि सरकार सामरिक हितों, पर्यावरणीय सुरक्षा और जनजातीय अधिकारों में संतुलन बना पाए।
यदि वन और भूमि अधिकारों को पूरी तरह से निपटाया नहीं गया और जनजातीय समुदायों की सहमति नहीं ली गई, तो यह परियोजना संवैधानिक प्रावधानों के उल्लंघन का रूप ले सकती है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| विषय | विवरण |
| परियोजना घटक | ट्रांसशिपमेंट पोर्ट, अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, टाउनशिप, 450 MVA गैस-सौर संयंत्र |
| क्रियान्वयन एजेंसी | ANIIDCO (अंडमान और निकोबार द्वीप एकीकृत विकास निगम) |
| जनजातीय आपत्ति | शॉम्पेन और निकोबारी जनजातियों के वन अधिकार अनसुलझे |
| पर्यावरणीय/भौगोलिक जोखिम | क्षेत्र भूकंप और सुनामी के लिए अत्यधिक संवेदनशील |





