वायु प्रदूषण पर सीएक्यूएम की कार्रवाई
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के चरण-II को लागू कर दिया है। यह निर्णय तब लिया गया जब क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ‘बहुत खराब’ श्रेणी (301–400) में पहुँच गया। इस स्तर पर प्रदूषण रोकने के लिए कड़े नियंत्रण उपाय स्वचालित रूप से लागू होते हैं।
चरण-II के अंतर्गत उपाय
GRAP के चरण-II के तहत निम्नलिखित प्रमुख कदम लागू किए गए हैं —
• कोयला और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध।
• डीज़ल जनरेटर सेटों के संचालन पर सीमाएँ।
• धूल फैलाने वाली निर्माण एवं विध्वंस गतिविधियों की निगरानी।
इन उपायों का उद्देश्य सूक्ष्म कण (PM2.5 और PM10) के उत्सर्जन को नियंत्रित करना है, जो हर वर्ष दिल्ली की शीतकालीन धुंध (smog) का प्रमुख कारण बनते हैं।
स्थिर जीके तथ्य: GRAP को पहली बार 2017 में राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) के अंतर्गत लागू किया गया था।
GRAP तंत्र की समझ
ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) एक आपातकालीन ढांचा है जो वास्तविक समय के AQI स्तर के आधार पर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए बनाया गया है। इसे चार स्तरों में विभाजित किया गया है —
• चरण I: खराब (AQI 201–300)
• चरण II: बहुत खराब (AQI 301–400)
• चरण III: गंभीर (AQI 401–450)
• चरण IV: अत्यंत गंभीर+ (AQI 451 और उससे अधिक)
प्रत्येक चरण में पहले से निर्धारित नियंत्रण उपाय शामिल हैं। CAQM की उप-समिति निगरानी केंद्रों के डेटा की समीक्षा कर यह तय करती है कि कब अगला चरण लागू या वापस लिया जाए।
स्थिर जीके टिप: GRAP ने पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) की प्रणाली को 2021 में प्रतिस्थापित किया।
सर्दियों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता क्यों बिगड़ती है
हर साल मानसून के बाद और सर्दियों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता कई कारणों से तेजी से गिरती है —
• तापमान उलटाव (Temperature Inversion) के कारण प्रदूषक सतह के पास फँस जाते हैं।
• कम पवन गति से कणों का फैलाव नहीं हो पाता।
• उत्तर-पश्चिमी हवाएँ राजस्थान, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से धूल लाती हैं।
• पंजाब और हरियाणा में पराली जलाना वायुमंडल में बड़े पैमाने पर धुआँ जोड़ता है।
• अन्य स्रोतों में वाहन उत्सर्जन, औद्योगिक अपशिष्ट और निर्माण धूल शामिल हैं।
स्थिर जीके तथ्य: तापमान उलटाव (Temperature Inversion) तब होता है जब ठंडी हवा की परत जमीन के पास फँस जाती है और ऊपर गर्म हवा होने से ऊर्ध्वाधर मिश्रण रुक जाता है।
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का परिचय
राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक (National AQI) को 2014 में लॉन्च किया गया था ताकि भारतीय शहरों में वायु गुणवत्ता को एक समान पैमाने पर मापा जा सके।
यह वायु गुणवत्ता को छह श्रेणियों में विभाजित करता है — Good (0–50) से लेकर Severe (400–500) तक।
यह आठ प्रमुख प्रदूषकों के स्तर पर आधारित है — PM10, PM2.5, NO₂, SO₂, CO, O₃, NH₃, और Pb।
स्थिर जीके टिप: भारत का पहला सतत वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा दिल्ली में स्थापित किया गया था।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| क्रियान्वयन प्राधिकरण | वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) |
| कानूनी ढाँचा | आयोग अधिनियम, 2021 (NCR और आस-पास के क्षेत्रों हेतु) |
| लागू चरण | चरण-II (बहुत खराब श्रेणी) |
| मुख्य प्रतिबंध | कोयला और लकड़ी पर प्रतिबंध, डीज़ल जनरेटर सीमित उपयोग |
| AQI लॉन्च वर्ष | 2014 |
| AQI श्रेणियों की संख्या | छह |
| मापे जाने वाले प्रदूषक | PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, Pb |
| प्रतिस्थापित निकाय | पर्यावरण प्रदूषण (निवारण और नियंत्रण) प्राधिकरण (EPCA) |
| मुख्य प्रदूषण स्रोत | पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन, धूल |
| निगरानी एजेंसी | केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) |





