सितम्बर 10, 2025 9:52 अपराह्न

सरकार ने ₹1,500 करोड़ के खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन को मंजूरी दी

चालू घटनाएँ: केंद्रीय मंत्रिमंडल, ₹1,500 करोड़ योजना, राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन, क्रिटिकल मिनरल्स, ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी, रेयर अर्थ एलिमेंट्स, रीसाइक्लिंग कंपनियां, आपूर्ति श्रृंखला मजबूती, आयात निर्भरता

Government Greenlights ₹1,500 Crore Mineral Recycling Incentive

बड़ा नीतिगत हस्तक्षेप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के तहत चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन बढ़ाना, आयात पर निर्भरता घटाना और सप्लाई चेन रेज़िलियंस को मजबूत करना है।
Static GK तथ्य: भारत अपनी लिथियम और कोबाल्ट जरूरतों का 70% से अधिक आयात करता है।

योजना का फोकस

यह योजना वेस्ट, लिथियमआयन बैटरी स्क्रैप और पुरानी गाड़ियों के कैटेलिटिक कन्वर्टर्स से खनिज पुनर्प्राप्ति पर केंद्रित है। इनमें से लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और रेयर अर्थ एलिमेंट्स हासिल किए जा सकते हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए बेहद जरूरी हैं।

योजना की अवधि

कार्यक्रम की अवधि छह वर्ष (2025–26 से 2030–31 तक) होगी। इस दौरान बड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
Static GK तथ्य: भारत ने 2023 में राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल रणनीति शुरू की थी, जिसमें 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई।

लाभार्थी

  • बड़ी स्थापित कंपनियाँ जिनके पास मौजूदा रीसाइक्लिंग क्षमता है।
  • स्टार्टअप्स और नए उद्यमी, जिनके लिए एक-तिहाई बजट आरक्षित है।

सिर्फ वे संस्थान योग्य होंगे जो वास्तव में खनिज निष्कर्षण करते हैं, न कि केवल ब्लैक मास तैयार करते हैं।

सब्सिडी संरचना

  • कैपेक्स (Capex) सब्सिडी: पात्र प्लांट, मशीनरी और यूटिलिटी पर 20% सब्सिडी।
  • ओपेक्स (Opex) सब्सिडी: बिक्री लक्ष्य पूरे करने पर – दूसरे वर्ष 40% और पाँचवे वर्ष 60% तक सहायता।

Static GK टिप: भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और सोलर निर्माण के लिए भी PLI योजनाएँ लागू हैं।

प्रोत्साहन सीमा

  • बड़ी कंपनियाँ: अधिकतम ₹50 करोड़ (₹10 करोड़ ओपेक्स कैप)।
  • छोटी कंपनियाँ: अधिकतम ₹25 करोड़ (₹5 करोड़ ओपेक्स कैप)।

इससे विस्तृत भागीदारी सुनिश्चित होगी और बड़ी कंपनियों में फंड का अत्यधिक केंद्रीकरण नहीं होगा।

क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व

क्रिटिकल मिनरल्स का इस्तेमाल नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रक्षा तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक्स में होता है। ये सीमित और भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील हैं।
**रीसाइक्लिंग आपूर्ति जोखिम घटाती है, संसाधनों को बचाती है और भारत की नेटज़ीरो प्रतिबद्धता को मज़बूत करती है।
Static GK तथ्य: अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ ने भी क्रिटिकल मिनरल रीसाइक्लिंग कार्यक्रम शुरू किए हैं।

Static Usthadian Current Affairs Table

विषय विवरण
योजना का कुल बजट ₹1,500 करोड़
अवधि 2025–26 से 2030–31
लागू निकाय नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन
फोकस क्षेत्र ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी, कैटेलिटिक कन्वर्टर्स
लाभार्थी बड़ी कंपनियाँ और स्टार्टअप्स
कैपेक्स सब्सिडी पात्र खर्च का 20%
ओपेक्स सब्सिडी दूसरे वर्ष 40%, पाँचवे वर्ष 60%
बड़ी कंपनियों के लिए सीमा ₹50 करोड़ (₹10 करोड़ ओपेक्स कैप)
छोटी कंपनियों के लिए सीमा ₹25 करोड़ (₹5 करोड़ ओपेक्स कैप)
प्रमुख खनिज लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, रेयर अर्थ एलिमेंट्स

 

Government Greenlights ₹1,500 Crore Mineral Recycling Incentive
  1. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹1,500 करोड़ की खनिज पुनर्चक्रण योजना को मंज़ूरी दी।
  2. यह योजना राष्ट्रीय महत्वपूर्ण खनिज मिशन (एनसीएमएम) के अंतर्गत आती है।
  3. इसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता कम करना और लचीलापन विकसित करना है।
  4. भारत 70% लिथियम और कोबाल्ट का आयात करता है, जिससे पुनर्चक्रण महत्वपूर्ण हो जाता है।
  5. पुनर्प्राप्ति के लिए ई-कचरा, लिथियम-आयन बैटरी और उत्प्रेरक कन्वर्टर्स पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
  6. यह योजना छह वर्षों, 2030-31 तक चलेगी।
  7. बड़े उद्योग और स्टार्ट-अप लक्षित लाभार्थी हैं।
  8. एक-तिहाई धनराशि स्टार्ट-अप और नए प्रवेशकों के लिए आरक्षित है।
  9. पूंजीगत व्यय सब्सिडी पात्र मशीनरी के लिए 20% सहायता प्रदान करती है।
  10. परिचालन व्यय सब्सिडी वर्ष 2 में 40%, वर्ष 5 में 60% प्रदान करती है।
  11. बड़ी कंपनियों के लिए सब्सिडी की सीमा ₹50 करोड़ है।
  12. छोटी कंपनियों के लिए सब्सिडी लाभ की सीमा ₹25 करोड़ है।
  13. केवल कचरे से वास्तविक खनिज निष्कर्षण करने वाली फर्में ही पात्र हैं।
  14. महत्वपूर्ण खनिजों में लिथियम, कोबाल्ट, निकल, दुर्लभ पृथ्वी शामिल हैं।
  15. नवीकरणीय ऊर्जा, ईवी, रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों के लिए महत्वपूर्ण खनिज।
  16. संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, यूरोपीय संघ ने भी रीसाइक्लिंग कार्यक्रम शुरू किए हैं।
  17. रीसाइक्लिंग भारत की शुद्ध-शून्य प्रतिबद्धताओं और संसाधन संरक्षण का समर्थन करता है।
  18. 30 प्रमुख खनिजों की पहचान के लिए 2023 में एनसीएमएम शुरू किया गया था।
  19. इलेक्ट्रॉनिक्स, अर्धचालक, सौर ऊर्जा के लिए भी इसी तरह की पीएलआई योजनाएं मौजूद हैं।
  20. यह योजना भारत की आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन और उद्योग विकास को मजबूत करती है।

Q1. खनिज पुनर्चक्रण प्रोत्साहन योजना का कुल व्यय कितना है?


Q2. यह योजना कितने वर्षों तक संचालित होगी?


Q3. इस योजना का मुख्य फोकस किन खनिजों पर है?


Q4. बड़े संस्थानों के लिए अधिकतम सब्सिडी सीमा कितनी है?


Q5. ऊर्जा परिवर्तन के लिए आवश्यक 30 प्रमुख खनिजों की पहचान सबसे पहले किस भारतीय रणनीति ने की थी?


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