बड़ा नीतिगत हस्तक्षेप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹1,500 करोड़ की प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दी है। यह कार्यक्रम नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) के तहत चलाया जाएगा। इसका उद्देश्य घरेलू उत्पादन बढ़ाना, आयात पर निर्भरता घटाना और सप्लाई चेन रेज़िलियंस को मजबूत करना है।
Static GK तथ्य: भारत अपनी लिथियम और कोबाल्ट जरूरतों का 70% से अधिक आयात करता है।
योजना का फोकस
यह योजना ई–वेस्ट, लिथियम–आयन बैटरी स्क्रैप और पुरानी गाड़ियों के कैटेलिटिक कन्वर्टर्स से खनिज पुनर्प्राप्ति पर केंद्रित है। इनमें से लिथियम, कोबाल्ट, निकेल और रेयर अर्थ एलिमेंट्स हासिल किए जा सकते हैं, जो स्वच्छ ऊर्जा और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण के लिए बेहद जरूरी हैं।
योजना की अवधि
कार्यक्रम की अवधि छह वर्ष (2025–26 से 2030–31 तक) होगी। इस दौरान बड़ी कंपनियों और स्टार्टअप्स को वित्तीय सहयोग दिया जाएगा।
Static GK तथ्य: भारत ने 2023 में राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल रणनीति शुरू की थी, जिसमें 30 महत्वपूर्ण खनिजों की पहचान की गई।
लाभार्थी
- बड़ी स्थापित कंपनियाँ जिनके पास मौजूदा रीसाइक्लिंग क्षमता है।
- स्टार्टअप्स और नए उद्यमी, जिनके लिए एक-तिहाई बजट आरक्षित है।
सिर्फ वे संस्थान योग्य होंगे जो वास्तव में खनिज निष्कर्षण करते हैं, न कि केवल ब्लैक मास तैयार करते हैं।
सब्सिडी संरचना
- कैपेक्स (Capex) सब्सिडी: पात्र प्लांट, मशीनरी और यूटिलिटी पर 20% सब्सिडी।
- ओपेक्स (Opex) सब्सिडी: बिक्री लक्ष्य पूरे करने पर – दूसरे वर्ष 40% और पाँचवे वर्ष 60% तक सहायता।
Static GK टिप: भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स, सेमीकंडक्टर और सोलर निर्माण के लिए भी PLI योजनाएँ लागू हैं।
प्रोत्साहन सीमा
- बड़ी कंपनियाँ: अधिकतम ₹50 करोड़ (₹10 करोड़ ओपेक्स कैप)।
- छोटी कंपनियाँ: अधिकतम ₹25 करोड़ (₹5 करोड़ ओपेक्स कैप)।
इससे विस्तृत भागीदारी सुनिश्चित होगी और बड़ी कंपनियों में फंड का अत्यधिक केंद्रीकरण नहीं होगा।
क्रिटिकल मिनरल्स का महत्व
क्रिटिकल मिनरल्स का इस्तेमाल नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, रक्षा तकनीक और इलेक्ट्रॉनिक्स में होता है। ये सीमित और भू-राजनीतिक रूप से संवेदनशील हैं।
**रीसाइक्लिंग आपूर्ति जोखिम घटाती है, संसाधनों को बचाती है और भारत की नेट–ज़ीरो प्रतिबद्धता को मज़बूत करती है।
Static GK तथ्य: अमेरिका, जापान और यूरोपीय संघ ने भी क्रिटिकल मिनरल रीसाइक्लिंग कार्यक्रम शुरू किए हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना का कुल बजट | ₹1,500 करोड़ |
अवधि | 2025–26 से 2030–31 |
लागू निकाय | नेशनल क्रिटिकल मिनरल मिशन |
फोकस क्षेत्र | ई-वेस्ट, लिथियम-आयन बैटरी, कैटेलिटिक कन्वर्टर्स |
लाभार्थी | बड़ी कंपनियाँ और स्टार्टअप्स |
कैपेक्स सब्सिडी | पात्र खर्च का 20% |
ओपेक्स सब्सिडी | दूसरे वर्ष 40%, पाँचवे वर्ष 60% |
बड़ी कंपनियों के लिए सीमा | ₹50 करोड़ (₹10 करोड़ ओपेक्स कैप) |
छोटी कंपनियों के लिए सीमा | ₹25 करोड़ (₹5 करोड़ ओपेक्स कैप) |
प्रमुख खनिज | लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, रेयर अर्थ एलिमेंट्स |