जिम्मेदार AI में भारत का रणनीतिक कदम
भारत सुरक्षित और भरोसेमंद AI में एक लीडर के तौर पर अपनी स्थिति मजबूत कर रहा है, जिसमें IIT मद्रास और इंडिया AI मिशन चेन्नई में एक बड़े ग्लोबल कॉन्क्लेव की मेजबानी कर रहे हैं। 11 दिसंबर 2025 को होने वाला यह कार्यक्रम सुरक्षा, पारदर्शिता और सार्वजनिक विश्वास के साथ तालमेल बिठाने वाले AI सिस्टम बनाने के राष्ट्रीय दृष्टिकोण को मजबूत करता है। यह AI नीति और इनोवेशन पर आगामी अंतर्राष्ट्रीय सभा, इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए भी मंच तैयार करता है।
यह कॉन्क्लेव राष्ट्रीय AI प्राथमिकताओं को कार्रवाई योग्य फ्रेमवर्क में बदलने के लिए एक मंच के रूप में डिज़ाइन किया गया है। यह ऐसे गवर्नेंस मॉडल बनाने पर केंद्रित है जो भारत की सामाजिक-आर्थिक विविधता और तकनीकी महत्वाकांक्षाओं का समर्थन कर सकें।
स्टैटिक GK तथ्य: IIT मद्रास की स्थापना 1959 में भारत के तीसरे IIT के रूप में हुई थी और यह देश के प्रमुख प्रौद्योगिकी संस्थानों में से एक बना हुआ है।
आज AI गवर्नेंस का महत्व
AI को अपनाना विश्व स्तर पर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे जवाबदेही और नैतिक तैनाती की आवश्यकता बढ़ रही है। भारत का दृष्टिकोण आधार, उमंग और डिजिलॉकर जैसे मजबूत डिजिटल बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित सुरक्षित इनोवेशन पर जोर देता है, जो सामूहिक रूप से दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक डिजिटल इकोसिस्टम में से एक बनाते हैं। यह कॉन्क्लेव इनोवेशन और जिम्मेदार निगरानी के बीच संतुलन बनाने पर बातचीत को बढ़ावा देकर इस क्षण का जवाब देता है।
चर्चाओं का लक्ष्य स्थानीय प्रासंगिकता बनाए रखते हुए भारत के फ्रेमवर्क को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के साथ संरेखित करना है।
स्टैटिक GK टिप: MeitY का गठन 2016 में सूचना प्रौद्योगिकी और डिजिटल गवर्नेंस से संबंधित नीति क्षेत्रों को संभालने के लिए किया गया था।
AI सुरक्षा मॉडल को आगे बढ़ाना
कॉन्क्लेव का एक मुख्य फोकस व्यापक AI सुरक्षा सिद्धांतों को व्यावहारिक उपकरणों में बदलना है। विशेषज्ञ जोखिम मूल्यांकन, पारदर्शिता और AI मॉडल की जीवनचक्र निगरानी के लिए तंत्र का पता लगाएंगे। लक्ष्य ऐसे नियमों का समर्थन करना है जो अनुसंधान और औद्योगिक प्रगति को धीमा किए बिना उपयोगकर्ताओं की रक्षा करें।
यह मजबूत AI निगरानी की दिशा में वैश्विक कदमों को दर्शाता है, विशेष रूप से डेटा सुरक्षा और स्वचालित निर्णय लेने जैसे क्षेत्रों में। भारत के प्रयास का लक्ष्य ऐसे फ्रेमवर्क में योगदान देना है जिन्हें उभरती हुई अर्थव्यवस्थाएं अपना सकती हैं या अनुकूलित कर सकती हैं।
एक AI सुरक्षा कॉमन बनाना
सबसे महत्वपूर्ण प्रस्तावों में से एक ग्लोबल साउथ के लिए एक AI सुरक्षा कॉमन का निर्माण है। इस पहल का लक्ष्य डेटासेट, बेंचमार्किंग टूल और गवर्नेंस फ्रेमवर्क जैसे साझा संसाधन प्रदान करना है। यह AI क्षमताएं विकसित करने वाले देशों के लिए एंट्री बैरियर को कम करता है और मिलकर विकास को बढ़ावा देता है।
यह कॉमन प्लेटफॉर्म देशों को महंगे प्रोप्राइटरी टूल्स पर बहुत ज़्यादा निर्भर हुए बिना भरोसेमंद AI सिस्टम बनाने में मदद कर सकता है।
स्टैटिक GK फैक्ट: “ग्लोबल साउथ” शब्द मोटे तौर पर एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के उन क्षेत्रों को बताता है जिनकी अर्थव्यवस्थाएं विकासशील हैं।
स्थानीय ज़रूरतों और ग्लोबल इंटरऑपरेबिलिटी के बीच संतुलन
कॉन्क्लेव इस बात पर ज़ोर देता है कि भारत के AI फ्रेमवर्क अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कम्पैटिबल होने चाहिए, लेकिन स्थानीय वास्तविकताओं पर आधारित होने चाहिए। इसमें मल्टीलिंगुअल AI समाधानों, सेक्टर-स्पेसिफिक इनोवेशन और मज़बूत पब्लिक-सेक्टर डिप्लॉयमेंट को सपोर्ट करना शामिल है। ऐसी कम्पैटिबिलिटी भारत को राष्ट्रीय चुनौतियों को हल करते हुए विश्व स्तर पर सहयोग करने में मदद करती है।
यह दृष्टिकोण अंतरराष्ट्रीय पॉलिसी नेटवर्क में भारत की स्थिति को भी मज़बूत करता है और क्रॉस-बॉर्डर AI मानकों में योगदान देता है।
कई स्टेकहोल्डर्स की भागीदारी
कॉन्क्लेव में सरकारी अधिकारी, इंडस्ट्री लीडर्स, एकेडमिक रिसर्चर्स और सिविल सोसाइटी ग्रुप एक साथ आते हैं। यह व्यापक भागीदारी यह सुनिश्चित करती है कि परिणामी सिफारिशें वास्तविक दुनिया की चुनौतियों और विविध दृष्टिकोणों को दर्शाती हैं।
ऐसा सहयोग हेल्थकेयर, फाइनेंस, शिक्षा और सार्वजनिक सेवाओं जैसे क्षेत्रों में AI नीतियों के सुचारू कार्यान्वयन में मदद करता है।
इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 की तैयारी
चेन्नई कॉन्क्लेव इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 की प्रस्तावना के रूप में काम करता है, जो 15-20 फरवरी 2026 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में होगा। यह समिट, जो पहली बार ग्लोबल साउथ में आयोजित किया जा रहा है, AI गवर्नेंस, इनोवेशन, समावेशन और वैश्विक सहयोग पर चर्चा को और आगे बढ़ाएगा।
चेन्नई इवेंट से मिली जानकारी सीधे समिट के एजेंडा को प्रभावित करेगी, जिससे यह कॉन्क्लेव भारत की वैश्विक AI भागीदारी के लिए एक ज़रूरी पूर्ववर्ती बन जाएगा।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम | आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन द्वारा आयोजित वैश्विक एआई सम्मेलन |
| तिथि | 11 दिसंबर 2025 |
| मुख्य फोकस | सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता विकास |
| प्रमुख विषय | शासन, एआई सुरक्षा, ग्लोबल साउथ सहयोग |
| मुख्य पहल | एआई सेफ्टी कॉमन्स का प्रस्ताव |
| संबद्ध कार्यक्रम | इंडिया–एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन 2026 |
| शिखर सम्मेलन तिथियाँ | 15 से 20 फरवरी 2026 |
| आयोजन स्थल | भारत मंडपम, नई दिल्ली |
| आयोजक | आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन |
| नीतिगत संदर्भ | इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की एआई दृष्टि को वैश्विक मानकों से जोड़ना |





