पृष्ठभूमि और संदर्भ
ग्लोबल AI कॉन्क्लेव 2025 का आयोजन चेन्नई में IIT मद्रास ने इंडिया AI मिशन के सहयोग से किया।
इस कार्यक्रम ने भारत को जिम्मेदार और समावेशी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को आकार देने में एक उभरते हुए लीडर के रूप में स्थापित किया।
यह कॉन्क्लेव तकनीकी नवाचार को सार्वजनिक हित के साथ जोड़ने के लिए एक रणनीतिक मंच के रूप में काम आया।
इसका फोकस यह सुनिश्चित करने पर था कि AI विकास से सुरक्षा, समानता या संप्रभुता से समझौता न हो।
कॉन्क्लेव के उद्देश्य
कॉन्क्लेव का एक मुख्य लक्ष्य सुरक्षित, भरोसेमंद और समावेशी AI सिस्टम को बढ़ावा देना था।
प्रतिभागियों ने नवाचार को मजबूत नैतिक और गवर्नेंस सुरक्षा उपायों के साथ संतुलित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।
कॉन्क्लेव ने AI को गवर्नेंस, उद्योग और सामाजिक कल्याण में एक परिवर्तनकारी शक्ति के रूप में उजागर किया।
इसने ऐसे AI सिस्टम बनाने पर जोर दिया जो पूरी तरह से लाभ-संचालित होने के बजाय लोगों पर केंद्रित हों।
स्टैटिक GK तथ्य: भारत ने स्वदेशी AI अनुसंधान, डेटा प्लेटफॉर्म और कंप्यूट इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए इंडिया AI मिशन लॉन्च किया।
AI सुरक्षा और गवर्नेंस पर फोकस
कॉन्क्लेव में चर्चाओं में AI सुरक्षा फ्रेमवर्क और जोखिम कम करने की रणनीतियों को प्राथमिकता दी गई।
विशेषज्ञों ने एल्गोरिथम पूर्वाग्रह, डेटा के दुरुपयोग और स्वायत्त निर्णय लेने में विफलताओं जैसे जोखिमों पर प्रकाश डाला।
पारदर्शी और जवाबदेह AI गवर्नेंस फ्रेमवर्क की आवश्यकता पर बार-बार जोर दिया गया।
नियमन को बाधा के रूप में नहीं, बल्कि AI सिस्टम में दीर्घकालिक विश्वास को सक्षम बनाने वाले के रूप में देखा गया।
स्टैटिक GK टिप: AI गवर्नेंस में आमतौर पर पारदर्शिता, जवाबदेही, व्याख्यात्मकता और निष्पक्षता जैसे सिद्धांत शामिल होते हैं।
AI सेफ्टी कॉमन्स और ग्लोबल साउथ
एक प्रमुख वैचारिक परिणाम AI सेफ्टी कॉमन्स का प्रस्ताव था।
इस फ्रेमवर्क का लक्ष्य AI सुरक्षा के लिए साझा मानक, उपकरण और सर्वोत्तम प्रथाएं बनाना है।
यह विचार विशेष रूप से ग्लोबल साउथ के लिए प्रासंगिक था, जहां संसाधनों की कमी और विविध सामाजिक संदर्भ मौजूद हैं।
कॉन्क्लेव ने तर्क दिया कि वैश्विक AI मानदंडों पर केवल विकसित अर्थव्यवस्थाओं का प्रभुत्व नहीं होना चाहिए।
स्टैटिक GK तथ्य: ग्लोबल साउथ शब्द एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के विकासशील क्षेत्रों को संदर्भित करता है।
भारत-केंद्रित फिर भी विश्व स्तर पर इंटरऑपरेबल AI
कॉन्क्लेव ने ऐसे AI सिस्टम बनाने पर जोर दिया जो विश्व स्तर पर इंटरऑपरेबल हों लेकिन स्थानीय रूप से अनुकूलनीय हों।
भारत की भाषाई विविधता, जनसंख्या का पैमाना और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को अद्वितीय कारकों के रूप में उजागर किया गया। AI समाधानों को भारत की सामाजिक वास्तविकताओं जैसे ग्रामीण पहुंच, डिजिटल समावेशन और शासन की ज़रूरतों के साथ तालमेल बिठाना चाहिए।
यह दृष्टिकोण “सार्वजनिक उद्देश्य के साथ प्रौद्योगिकी” की भारत की व्यापक रणनीति को दर्शाता है।
स्टेटिक GK टिप: भारत के डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर में आधार, UPI और DigiLocker शामिल हैं।
इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 का लिंक
ग्लोबल AI कॉन्क्लेव 2025, इंडिया-AI इम्पैक्ट समिट 2026 के लिए एक तैयारी का मील का पत्थर है।
यह समिट 15-20 फरवरी 2026 को नई दिल्ली में होने वाली है।
कॉन्क्लेव से मिली जानकारी समिट के लिए नीतिगत संवाद, साझेदारी और एजेंडा तय करने में मदद करेगी।
यह प्रगति निरंतरता और आम सहमति बनाने के माध्यम से वैश्विक AI चर्चाओं का नेतृत्व करने के भारत के इरादे का संकेत देती है।
भारत के लिए रणनीतिक महत्व
कॉन्क्लेव की मेज़बानी वैश्विक प्रौद्योगिकी शासन में भारत की सॉफ्ट पावर को मज़बूत करती है। यह भारत को उन्नत AI अर्थव्यवस्थाओं और विकासशील देशों के बीच एक सेतु के रूप में स्थापित करता है।
यह आयोजन लोकतांत्रिक मूल्यों में निहित नैतिक AI नेतृत्व के भारत के दृष्टिकोण को मज़बूत करता है। यह वैश्विक मानदंडों को केवल अपनाने के बजाय उन्हें आकार देने की भारत की आकांक्षा का भी समर्थन करता है।
Static Usthadian Current Affairs Table
| Topic | Detail |
| कार्यक्रम का नाम | ग्लोबल एआई सम्मेलन 2025 |
| मेज़बान संस्थान | आईआईटी मद्रास और इंडिया एआई मिशन |
| आयोजन स्थल | चेन्नई |
| मुख्य फोकस | सुरक्षित, विश्वसनीय और समावेशी कृत्रिम बुद्धिमत्ता |
| प्रमुख विषय | एआई सुरक्षा, शासन ढाँचे, अंतरसंचालनीयता |
| मुख्य प्रस्ताव | ग्लोबल साउथ के लिए एआई सेफ्टी कॉमन्स |
| रणनीतिक उद्देश्य | भारत-केंद्रित लेकिन वैश्विक रूप से संगत एआई |
| संबद्ध भविष्य आयोजन | इंडिया–एआई इम्पैक्ट शिखर सम्मेलन 2026 |
| शिखर सम्मेलन तिथियाँ | 15 से 20 फरवरी 2026 |
| शिखर सम्मेलन स्थल | नई दिल्ली |





