पीएम गतिशक्ति से एकीकरण
केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन (JJM) को पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म से जोड़ दिया है, जहाँ उन्नत भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस एकीकरण से हर पेयजल परिसंपत्ति का डिजिटल मानचित्रण संभव होगा, जिससे निगरानी, पारदर्शिता और निर्णय-निर्माण में सुधार होगा। यह कदम एक एकीकृत राष्ट्रीय अवसंरचना पारिस्थितिकी-तंत्र बनाने के लक्ष्य का समर्थन करता है।
स्थिर GK तथ्य: पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान अक्टूबर 2021 में लॉन्च हुआ था, ताकि मंत्रालयों के बीच GIS-आधारित डेटा से अवसंरचना योजना का समन्वय हो सके।
BISAG-N के साथ साझेदारी
पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) ने भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना संस्थान (BISAG-N) के साथ समझौता किया है। यह साझेदारी मैपिंग, डेटा विश्लेषण और अवसंरचना दृश्यांकन में तकनीकी विशेषज्ञता प्रदान करेगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के तहत कार्यरत BISAG-N पानी और स्वच्छता परियोजनाओं को राष्ट्रीय डिजिटल अवसंरचना से जोड़ने में अहम भूमिका निभा रहा है।
विशेषताएँ और तकनीकी बढ़त
हर ग्रामीण पाइप्ड जल आपूर्ति योजना (RPWSS) को एक अद्वितीय GIS ID दी जाएगी, जिससे पाइपलाइनों, टैंकों और घरेलू कनेक्शनों का सटीक मानचित्रण हो सके। डिजिटल फोटोग्रामेट्री, थीमैटिक मैपिंग और ग्राउंड कंट्रोल सर्वे जैसे औज़ार रीयल-टाइम आकलन में मदद करेंगे। इससे कवरेज अंतर जल्दी पहचानने और संसाधन आवंटन बेहतर करने में सुविधा होगी।
स्थिर GK टिप: फोटोग्रामेट्री तस्वीरों से माप लेने का विज्ञान है; इसका उपयोग रिमोट सेंसिंग और स्थलाकृतिक मानचित्रण में व्यापक रूप से होता है।
डेटा प्रबंधन और कन्वर्जेंस
BISAG-N डेटाबेस डिज़ाइन, मानचित्र निर्माण, डेटा माइग्रेशन और सिस्टम इंटीग्रेशन समेत एंड-टू-एंड तकनीकी प्रक्रियाएँ संभालेगा। यह एकीकरण जल आपूर्ति अवसंरचना को सड़क, रेल और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों से जोड़ता है, जो पीएम गतिशक्ति के कन्वर्जेंस विज़न के अनुरूप है। एकीकृत मैपिंग सेवा वितरण को अनुकूल बनाएगी और ग्रामीण विकास पहलों को सुव्यवस्थित करेगी।
JJM की प्रगति और उपलब्धियाँ
2019 में शुरू हुए जल जीवन मिशन का लक्ष्य हर ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55 लीटर सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराना है। अब तक 6.41 लाख योजनाएँ ₹8.29 लाख करोड़ की लागत से स्वीकृत हुई हैं, जिनमें से ₹3.91 लाख करोड़ का उपयोग हो चुका है। मिशन 12.74 करोड़ गृहों तक पहुँच चुका है, जिससे ग्रामीण जल पहुंच में बड़ा बदलाव आया है।
स्थिर GK तथ्य: JJM का नोडल मंत्रालय जल शक्ति मंत्रालय है, जो 2019 में जल संसाधन और पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालयों के विलय से बना।
वित्तपोषण और भविष्य का विस्तार
मूलतः 2024 में समाप्त होना था, पर मिशन को 2028 तक बढ़ा दिया गया है ताकि शत-प्रतिशत कवरेज सुनिश्चित हो सके। विस्तारित चरण के लिए जल शक्ति मंत्रालय ने ₹9.10 लाख करोड़ का प्रस्ताव रखा, जबकि EFC ने ₹1.51 लाख करोड़ की अनुशंसा की है। विस्तारित फंडिंग पर कैबिनेट मंजूरी अभी शेष है, जो मिशन की दीर्घकालीन स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा।
जल शासन में GIS का महत्व
GIS मैपिंग से परिसंपत्ति प्रबंधन, पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होती है। कई लाख किमी पाइपलाइन को 200+ अवसंरचना डेटा लेयर्स के साथ मैप कर, सरकार परिसंपत्तियों की ट्रैकिंग, दोहराव में कमी और जवाबदेही सुनिश्चित कर सकती है। यह डिजिटल परिवर्तन ग्रामीण जल संसाधनों की दीर्घकालीन स्थिरता को मजबूत करता है और डिजिटल इंडिया के लक्ष्यों के अनुरूप है।
स्थिर “Usthadian” वर्तमान घटनाएँ सारणी
विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
कार्यान्वयन मंत्रालय | जल शक्ति मंत्रालय |
तकनीकी भागीदार | भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग एवं भू-सूचना संस्थान (BISAG-N) |
प्लेटफ़ॉर्म | पीएम गतिशक्ति का GIS-आधारित नेशनल मास्टर प्लान |
मिशन प्रारंभ वर्ष | 2019 |
मूल उद्देश्य | हर ग्रामीण परिवार तक नल से जल |
योजना कवरेज | 6.41 लाख जल आपूर्ति योजनाएँ |
कुल अनुमानित लागत | ₹8.29 लाख करोड़ |
मिशन विस्तार अवधि | 2024 से 2028 |
विस्तार हेतु प्रस्तावित बजट | ₹9.10 लाख करोड़ (EFC सिफारिश: ₹1.51 लाख करोड़) |
प्रमुख परिणाम | GIS औज़ारों से पेयजल अवसंरचना का मैपिंग व मॉनिटरिंग |