खोज और आवास
मणिपुर के कमजोंग ज़िले में एक नई मीठे पानी की मछली प्रजाति की पहचान हुई है, जिसका नाम Garra nambashiensis रखा गया है। यह प्रजाति तारेतलोक नदी (चिंदविन नदी की सहायक) में, नमबाशी घाटी के पास पाई गई। खोज का नेतृत्व डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम (धनमंजुरी विश्वविद्यालय, इम्फाल) ने किया।
यह मछली तेज़ बहाव वाले उथले हिस्सों (riffles) में पाई जाती है, जहाँ कंकड़-पत्थरों के बीच शैवाल और रेत-मिट्टी मिश्रित तल होता है। ऐसे आवास ऑक्सीजन-समृद्ध होते हैं और विविध जलीय जीवन को सहारा देते हैं।
भारत-म्यांमार सीमा के नज़दीक होने से यह खोज सीमापार जैव विविधता को भी उजागर करती है।
स्थैतिक GK तथ्य: चिंदविन नदी, म्यांमार की इरावदी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
भौतिक विशेषताएँ
- चौकोर आकार की प्रॉबोसिस
- 7–8 काँटेदार ट्यूबरकल्स (सिर के आगे किनारे पर)
- गलफड़ों को ढकने वाली हड्डी (opercle) पर काले धब्बे
- पृष्ठीय पंख (dorsal fin) पर 8–11 स्केल्स
- पूंछ के आधार तक जाती हुई 6 काली धारियाँ
- आकार: 90–140 मिमी
- स्थानीय नाम: नुतुंग्नु (Nutungnu)
स्थैतिक GK टिप: Opercle मछली में वह अस्थि प्लेट होती है, जो गलफड़ों को ढकती और सुरक्षा देती है।
वर्गीकरण और टैक्सोनॉमी
- परिवार: लेबियोनाइन (Labeonine) – तेज़ बहाव वाली नदियों में पाई जाने वाली तली पर रहने वाली मछलियाँ।
- समूह: प्रॉबोसिस समूह (नथुने पर मांसल या अस्थि प्रक्षेप होने से पहचाना जाता है)।
- उत्तर-पूर्व भारत की नदियों में लगभग 60 Garra प्रजातियाँ मिलती हैं।
- हाल ही में खोजी गई अन्य प्रजाति: Garra chingaiensis (चिंदविन प्रणाली में)।
महत्व
उत्तर-पूर्व भारत, विशेषकर ब्रह्मपुत्र, बराक, कालादान और चिंदविन नदी प्रणालियाँ, समृद्ध जलीय विविधता का घर हैं। इनमें से केवल प्रॉबोसिस समूह की ही 32 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
यह खोज उत्तर-पूर्व भारत की नदियों को वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में और मज़बूत करती है।
स्थैतिक GK तथ्य: भारत दुनिया के 17 मेगाडायवर्स देशों में शामिल है, जहाँ विश्व की लगभग 7.6% स्तनधारी और 12.6% पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
संरक्षण की आवश्यकता
यह खोज इस बात पर ज़ोर देती है कि उत्तर-पूर्व भारत में निरंतर इक्थियोलॉजिकल सर्वेक्षण (मत्स्य अनुसंधान) आवश्यक हैं।
आज मीठे पानी के आवास प्रदूषण, बाँध परियोजनाओं और भूमि उपयोग परिवर्तन से प्रभावित हो रहे हैं। इन पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा सीमा-पार नदियों की जैव विविधता बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।
स्थैतिक GK टिप: IUCN Red List विश्वभर की संकटग्रस्त प्रजातियों की स्थिति पर नज़र रखती है।
पूर्व खोजें
डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम की टीम ने पहले 2018 में Pethia poiensis की खोज उखरुल ज़िले की चाल्लौ नदी से की थी। इस तरह की खोजें वैश्विक स्तर पर मीठे पानी की प्रजातियों के डेटाबेस को विस्तार देती हैं और मणिपुर को मत्स्य अनुसंधान में अग्रणी बनाती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
प्रजाति का नाम | Garra nambashiensis |
स्थानीय नाम | नुतुंग्नु (Nutungnu) |
खोजकर्ता | डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम, धनमंजुरी विश्वविद्यालय |
स्थान | तारेतलोक नदी, कमजोंग ज़िला, मणिपुर |
नदी प्रणाली | चिंदविन नदी प्रणाली |
भौतिक लक्षण | चौकोर प्रॉबोसिस, 7–8 ट्यूबरकल्स, काले धब्बे |
आकार | 90–140 मिमी |
समूह | Garra वंश का प्रॉबोसिस समूह |
उत्तर-पूर्व भारत में Garra प्रजातियाँ | लगभग 60 |
टीम की पूर्व खोज | Pethia poiensis (2018), चाल्लौ नदी, उखरुल |