सितम्बर 21, 2025 2:31 पूर्वाह्न

मणिपुर में गर्रा नम्बाशिएंसिस की खोज

चालू घटनाएँ: Garra nambashiensis, मणिपुर जैव विविधता, तारेतलोक नदी, चिंदविन नदी, मीठे पानी की प्रजाति, डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम, लेबियोनाइन परिवार, कमजोंग ज़िला, भारत-म्यांमार सीमा, प्रॉबोसिस समूह

Garra nambashiensis discovery in Manipur

खोज और आवास

मणिपुर के कमजोंग ज़िले में एक नई मीठे पानी की मछली प्रजाति की पहचान हुई है, जिसका नाम Garra nambashiensis रखा गया है। यह प्रजाति तारेतलोक नदी (चिंदविन नदी की सहायक) में, नमबाशी घाटी के पास पाई गई। खोज का नेतृत्व डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम (धनमंजुरी विश्वविद्यालय, इम्फाल) ने किया।

यह मछली तेज़ बहाव वाले उथले हिस्सों (riffles) में पाई जाती है, जहाँ कंकड़-पत्थरों के बीच शैवाल और रेत-मिट्टी मिश्रित तल होता है। ऐसे आवास ऑक्सीजन-समृद्ध होते हैं और विविध जलीय जीवन को सहारा देते हैं।
भारत-म्यांमार सीमा के नज़दीक होने से यह खोज सीमापार जैव विविधता को भी उजागर करती है।

स्थैतिक GK तथ्य: चिंदविन नदी, म्यांमार की इरावदी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।

भौतिक विशेषताएँ

  • चौकोर आकार की प्रॉबोसिस
  • 7–8 काँटेदार ट्यूबरकल्स (सिर के आगे किनारे पर)
  • गलफड़ों को ढकने वाली हड्डी (opercle) पर काले धब्बे
  • पृष्ठीय पंख (dorsal fin) पर 8–11 स्केल्स
  • पूंछ के आधार तक जाती हुई 6 काली धारियाँ
  • आकार: 90–140 मिमी
  • स्थानीय नाम: नुतुंग्नु (Nutungnu)

स्थैतिक GK टिप: Opercle मछली में वह अस्थि प्लेट होती है, जो गलफड़ों को ढकती और सुरक्षा देती है।

वर्गीकरण और टैक्सोनॉमी

  • परिवार: लेबियोनाइन (Labeonine) – तेज़ बहाव वाली नदियों में पाई जाने वाली तली पर रहने वाली मछलियाँ।
  • समूह: प्रॉबोसिस समूह (नथुने पर मांसल या अस्थि प्रक्षेप होने से पहचाना जाता है)।
  • उत्तर-पूर्व भारत की नदियों में लगभग 60 Garra प्रजातियाँ मिलती हैं।
  • हाल ही में खोजी गई अन्य प्रजाति: Garra chingaiensis (चिंदविन प्रणाली में)।

महत्व

उत्तर-पूर्व भारत, विशेषकर ब्रह्मपुत्र, बराक, कालादान और चिंदविन नदी प्रणालियाँ, समृद्ध जलीय विविधता का घर हैं। इनमें से केवल प्रॉबोसिस समूह की ही 32 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
यह खोज उत्तर-पूर्व भारत की नदियों को वैश्विक जैव विविधता हॉटस्पॉट के रूप में और मज़बूत करती है।

स्थैतिक GK तथ्य: भारत दुनिया के 17 मेगाडायवर्स देशों में शामिल है, जहाँ विश्व की लगभग 7.6% स्तनधारी और 12.6% पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

संरक्षण की आवश्यकता

यह खोज इस बात पर ज़ोर देती है कि उत्तर-पूर्व भारत में निरंतर इक्थियोलॉजिकल सर्वेक्षण (मत्स्य अनुसंधान) आवश्यक हैं।
आज मीठे पानी के आवास प्रदूषण, बाँध परियोजनाओं और भूमि उपयोग परिवर्तन से प्रभावित हो रहे हैं। इन पारिस्थितिक तंत्रों की सुरक्षा सीमा-पार नदियों की जैव विविधता बनाए रखने के लिए ज़रूरी है।

स्थैतिक GK टिप: IUCN Red List विश्वभर की संकटग्रस्त प्रजातियों की स्थिति पर नज़र रखती है।

पूर्व खोजें

डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम की टीम ने पहले 2018 में Pethia poiensis की खोज उखरुल ज़िले की चाल्लौ नदी से की थी। इस तरह की खोजें वैश्विक स्तर पर मीठे पानी की प्रजातियों के डेटाबेस को विस्तार देती हैं और मणिपुर को मत्स्य अनुसंधान में अग्रणी बनाती हैं।

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विषय विवरण
प्रजाति का नाम Garra nambashiensis
स्थानीय नाम नुतुंग्नु (Nutungnu)
खोजकर्ता डॉ. बुंगडोन शांगनिंगम, धनमंजुरी विश्वविद्यालय
स्थान तारेतलोक नदी, कमजोंग ज़िला, मणिपुर
नदी प्रणाली चिंदविन नदी प्रणाली
भौतिक लक्षण चौकोर प्रॉबोसिस, 7–8 ट्यूबरकल्स, काले धब्बे
आकार 90–140 मिमी
समूह Garra वंश का प्रॉबोसिस समूह
उत्तर-पूर्व भारत में Garra प्रजातियाँ लगभग 60
टीम की पूर्व खोज Pethia poiensis (2018), चाल्लौ नदी, उखरुल
Garra nambashiensis discovery in Manipur
  1. मणिपुर में नई मीठे पानी की मछली गर्रा नम्बाशिएंसिस की खोज हुई।
  2. भारत-म्यांमार सीमा के पास कामजोंग जिले में तारेतलोक नदी में पाई गई।
  3. धनमंजुरी विश्वविद्यालय के डॉ. बंगडन शांगिंगम के नेतृत्व में खोज।
  4. यह प्रजाति बजरी की तलहटी वाली तेज़ बहने वाली उथली धाराओं में पनपती है।
  5. चिंदविन नदी प्रणाली इस मछली का निवास स्थान है।
  6. मछली में चतुर्भुज सूंड और 7-8 कंदिकाएँ होती हैं।
  7. पूंछ की ऊपरी प्लेट तक स्पष्ट काली धारियाँ पहुँचती हैं।
  8. वयस्क पूर्ण आकार में 90-140 मिमी तक बढ़ते हैं।
  9. मणिपुर के आदिवासी क्षेत्रों में इसे स्थानीय रूप से नुटुंगनु कहा जाता है।
  10. गर्रा प्रजाति के सूंड समूह से संबंधित है।
  11. पूर्वोत्तर भारत में लगभग 60 गर्रा प्रजातियाँ खोजी गई हैं।
  12. पूर्वोत्तर भारत में प्रोबोसिस समूह में 32 प्रजातियाँ शामिल हैं।
  13. चिंदविन नदी इरावदी नदी की सबसे बड़ी सहायक नदी है।
  14. भारत दुनिया के 17 महाविविध देशों में से एक है।
  15. यह खोज भारत-म्यांमार जैव विविधता हॉटस्पॉट की पारिस्थितिक समृद्धि पर प्रकाश डालती है।
  16. प्रदूषण, बांधों और आवास के नुकसान के कारण संरक्षण आवश्यक है।
  17. IUCN रेड लिस्ट वैश्विक स्तर पर लुप्तप्राय जलीय प्रजातियों पर नज़र रखती है।
  18. डॉ. बंगडन की टीम ने इससे पहले 2018 में पेथिया पोएंसिस की खोज की थी।
  19. निष्कर्षों से क्षेत्र में इचिथियोफ़ौना के वर्गीकरण संबंधी ज्ञान को बल मिला है।
  20. मणिपुर मीठे पानी की जैव विविधता अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण केंद्र साबित हुआ है।

Q1. नयी प्रजाति Garra nambashiensis कहाँ खोजी गई थी?


Q2. Garra nambashiensis की खोज का नेतृत्व किस वैज्ञानिक ने किया?


Q3. Garra nambashiensis किस कुल (Family) से संबंधित है?


Q4. Garra nambashiensis का स्थानीय नाम क्या है?


Q5. यह प्रजाति किस नदी तंत्र से जुड़ी हुई है?


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