परिचय
प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (OPSA) के कार्यालय ने ‘Future Farming in India: AI Playbook for Agriculture’ नामक रिपोर्ट जारी की है, जो AI for India 2030 पहल का हिस्सा है।
यह पहल C4IR इंडिया और विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सहयोग से शुरू की गई है।
इसका उद्देश्य एक उत्तरदायी और समावेशी एआई पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है, जो भारतीय कृषि को नवाचार और विस्तारशीलता (Scalability) के माध्यम से सशक्त बनाएगा।
AI for India 2030 की दृष्टि
OPSA और MeitY के मार्गदर्शन में शुरू की गई यह पहल भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में मानव-केंद्रित और जिम्मेदार एआई को एकीकृत करने की परिकल्पना करती है।
इस परियोजना का उद्देश्य समावेशिता, पारदर्शिता और नैतिक एआई उपयोग को सुनिश्चित करना है, विशेषकर कृषि जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में।
स्थिर जीके तथ्य: प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (OPSA) का कार्यालय 1999 में स्थापित किया गया था ताकि सरकार को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार नीतियों पर सलाह दी जा सके।
कृषि में एआई के प्रमुख फोकस क्षेत्र
रिपोर्ट में कई ऐसे एआई-आधारित उपयोग क्षेत्रों को चिन्हित किया गया है जो भारतीय कृषि में क्रांति ला सकते हैं —
- इंटेलिजेंट क्रॉप प्लानिंग: एआई टूल्स मिट्टी की गुणवत्ता, मौसम प्रवृत्तियों, बाजार कीमतों और आयात–निर्यात डेटा का विश्लेषण कर उत्तम फसल पैटर्न सुझाते हैं।
• स्मार्ट फार्मिंग: सैटेलाइट मॉनिटरिंग, कीट भविष्यवाणी, त्वरित मिट्टी विश्लेषण और स्वचालित मशीनरी से उत्पादन दक्षता बढ़ती है और इनपुट लागत घटती है।
• फार्म-टू-फोर्क समाधान: ट्रेसबिलिटी, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और फिनटेक आधारित मूल्य पूर्वानुमान से कृषि बाजारों में पारदर्शिता और लाभ बढ़ता है।
स्थिर जीके टिप: भारत की 44% कार्यबल कृषि पर निर्भर है, लेकिन इसका GDP में योगदान केवल 18% है — यह तकनीकी आधुनिकीकरण की आवश्यकता को दर्शाता है।
IMPACT AI फ्रेमवर्क
रिपोर्ट में Inclusive Multistakeholder Pathway for the Accelerated Convergence of AI Technologies (IMPACT AI) फ्रेमवर्क प्रस्तुत किया गया है।
यह तीन स्तंभों वाला मॉडल है जो एआई पारिस्थितिकी तंत्र के विकास का मार्गदर्शन करता है —
- Enable (सक्षम बनाना): डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) का निर्माण, एआई नीतियों का निर्माण, और एआई कौशल विकास को बढ़ावा देना।
- Create (सृजन करना): अभिनव एआई उत्पादों का विकास, एआई सैंडबॉक्स की स्थापना, और स्टार्टअप्स का समर्थन।
- Deliver (कार्यान्वयन): कृषि विस्तार प्रणालियों को सशक्त करना, एआई मार्केटप्लेस बनाना, और किसानों में जागरूकता बढ़ाना।
स्थिर जीके तथ्य: डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर (DPI) की अवधारणा भारत में आधार, UPI और DigiLocker जैसी सफल परियोजनाओं के बाद शासन का मुख्य स्तंभ बन गई।
एआई अपनाने में चुनौतियाँ
हालाँकि एआई कृषि में संभावनाएँ प्रचुर हैं, फिर भी कुछ प्रमुख चुनौतियाँ बनी हुई हैं —
- सीमित तकनीकी जागरूकता: भारत के केवल 20% किसान डिजिटल उपकरणों का उपयोग करते हैं।
• वित्तीय सीमाएँ: कम आय वाले किसान एआई समाधानों की लागत वहन करने में कठिनाई महसूस करते हैं।
• भूमि विखंडन: 85% किसान छोटे किसान हैं, जिनकी औसत भूमि 1.08 हेक्टेयर है, जिससे तकनीकी स्केलेबिलिटी सीमित होती है।
• निवेश की कमी: एआई इन्फ्रास्ट्रक्चर और मानव संसाधन में भारी निवेश की आवश्यकता होती है।
• जोखिम की धारणा: संस्थागत प्रमाणन की कमी से किसान नई तकनीकों को अपनाने में हिचकिचाते हैं।
स्थिर जीके टिप: भारत में 15 करोड़ से अधिक किसान हैं, जिनमें से अधिकांश मानसून आधारित कृषि पर निर्भर हैं, इसलिए डिजिटल समाधान लचीलापन और स्थिरता के लिए अनिवार्य हैं।
निष्कर्ष
‘Future Farming in India: AI Playbook for Agriculture’ रिपोर्ट भारत में कृषि के डेटा-आधारित, सतत और न्यायसंगत भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है।
सरकार, उद्योग और अकादमिक जगत के समन्वित प्रयासों से भारत 2030 तक एआई-सक्षम कृषि नवाचार के क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी बन सकता है।
स्थिर उस्तादियन करेंट अफेयर्स तालिका
| विषय (Topic) | विवरण (Detail) |
| जारी करने वाला संगठन | प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार का कार्यालय (OPSA) |
| पहल का नाम | AI for India 2030 |
| सहयोगी संगठन | विश्व आर्थिक मंच (WEF) और C4IR इंडिया |
| मुख्य फ्रेमवर्क | IMPACT AI फ्रेमवर्क |
| फ्रेमवर्क के स्तंभ | Enable, Create, Deliver |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | इंटेलिजेंट क्रॉप प्लानिंग, स्मार्ट फार्मिंग, फार्म-टू-फोर्क समाधान |
| डिजिटल तकनीक उपयोग करने वाले किसान | 20% से कम |
| छोटे किसान (Smallholders) | लगभग 85% |
| औसत भूमि जोत | 1.08 हेक्टेयर |
| लक्ष्य वर्ष | 2030 |





