भारत के पोषण अभियान को मजबूती
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने फोर्टिफाइड चावल योजना को दिसंबर 2028 तक बढ़ाने की मंज़ूरी दी है। इसके लिए ₹17,082 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है। योजना का मुख्य लक्ष्य एनीमिया और कुपोषण से निपटना है। प्रमुख लाभार्थी स्कूली बच्चे, किशोरियाँ और महिलाएँ हैं, जो सरकारी खाद्य सुरक्षा योजनाओं पर निर्भर हैं।
स्थैतिक जीके तथ्य: भारत की प्रजनन आयु की 50% से अधिक महिलाएँ एनीमिया से प्रभावित हैं, इसलिए फोर्टिफिकेशन राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति में एक प्रमुख हस्तक्षेप है।
पायलट से राष्ट्रव्यापी कवरेज तक
भारत का खाद्य फोर्टिफिकेशन सफर एनीमिया मुक्त भारत (AMB) अभियान, 2018 से शुरू हुआ। 2019 में फोर्टिफाइड चावल का पायलट प्रोजेक्ट शुरू हुआ, जिसने उत्साहजनक परिणाम दिए। इसी आधार पर 2022 में इसे पूरे देश में लागू किया गया। मार्च 2024 तक टीपीडीएस (TPDS) में पूरी तरह फोर्टिफाइड चावल वितरित किया जाने लगा। अब यह विस्तार 2028 तक निरंतर वितरण सुनिश्चित करेगा।
पीएम पोषण में फोर्टिफाइड भोजन
पीएम पोषण योजना (पहले मध्याह्न भोजन) में स्कूली भोजन में फोर्टिफाइड चावल शामिल है। चावल में लोहा (Iron), फोलिक एसिड और विटामिन B12 मिलाए जाते हैं, जो बच्चों में सीखने की क्षमता और विकास संबंधी चुनौतियों को कम करने में मदद करते हैं।
सरकार अन्य फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थ भी प्रोत्साहित करती है:
- डबल फोर्टिफाइड नमक (DFS): आयोडीन और लोहा
- खाद्य तेल: विटामिन A और D
फोर्टिफिकेशन की पूरी लागत केंद्र सरकार वहन करती है, जिससे राज्यों पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ता।
स्थैतिक जीके टिप: भारत में 2001 के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश से मध्याह्न भोजन को संवैधानिक अधिकार बनाया गया।
डेयरी आधारित पोषण समर्थन
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) अपनी फाउंडेशन के माध्यम से गिफ्ट मिल्क पहल चलाता है। इसके तहत अब तक:
- 7 लाख लीटर से अधिक फोर्टिफाइड दूध वितरित
- 11 राज्यों में लगभग 42,000 बच्चों को लाभ
- 35 लाख से अधिक “चाइल्ड मिल्क डे” उपलब्ध कराए गए
यह पहल बच्चों की डेयरी खपत और पोषण स्तर दोनों को बढ़ाती है।
महिलाओं और किशोरियों पर फोकस
गेहूँ आधारित पोषण कार्यक्रम (WBNP) और किशोरी बालिकाओं के लिए योजना (SAG) में 2021–22 से फोर्टिफाइड चावल शामिल किया गया। ये योजनाएँ महिलाओं और किशोरियों के स्वास्थ्य सुधार पर केंद्रित हैं, जिनमें आयरन और विटामिन की कमी थकान, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता और विकास समस्याएँ उत्पन्न करती है।
स्थैतिक जीके तथ्य: किशोरी बालिका योजना (SAG) 11 से 18 वर्ष की लड़कियों को पोषण, जीवन कौशल और स्वास्थ्य शिक्षा प्रदान करती है।
खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की भूमिका
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय (MoFPI) फोर्टिफिकेशन पारिस्थितिकी तंत्र को मज़बूत करने में सहायक है। इसके तहत कई प्रमुख योजनाएँ चलाई जा रही हैं:
- प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना (PMKSY)
- फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के लिए PLI स्कीम (PLISFPI)
- PM औपचारिकरण सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME)
ये योजनाएँ सीधे फोर्टिफिकेशन नहीं करतीं, लेकिन आधुनिक प्रसंस्करण इकाइयों, आपूर्ति श्रृंखला और पोषक खाद्य उत्पादन को सुदृढ़ बनाती हैं।
Static Usthadian Current Affairs Table
विषय | विवरण |
योजना की अवधि | दिसंबर 2028 तक बढ़ाई गई |
सरकारी फंडिंग | ₹17,082 करोड़ |
मुख्य उद्देश्य | एनीमिया और कुपोषण से लड़ना |
पायलट शुरुआत | 2019 |
राष्ट्रव्यापी लागू | 2022 |
TPDS में पूर्ण कवरेज | मार्च 2024 |
पीएम पोषण पोषक तत्व | लोहा, फोलिक एसिड, विटामिन B12 |
अन्य फोर्टिफाइड खाद्य | नमक (आयोडीन व लोहा), तेल (विटामिन A व D) |
NDDB गिफ्ट मिल्क कवरेज | 42,000 बच्चे, 11 राज्य |
महिला/किशोरी योजनाएँ | WBNP और SAG (2021–22 से) |